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मिशन शक्ति : US रक्षा मंत्रालय का भारत को समर्थन, NASA की राय को नकारा - pentagon backs india on ASAT

भारत के उपग्रह भेदी मिसाइल परीक्षण (ए-सैट) पर प्रतिक्रिया देते हुए नासा ने इसे अंतरिक्ष यात्रियों के लिए नुकसानदायक बताया था.

परीक्षण की तस्वीर.
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Published : Apr 5, 2019, 6:18 PM IST

Updated : Apr 5, 2019, 6:49 PM IST

वॉशिंगटन: अमेरिका की अंतरिक्ष ऐजेंसी NASA ने भारत के 'मिशन शक्ति' परीक्षण के बाद इसे अंतरिक्ष के लिए खतरनाक बताया था. हालांकि, अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के मुख्यालय पेंटागन ने NASA के बयान को नकारा है. पेंटागन ने भारत का समर्थन करते हुए कहा कि मिशन शक्ति सैटेलाइट मिसाइल टेस्ट से अंतरिक्ष में तैयार मलबा वातावरण में ही जलकर नष्ट हो जाएगा.

बता दें कि भारत ने पृथ्वी की निचली कक्षा में 300 किलोमीटर की रेंज पर मौजूद एक सैटलाइट को मार गिराया था. इसकी जानकारी खुद पीएम मोदी ने देश को दी थी. उन्होंने देश के नाम संबोधन में बताया था कि ऐसा करके भारत ने स्पेस पावर के तौर पर खुद को स्थापित किया है.

पीए मोदी ने बताया था कि भारत का यह ऐंटी-सैटलाइट मिसाइल पूरी तरह से स्वदेशी है. इस टेस्ट को चिर-प्रतिद्वंद्वियों पाकिस्तान और चीन के लिए कड़ा संदेश भी माना जा रहा था.

45 दिनों में नष्ट होने की उम्मीद
भारतीय वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों ने भी NASA के बयान को नकारते हुए उम्मीद जताई कि 45 दिनों में मिशन शक्ति परीक्षण का मलबा नष्ट हो जाएगा.

परीक्षण से 400 मलबे के टुकड़े फैले
NASA ने भारत के मिशन शक्ति परीक्षण को बेहद भयानक बताया था. NASA प्रमुख जिम ब्रिडेनस्टाइन ने कहा था कि इसकी वजह से अंतरिक्ष की कक्षा में करीब 400 मलबे के टुकड़े फैल गए हैं. उनके मुताबिक इससे इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में मौजूद अंतरिक्ष यात्रियों के लिए एक नया खतरा पैदा हो गया है.

मानव को अंतरिक्ष में भेजना मुश्किल
NASA चीफ ने भारत के परीक्षण की याद दिलाते हुए कहा था कि यह भयानक, बेहद भयानक है कि ऐसा काम किया गया जिससे मलबा अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन से भी ऊपर जा रहा है. ऐसी गतिविधियों की वजह से भविष्य में मानव को अंतरिक्ष में भेजना मुश्किल हो जाएगा.' NASA ने भारतीय टेस्ट को अस्वीकार किया था.

चीन के प्रयोग से 3 हजार मलबे के टुकड़े
NASA के मुताबिक यूएस मिलिट्री फिलहाल ऐसे 23,000 ऑब्जेक्ट पर नजर रखे हुए है जिनका साइज 10 सेंटीमीटर से ज्यादा है. इसमें 10,000 टुकड़े अंतरिक्ष मलबे के भी हैं. इनमें से 3 हजार सिर्फ चीन द्वारा 2007 में किए गए ऐसे ही प्रयोग की वजह से फैले थे.

धीरे-धीरे कम होगा खतरा
अब भारत द्वारा टेस्ट करने के बाद मलबे का स्पेस स्टेशन से टकराने के चांस 44 प्रतिशत बढ़ गए हैं. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि जैसे-जैसे मलबा वायुमंडल में प्रवेश करेगा वैसे-वैसे खतरा कम हो जाएगा.

