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असम के हिरासत शिविरों में तीन बांग्लादेशी समेत 28 लोगों की मौत

असम राज्य के विधानसभा में असम गण परिषद के विधायक उत्पल दत्त के सवाल के जवाब में संसदीय कार्य मंत्री चंद्र मोहन पटवारी ने कहा कि 21 नवम्बर तक हिरासत शिविरों में 'बीमारी के चलते' कुल 28 व्यक्तियों की मौत हुई है. इनलोगों की मौत असम में चल रहे हिरासत शिविरों में विभिन्न बीमारियों के कारण हुई है. जानें विस्तार से...

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Published : Nov 30, 2019, 11:45 PM IST

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प्रतीकात्मक चित्र

गुवाहाटी : असम में हिरासत शिविरों में विभिन्न बीमारियों के चलते मरने वाले 28 व्यक्तियों में से मात्र तीन के पते बांग्लादेश के थे. यह जानकारी राज्य विधानसभा में दी गई.

राज्य सरकार ने यह भी कहा कि उसने और हिरासत केंद्र स्थापित करने के लिए केंद्र सरकार को एक प्रस्ताव भेजा है. वर्तमान में छह हिरासत केंद्र हैं जबकि एक अन्य का निर्माण गोलपाड़ा जिले में चल रहा है.

असम गण परिषद के विधायक उत्पल दत्त के सवाल के जवाब में संसदीय कार्य मंत्री चंद्र मोहन पटवारी ने कहा कि 21 नवम्बर तक हिरासत शिविरों में 'बीमारी के चलते' कुल 28 व्यक्तियों की मौत हुई है.

उन्होंने कहा कि उनमें से मात्र तीन व्यक्तियों बासुदेव बिस्वास, नागेन दास और दुलाल मियां ने अपने पते बांग्लादेश के दिये थे, जबकि बाकी 25 के दर्ज पते असम के विभिन्न जिलों के थे.

ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) सदस्य अमिनुल इस्लाम द्वारा पूछे गए एक अन्य सवाल पर कि शवों को किन पतों पर भेजा गया, मंत्री ने कहा कि विभिन्न जिलों के पुलिस अधीक्षकों से सूचना एकत्रित की जा रही है.

इसे भी पढ़ें- अंतिम NRC से बाहर हुए हिन्दू बंगालियों की संख्या सार्वजनिक करेगी असम सरकार : हिमंत

कांग्रेस विधायक दुर्गा भुमजी ने जब पूछा कि क्या मृतकों के परिवार के सदस्यों को क्या कोई मुआवजा दिया गया है, पटवारी ने कहा कि ऐसा कोई प्रावधान नहीं है.

बुधवार को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा में कहा था कि हिरासत केंद्रों में किसी की भी मौत भय या दवाओं की कमी के चलते नहीं हुई है और सभी मौतें किसी न किसी बीमारी के चलते हुई हैं.

गृह प्रभार संभालने वाले असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल की ओर से पटवारी ने कहा कि छह हिरासत शिविरों में अभी कुल 988 लोग हैं जिसमें से 957 विदेशी घोषित हैं और 31 उनके बच्चे हैं.

गुवाहाटी : असम में हिरासत शिविरों में विभिन्न बीमारियों के चलते मरने वाले 28 व्यक्तियों में से मात्र तीन के पते बांग्लादेश के थे. यह जानकारी राज्य विधानसभा में दी गई.

राज्य सरकार ने यह भी कहा कि उसने और हिरासत केंद्र स्थापित करने के लिए केंद्र सरकार को एक प्रस्ताव भेजा है. वर्तमान में छह हिरासत केंद्र हैं जबकि एक अन्य का निर्माण गोलपाड़ा जिले में चल रहा है.

असम गण परिषद के विधायक उत्पल दत्त के सवाल के जवाब में संसदीय कार्य मंत्री चंद्र मोहन पटवारी ने कहा कि 21 नवम्बर तक हिरासत शिविरों में 'बीमारी के चलते' कुल 28 व्यक्तियों की मौत हुई है.

