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SC में राजनीतिक दलों को RTI के तहत लाने की याचिका दायर - आरटीआई

सुप्रीम कोर्ट में सभी राजनीतिक दलों को RTI के तहत लाने की याचिका दायर की गई है. इसमें में कहा गया है कि राजनीतिक दलों को चुनाव चिह्न आवंटित करने और आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन में उन्हें निलंबित करने या वापस लेने की भारत के निर्वाचन आयोग की शक्ति उनकी सार्वजनिक प्रकृति की ओर इंगित करता है.

सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)
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Published : Apr 7, 2019, 3:18 PM IST

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय में सभी पंजीकृत और मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को सूचना के अधिकार कानून के तहत 'सार्वजनिक प्राधिकरण' घोषित करने के निर्देश देने की मांग वाली एक याचिका दायर की गई है.

BJP नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय द्वारा याचिका में कहा गया है, 'जन प्रतिनिधि कानून की धारा 29सी के अनुसार राजनीतिक दलों को मिलने वाले दान की जानकारी भारत के निर्वाचन आयोग को दी जानी चाहिए. यह दायित्व उनकी सार्वजनिक प्रकृति की ओर इंगित करता है.'

इसमें कहा गया है, 'अत: यह अदालत घोषित कर सकती है कि राजनीतिक दल RTI कानून, 2005 की धारा 2(एच) के तहत 'सार्वजनिक प्राधिकरण' है.'

याचिका में कहा गया है कि राजनीतिक दलों को चुनाव चिह्न आवंटित करने और आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन में उन्हें निलंबित करने या वापस लेने की भारत के निर्वाचन आयोग की शक्ति उनकी सार्वजनिक प्रकृति की ओर इंगित करता है.

याचिका में ये निर्देश देने की भी मांग की गई है कि सभी पंजीकृत और मान्यता प्राप्त राजनीतिक पार्टियां चार सप्ताह के भीतर जन सूचना अधिकारी, सक्षम प्राधिकरण नियुक्त करें और आरटीआई कानून, 2005 के तहत सूचनाओं का खुलासा करें.

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय में सभी पंजीकृत और मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को सूचना के अधिकार कानून के तहत 'सार्वजनिक प्राधिकरण' घोषित करने के निर्देश देने की मांग वाली एक याचिका दायर की गई है.

BJP नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय द्वारा याचिका में कहा गया है, 'जन प्रतिनिधि कानून की धारा 29सी के अनुसार राजनीतिक दलों को मिलने वाले दान की जानकारी भारत के निर्वाचन आयोग को दी जानी चाहिए. यह दायित्व उनकी सार्वजनिक प्रकृति की ओर इंगित करता है.'

इसमें कहा गया है, 'अत: यह अदालत घोषित कर सकती है कि राजनीतिक दल RTI कानून, 2005 की धारा 2(एच) के तहत 'सार्वजनिक प्राधिकरण' है.'

याचिका में कहा गया है कि राजनीतिक दलों को चुनाव चिह्न आवंटित करने और आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन में उन्हें निलंबित करने या वापस लेने की भारत के निर्वाचन आयोग की शक्ति उनकी सार्वजनिक प्रकृति की ओर इंगित करता है.

याचिका में ये निर्देश देने की भी मांग की गई है कि सभी पंजीकृत और मान्यता प्राप्त राजनीतिक पार्टियां चार सप्ताह के भीतर जन सूचना अधिकारी, सक्षम प्राधिकरण नियुक्त करें और आरटीआई कानून, 2005 के तहत सूचनाओं का खुलासा करें.

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नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय में सभी पंजीकृत और मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को सूचना के अधिकार कानून के तहत 'सार्वजनिक प्राधिकरण' घोषित करने के निर्देश देने की मांग वाली एक याचिका दायर की गई है.



BJP नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय द्वारा याचिका में कहा गया है, 'जन प्रतिनिधि कानून की धारा 29सी के अनुसार राजनीतिक दलों को मिलने वाले दान की जानकारी भारत के निर्वाचन आयोग को दी जानी चाहिए. यह दायित्व उनकी सार्वजनिक प्रकृति की ओर इंगित करता है.'



इसमें कहा गया है, 'अत: यह अदालत घोषित कर सकती है कि राजनीतिक दल RTI कानून, 2005 की धारा 2(एच) के तहत 'सार्वजनिक प्राधिकरण' है.'



याचिका में कहा गया है कि राजनीतिक दलों को चुनाव चिह्न आवंटित करने और आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन में उन्हें निलंबित करने या वापस लेने की भारत के निर्वाचन आयोग की शक्ति उनकी सार्वजनिक प्रकृति की ओर इंगित करता है.



याचिका में ये निर्देश देने की भी मांग की गई है कि सभी पंजीकृत और मान्यता प्राप्त राजनीतिक पार्टियां चार सप्ताह के भीतर जन सूचना अधिकारी, सक्षम प्राधिकरण नियुक्त करें और आरटीआई कानून, 2005 के तहत सूचनाओं का खुलासा करें.


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