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केंद्र तय करे कि देश का नाम इंडिया हो या भारत : सुप्रीम कोर्ट

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Published : Jun 3, 2020, 2:02 PM IST

Updated : Jun 3, 2020, 7:11 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने इंडिया का नाम भारत करने वाली जनहित याचिका में किसी भी तरह के हस्तक्षेप से इनकार किया है और केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि वह इस बाबत यथोचित निर्णय ले.

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इंडिया का नाम बदलकर भारत करने वाली याचिका पर कोर्ट ने हस्तक्षेप से किया इंकार

नई दिल्ली : देश के लिए इंडिया की जगह भारत नाम का इस्‍तेमाल किए जाने की मांग करने वाली जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने किसी भी हस्तक्षेप से इनकार किया है. साथ ही कोर्ट ने केंद्र को आदेश दिया है कि वह इस मामले में हस्तक्षेप करे और इसके अनुरूप ही निर्णय लें.

गौरतलब है कि याचिकाकर्ता नमः ने देश के अंग्रेजी नाम 'इंडिया' को 'भारत' में बदलने के लिए एक दिशानिर्देश मांगा था. इससे पहले मंगलवार को चीफ जस्टिस एस.ए. बोबडे की अनुपस्थिति के चलते सुनवाई टली थी.

बता दें कि 29 मई को याचिका की सुनवाई करते हुए जस्टिस ऋषिकेश रॉय और एएस बोपन्ना ने इसे स्थगित करते हुए दो जून की तारीख तय की थी.

याचिका में कहा गया है कि इंडिया एक अंग्रेजी नाम है, जिसे बदलकर भारत रख दिया जाना चाहिए, ताकि लोग ब्रिटेन के औपनिवेशिक अतीत से दूर हो जाएं और अपनी राष्ट्रीयता में गर्व की भावना पैदा करें.

यह भी पढ़ें : 'इंडिया' नाम पर आपत्ति : याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

इससे पहले 2016 में इसी तरह की याचिका को शीर्ष अदालत ने खारिज कर दिया था.

कोर्ट ने इस दौरान याचिकाकर्ता को कड़ी फटकार लगाई थी और कहा कि आपको क्‍या लगता है कि कोर्ट के पास इस तरह के भावनात्‍मक मुद्दों पर ध्‍यान देने के अलावा और कोई काम नहीं है.

2016 में दाखिल की गई याचिका को जस्टिस टीएस ठाकुर और यूयू ललित की बेंच ने खारिज किया था.

नई दिल्ली : देश के लिए इंडिया की जगह भारत नाम का इस्‍तेमाल किए जाने की मांग करने वाली जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने किसी भी हस्तक्षेप से इनकार किया है. साथ ही कोर्ट ने केंद्र को आदेश दिया है कि वह इस मामले में हस्तक्षेप करे और इसके अनुरूप ही निर्णय लें.

गौरतलब है कि याचिकाकर्ता नमः ने देश के अंग्रेजी नाम 'इंडिया' को 'भारत' में बदलने के लिए एक दिशानिर्देश मांगा था. इससे पहले मंगलवार को चीफ जस्टिस एस.ए. बोबडे की अनुपस्थिति के चलते सुनवाई टली थी.

बता दें कि 29 मई को याचिका की सुनवाई करते हुए जस्टिस ऋषिकेश रॉय और एएस बोपन्ना ने इसे स्थगित करते हुए दो जून की तारीख तय की थी.

याचिका में कहा गया है कि इंडिया एक अंग्रेजी नाम है, जिसे बदलकर भारत रख दिया जाना चाहिए, ताकि लोग ब्रिटेन के औपनिवेशिक अतीत से दूर हो जाएं और अपनी राष्ट्रीयता में गर्व की भावना पैदा करें.

यह भी पढ़ें : 'इंडिया' नाम पर आपत्ति : याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

इससे पहले 2016 में इसी तरह की याचिका को शीर्ष अदालत ने खारिज कर दिया था.

कोर्ट ने इस दौरान याचिकाकर्ता को कड़ी फटकार लगाई थी और कहा कि आपको क्‍या लगता है कि कोर्ट के पास इस तरह के भावनात्‍मक मुद्दों पर ध्‍यान देने के अलावा और कोई काम नहीं है.

2016 में दाखिल की गई याचिका को जस्टिस टीएस ठाकुर और यूयू ललित की बेंच ने खारिज किया था.

Last Updated : Jun 3, 2020, 7:11 PM IST
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