उन्होंने कहा कि उनमें से मात्र तीन व्यक्तियों बासुदेव बिस्वास, नागेन दास और दुलाल मियां ने अपने पते बांग्लादेश के दिये थे, जबकि बाकी 25 के दर्ज पते असम के विभिन्न जिलों के थे.

ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) सदस्य अमिनुल इस्लाम द्वारा पूछे गए एक अन्य सवाल पर कि शवों को किन पतों पर भेजा गया, मंत्री ने कहा कि विभिन्न जिलों के पुलिस अधीक्षकों से सूचना एकत्रित की जा रही है.

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कांग्रेस विधायक दुर्गा भुमजी ने जब पूछा कि क्या मृतकों के परिवार के सदस्यों को क्या कोई मुआवजा दिया गया है, पटवारी ने कहा कि ऐसा कोई प्रावधान नहीं है.

बुधवार को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा में कहा था कि हिरासत केंद्रों में किसी की भी मौत भय या दवाओं की कमी के चलते नहीं हुई है और सभी मौतें किसी न किसी बीमारी के चलते हुई हैं.

गृह प्रभार संभालने वाले असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल की ओर से पटवारी ने कहा कि छह हिरासत शिविरों में अभी कुल 988 लोग हैं जिसमें से 957 विदेशी घोषित हैं और 31 उनके बच्चे हैं.

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पीटीआई-भाषा संवाददाता 20:38 HRS IST




             
  • असम के हिरासत शिविरों में 28 की मौत, उनमें से तीन बांग्लादेश के



गुवाहाटी, 30 नवम्बर (भाषा) असम में हिरासत शिविरों में विभिन्न बीमारियों के चलते मरने वाले 28 व्यक्तियों में से मात्र तीन के पते बांग्लादेश के थे। यह जानकारी शनिवार को राज्य विधानसभा में दी गई।



राज्य सरकार ने यह भी कहा कि उसने और हिरासत केंद्र स्थापित करने के लिए केंद्र सरकार को एक प्रस्ताव भेजा है। वर्तमान में छह हिरासत केंद्र हैं जबकि एक अन्य का निर्माण गोलपाड़ा जिले में चल रहा है।



असम गण परिषद के विधायक उत्पल दत्त के सवाल के जवाब में संसदीय कार्य मंत्री चंद्र मोहन पटवारी ने कहा कि 21 नवम्बर तक हिरासत शिविरों में ‘‘बीमारी के चलते’’ कुल 28 व्यक्तियों की मौत हुई है।



उन्होंने कहा कि उनमें से मात्र तीन व्यक्तियों बासुदेव बिस्वास, नागेन दास और दुलाल मियां ने अपने पते बांग्लादेश के दिये थे जबकि बाकी 25 के दर्ज पते असम के विभिन्न जिलों के थे।



एआईयूडीएफ सदस्य अमिनुल इस्लाम द्वारा पूछे गए एक अन्य सवाल पर कि शवों को किन पतों पर भेजा गया, मंत्री ने कहा कि विभिन्न जिलों के पुलिस अधीक्षकों से सूचना एकत्रित की जा रही है।



कांग्रेस विधायक दुर्गा भुमजी ने जब पूछा कि क्या मृतकों के परिवार के सदस्यों को क्या कोई मुआवजा दिया गया है, पटवारी ने कहा कि ऐसा कोई प्रावधान नहीं है।



बुधवार को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा में कहा था कि हिरासत केंद्रों में किसी की भी मौत भय या दवाओं की कमी के चलते नहीं हुई है और सभी मौतें किसी न किसी बीमारी के चलते हुई हैं।



गृह प्रभार संभालने वाले मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल की ओर से पटवारी ने कहा कि छह हिरासत शिविरों में अभी कुल 988 लोग हैं जिसमें से 957 विदेशी घोषित हैं और 31 उनके बच्चे हैं।

 


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