(एक्स्ट्रा इनपुट-भाषा से)

वॉशिंगटन: अमेरिका की अंतरिक्ष ऐजेंसी NASA ने भारत के 'मिशन शक्ति' परीक्षण के बाद इसे अंतरिक्ष के लिए खतरनाक बताया था. हालांकि, अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के मुख्यालय पेंटागन ने NASA के बयान को नकारा है. पेंटागन ने भारत का समर्थन करते हुए कहा कि मिशन शक्ति सैटेलाइट मिसाइल टेस्ट से अंतरिक्ष में तैयार मलबा वातावरण में ही जलकर नष्ट हो जाएगा.

बता दें कि भारत ने पृथ्वी की निचली कक्षा में 300 किलोमीटर की रेंज पर मौजूद एक सैटलाइट को मार गिराया था. इसकी जानकारी खुद पीएम मोदी ने देश को दी थी. उन्होंने देश के नाम संबोधन में बताया था कि ऐसा करके भारत ने स्पेस पावर के तौर पर खुद को स्थापित किया है.

पीए मोदी ने बताया था कि भारत का यह ऐंटी-सैटलाइट मिसाइल पूरी तरह से स्वदेशी है. इस टेस्ट को चिर-प्रतिद्वंद्वियों पाकिस्तान और चीन के लिए कड़ा संदेश भी माना जा रहा था.

45 दिनों में नष्ट होने की उम्मीद
भारतीय वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों ने भी NASA के बयान को नकारते हुए उम्मीद जताई कि 45 दिनों में मिशन शक्ति परीक्षण का मलबा नष्ट हो जाएगा.

परीक्षण से 400 मलबे के टुकड़े फैले
NASA ने भारत के मिशन शक्ति परीक्षण को बेहद भयानक बताया था. NASA प्रमुख जिम ब्रिडेनस्टाइन ने कहा था कि इसकी वजह से अंतरिक्ष की कक्षा में करीब 400 मलबे के टुकड़े फैल गए हैं. उनके मुताबिक इससे इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में मौजूद अंतरिक्ष यात्रियों के लिए एक नया खतरा पैदा हो गया है.

मानव को अंतरिक्ष में भेजना मुश्किल
NASA चीफ ने भारत के परीक्षण की याद दिलाते हुए कहा था कि यह भयानक, बेहद भयानक है कि ऐसा काम किया गया जिससे मलबा अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन से भी ऊपर जा रहा है. ऐसी गतिविधियों की वजह से भविष्य में मानव को अंतरिक्ष में भेजना मुश्किल हो जाएगा.' NASA ने भारतीय टेस्ट को अस्वीकार किया था.

चीन के प्रयोग से 3 हजार मलबे के टुकड़े
NASA के मुताबिक यूएस मिलिट्री फिलहाल ऐसे 23,000 ऑब्जेक्ट पर नजर रखे हुए है जिनका साइज 10 सेंटीमीटर से ज्यादा है. इसमें 10,000 टुकड़े अंतरिक्ष मलबे के भी हैं. इनमें से 3 हजार सिर्फ चीन द्वारा 2007 में किए गए ऐसे ही प्रयोग की वजह से फैले थे.

धीरे-धीरे कम होगा खतरा
अब भारत द्वारा टेस्ट करने के बाद मलबे का स्पेस स्टेशन से टकराने के चांस 44 प्रतिशत बढ़ गए हैं. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि जैसे-जैसे मलबा वायुमंडल में प्रवेश करेगा वैसे-वैसे खतरा कम हो जाएगा.

(एक्स्ट्रा इनपुट-भाषा से)

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भारत के उपग्रह भेदी मिसाइल परीक्षण (ए-सैट) पर प्रतिक्रिया देते हुए नासा ने इसे अंतरिक्ष यात्रियों के लिए नुकसानदायक बताया था. 

 


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Last Updated : Apr 5, 2019, 6:49 PM IST
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