नई दिल्ली: बच्चों के अधिकारों के शीर्ष निकाय राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा नोटिस जारी किया है. इसके अलावा PETA ने भी प्रियंका को नोटिस जारी किया है.
NCPCR ने चुनाव प्रचार में कथित तौर पर बच्चों के उपयोग के मामले में नोटिस जारी किया है. एक अन्य मामले में पशुओं के साथ नैतिक व्यवहार के पक्षधर लोग (PETA) ने उस वीडियो पर संज्ञान लिया है जिसमें प्रियंका सांप के साथ दिख रही हैं.
NCPCR ने अपने इस नोटिस में चुनाव प्रचार में बच्चों के प्रयोग को लेकर आपत्ति प्रकट की है. यह भी उल्लेख किया गया है कि बंबई उच्च न्यायालय के चार अगस्त, 2014 को दिये आदेश में कहा गया है कि बच्चों का चुनाव प्रचार में शामिल नहीं किया जाना चाहिये.
आयोग ने कांग्रेस महासचिव गांधी को तीन दिन के भीतर ब्यौरा उपलब्ध कराने को कहा है. उनसे उन बच्चों के नाम, पते की जानकारी के साथ यह भी पूछा गया है कि नारेबाजी किस जगह हुई थी और वहां पर बच्चे किस प्रकार पहुंचे?
NCPCR ने नोटिस के संबंध में मीडिया को शिकायत अथवा शिकायतकर्ता के बारे में विस्तृत जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई है.
NCPCR ने कहा है कि यह शिकायत उस वीडियो को लेकर है जिसमें बच्चे गांधी के समक्ष अभद्र भाषा का प्रयोग करते दिख रहे हैं.
बता दें कि PETA एक अंतरराष्ट्रीय पशु अधिकार संगठन है. इसका मुख्यालय अमेरिकी शहर वर्जिनिया में है.
प्रियंका की सामने आई वीडियो में रायबरेली की है. चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी सपेरों के बीच नजर आईं.
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उन्होंने अचानक सांप को अपने हाथों से पकड़ लिया. उनका यह अंदाज देखकर लोग हैरान रह गए. इसी घटना पर PETA ने संज्ञान लिया है.
PETA ने अपने बयान में कहा है कि एक राजनेता होने के नाते उन्हें सभी लोगों से मुलाकात करनी चाहिए, लेकिन जहां तक सांपों का सवाल है, इनका प्रयोग गैरकानूनी है.
PETA इंडिया के सह निदेशक निकुंज शर्मा ने बताया कि वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट, 1972 के तहत ये एक अपराध है. इस श्रेणी में वे सभी लोग आते हैं जो शिकार करते हैं, पकड़ते हैं,खरीदते हों, प्रयोग करते हों या कोई नुकसान पहुंचाते हैं.
निकुंज शर्मा ने कहा कि कानून होने के बावजूद लोग सांपों को तंग और घुटन भरे बक्सों में बंद कर रखते हैं.