नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर बुधवार को सुनवाई की और सीएए पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. लेकिन शीर्ष अदालत ने केंद्र से चार हफ्तों में जवाब मांगा है और उसके बाद मामले की सुनवाई की बात कही है. सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद कांग्रेस ने उम्मीद जाहिर की है कि अदालत से इस मसले पर न्याय मिलेगा.
कांग्रेस प्रवक्ता जियवीर शेरगिल ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि कांग्रेस पार्टी को उम्मीद है कि जो लोग धर्म के नाम पर देश को बंटता नहीं देखना चाहते हैं, उन्हें सुप्रीम कोर्ट से न्याय मिलेगा. सुप्रीम कोर्ट के बराबर का दरबार जनता का दरबार है. जनता के दरबार ने अपना न्याय सुना दिया है कि यह असंवैधानिक कानून देश को कतई मंजूर नहीं है.
यह पूछे जाने पर कि गृहमंत्री अमित शाह ने नागरिकता कानून को किसी भी कीमत पर वापस नहीं लेने का एलान किया है, शेरगिल ने शायराना अंदाज में जवाब देते हुए कहा कि जो आज साहिबे मसनद हैं, वह कल नहीं होंगे. किराएदार हैं, मर्जी का मकान थोड़ी है. हम सभी का खून मिला इस मिट्टी में, हिंदुस्तान किसी के बाप का थोड़े ही है.
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भाजपा ने बुधवार को दिन में कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा थि कि वह मुस्लिम लीग बन गई है. इस संदर्भ में शेरगिल ने कहा कि खाली दिमाग शैतान का घर. बेरोजगारी का असर तो देखिए. भाजपा के प्रवक्ता बेरोजगार हो गए हैं क्योंकि उनके पास कोई काम नहीं है, इसलिए वह कांग्रेस का नाम रख रहे हैं.
शेरगिल ने उल्टे सवाल दागते हुए कहा कि क्या भाजपा का नाम नाथूराम गोडसे पार्टी नहीं रखना चाहिए? क्या बीजेपी का नाम भ्रष्ट जुमला पार्टी नहीं रखना चाहिए ?क्या भाजपा का नाम फेंकाऊ जनता पार्टी नहीं रखना चाहिए?