चेन्नई : राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के विचारक गुरुमूर्ति के घर पर पेट्रोल बम फेंका गया. इस घटना में छह लोगों के शामिल होने की आशंका है.
जानकारी के मुताबिक छह बाइक सवार लोगों ने गुरुमूर्ति के घर पर रविवार देर रात पेट्रोल बम फेंका. इस संबंध में पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है. घटना की जांच की जा रही है.
यह मामला तुगलक की 50 वीं वर्षगांठ के कार्यक्रम में पेरियार ईवी रामासामी पर रजनीकांत की विवादास्पद टिप्पणियों की पृष्ठभूमि में आया है.
अनुभवी अभिनेता ने कथित तौर पर कहा कि 1971 में स्वर्गीय पेरियार की अगुवाई में एक रैली में, भगवान राम और सीता की मूर्तियों को उन पर बिना किसी कपड़े के निकाला गया था और देवताओं ने भी सैंडल की एक माला पहनाई गई थी.
अभिनेता रजनीकांत ने अपनी टिप्पणी के लिए यह कहते हुए माफी मांगने से इनकार कर दिया कि वे उन रिपोर्टों पर आधारित हैं, जो पहले ही मीडिया में दिखाई जा चुकी हैं.
शुक्रवार को, मद्रास उच्च न्यायालय ने रजनीकांत के खिलाफ पेरियार की टिप्पणी पर दायर एक मामले को खारिज कर दिया.
वहीं 15 जनवरी को गुरुमूर्ति ने आरोप लगाया था कि 'जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) का डीएनए देश के खिलाफ है. उन्होंने का कि या तो इसमें सुधार होना चाहिए या फिर यूनिवर्सिटी को ही बंद कर देना चाहिए.
पढ़ें-जेएनयू में मनाया गया गणतंत्र दिवस, NCC कैडेट्स की छात्राओं ने लिया हिस्सा
गुरुमूर्ति ने तुगलक के 50 वें स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में एक कार्यक्रम आयोजित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि जेएनयू के गठन में पृष्ठभूमि भारत-विरोधी है. इसका निर्माण देश के पूर्वजों, इसकी परंपराओं, इसकी आध्यात्मिकता और मूल्यों का विरोध करना था.
उन्होंने कहा कि 1969 में, जब कांग्रेस विभाजित हो गई और कम्युनिस्ट पार्टी ने इंदिरा गांधी का समर्थन किया, तो उन्होंने केवल एक अनुरोध सामने रखा कि आप (इंदिरा गांधी) जो चाहें ले लें लेकिन हमें (कम्युनिस्ट) शिक्षा विभाग दें.
जिसके बाद नुरुल हसन शिक्षा मंत्री बने. जेएनयू के निर्माण के पीछे उनकी दिमाग था, इसे कैसे बनाया जाना चाहिए, इसे कैसे चलाया जाना चाहिए और इसे किन विचारधाराओं का पालन करना चाहिए.
गुरुमूर्ति ने 1982 की घटना का हवाला देते हुए कहा कि यह पहले भी हो चुका की जेएनयू ने सरकार का वरोध किया हो.
उन्होंने कहा कि 1982 में जेएनयू कांग्रेस के खिलाफ हो गया था और देश के खिलाफ के भी. उस समय भी पुलिस को संस्थान के अंदर भेजा गया था और छात्रों की पिटाई हुई थी. यह कोई नई घटना नहीं है.
इस कार्यक्रम में मौजूद रजनीकांत ने भी पत्रिका पर प्रशंसा की और कहा, 'अगर किसी को मुरासोली ले जाते देखा जाता है, तो आप बता सकते हैं कि वे डीएमके से संबंधित हैं. अगर कोई तुगलक को ले जाता है, तो आप बता सकते हैं कि वह बुद्धीमान है.