पूर्वी सिंहभूम : झारखंड के घाटशिला संत नंदलाल स्मृति विद्या मंदिर स्कूल प्रबंधन की ओर से एलकेजी और यूकेजी के बच्चों को पाकिस्तान और बांग्लादेश का राष्ट्रगान याद करने का टास्क वाट्सएप के माध्यम से दिया गया है. इसे लेकर विवाद हो गया है. लोगों का गुस्सा स्कूल प्रबंधन के खिलाफ भड़क गया है. लोगों ने इस मामले को बेहद संवेदनशील मानते हुए दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.
स्थानीय लोगों का कहना है कि छोटे बच्चों के मन में दूसरे देश के राष्ट्रगान और राष्ट्र चिन्ह के प्रति सम्मान प्रकट करना सिखाया जाना गलत है.
बच्चों को पड़ोसी देशों के राष्ट्रगान को याद करने का टास्क
कोरोना काल में सभी शिक्षण संस्थान बंद हैं. ऐसे में कई शिक्षण संस्थानों में बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाया जा रहा है. स्कूल प्रबंधन के निर्देश पर अलग-अलग क्लास के बच्चों का वाट्सएप और अन्य माध्यमों से ग्रुप बनाकर पढ़ाई कराई जा रही है. ऑनलाइन क्लास के दौरान ही बच्चों को टास्क भी दिए जा रहे हैं.
घाटशिला संत नंदलाल स्मृति विद्या मंदिर स्कूल की ओर से 7 और 8 जुलाई को एलकेजी और यूकेजी के बच्चों को पाकिस्तान और बांग्लादेश का राष्ट्रगान सहित राष्ट्र चिन्ह के बारे में बताया गया. शिक्षिका ने एलकेजी और यूकेजी के ग्रुप में मैसेज देकर बच्चों को भारत के साथ ही पाकिस्तान और बांग्लादेश का राष्ट्रगान याद करने का टास्क दिया. उन्होंने बच्चों को तीन अलग-अलग ग्रुप में बांटकर अलग-अलग देश के राष्ट्रगान की प्रैक्टिस करने का निर्देश दिया.
प्रिंसिपल ने मांगी माफी
स्कूल में एक ग्रुप के बच्चों को भारत का राष्ट्रगान याद करने को दिया गया, जबकि दो अन्य ग्रुप के बच्चों को पाकिस्तान और बांग्लादेश के राष्ट्रगान को प्रैक्टिस करने का टास्क मिला. स्कूल प्रबंधन के निर्देश पर शिक्षिका की ओर से दिए गए टास्क के बाद हंगामा शुरू हो गया है.
स्कूल के प्रिंसिपल घाटशिला से बाहर हैं. ऐसे में जब उनसे संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि इंटरनेशनल स्कूल और ब्रिटिश काउंसिल की ओर से आयोजित प्रोग्राम के लिए बच्चों को पड़ोसी देश की जानकारी के लिए एक प्रोजेक्ट दिया गया था.
उन्होंने कहा कि जैसे ही हमें जानकारी मिली कि कुछ अभिभावकों को इस टास्क से आपत्ति है, उन्होंने टास्क वापस ले लिया है. प्रिंसिपल ने कहा कि अगर कोई भी इस टास्क से आहत हैं तो उनसे माफी मांगते हैं.
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मुख्यमंत्री से कार्रवाई की मांग
वहीं, बहरागोड़ा के पूर्व विधायक कुणाल षाडंगी ने अपनी नाराजगी जताते हुए कहा कि आखिर इस प्राइवेट स्कूल को किस परिस्थिति में बच्चों को पाकिस्तान और बांग्लादेश का राष्ट्रगान याद करने और गाने का निर्देश दिया गया है, यह दुर्भाग्यपूर्ण है. साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की.