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यूएनएससी में कश्मीर पर चर्चा : पाक का चीन समर्थित प्रयास विफल रहा

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Published : Aug 6, 2020, 12:18 PM IST

Updated : Aug 6, 2020, 5:18 PM IST

भारत के एक शीर्ष राजनयिक ने कहा कि कश्मीर मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाने की पाकिस्तान की कोशिश एक बार फिर नाकाम रही है. पाकिस्तान ने चीन के सहयोग से इस मामले पर चर्चा के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक बुलाई जो बेनतीजा रही.

कश्मीर पर चर्चा का पाकिस्तान का चीन समर्थित प्रयास विफल
कश्मीर पर चर्चा का पाकिस्तान का चीन समर्थित प्रयास विफल

न्यूयॉर्कः भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में कश्मीर के द्विपक्षीय मुद्दे को खारिज करने के लिए किए गए एकतरफा और असफल प्रयास के लिए पाकिस्तान को फटकार लगाई और कहा कि पाकिस्तान की इस अपील में कोई दम नहीं है अभी इसके लिए न तो समय है और ना जरूरत.

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी एस तिरुमूर्ति ने बताया कि जम्मू और कश्मीर पर संयुक्त राष्ट्र में किसी भी तरह की अड़चन डालने में पाकिस्तान एक बार फिर से असफल रहा है और परिषद के सदस्यों ने उसके इरादों को भांप लिया है.

तिरुमूर्ति ने कहा कि बैठक में लगभग सभी देश इस बात से सहमत थे कि कश्मीर भारत और पाकिस्तान का एक द्विपक्षीय मुद्दा है.

राजदूत तिरुमूर्ति ने ट्विटर पर पोस्ट किया कि यूएनएससी की बैठक जिसे अनौपचारिक रूप से बंद कर दिया गया था वो आयोजित हुई और बिना किसी नतीजे पर पहुंचे समाप्त हुई जिसमेंलगभग सभी देशों ने इस बात को रेखांकित किया कि जम्मू कश्मीर द्विपक्षीय मुद्दा है और उसे तवज्जो दिए जाने की जरूरत नहीं है.

इस बीच एक सूत्र ने बताया कि यूएनएससी की बैठक में संयुक्त राज्य अमेरिका ने मोर्चा संभाल लिया और कोई परिणाम नहीं मिलने के बावजूद मजबूती से भारत के साथ सहमत दिखा.

जब से भारत ने संसद में कानून पारित किया है और अनुच्छेद 370 हटाकर संविधान के तहत जम्मू और कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बदल दिया है तब से पाकिस्तान जम्मू और कश्मीर के मुद्दे को उठाने के लिए संयुक्त राष्ट्र के विभिन्न मंचों का इस्तेमाल कर रहा है.

पाकिस्तान ने अनुच्छेद 370 और 35 A को निरस्त करने के खिलाफ अपने अभियान को आगे बढ़ाया और यूएनएससी में कश्मीर पर एक बैठक आयोजित करने के लिए यूएनएससी के एक स्थायी सदस्य चीन को राजी किया. इसके बाद 15 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र निकाय ने बंद दरवाजे में एक अनौपचारिक बैठक की जिसमें किसी भी मुद्दे को उठाया जा सकता है.

कोई रिकॉर्ड नहीं रखा गया है और बंद दरवाजे की अनौपचारिक बैठकों के लिए कोई प्रेस बयान भी जारी नहीं किया गया है और न ही यूएनएससी द्वारा कोई औपचारिक नतीजों की घोषणा की गई है.

चीन जो कि यूएनएससी का एक स्थायी सदस्य है वो भी पिछली मई में हांगकांग पर चर्चा को रोक नहीं सका था. भारत ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को स्पष्ट रूप से बताया है कि संविधान के अनुच्छेद 370 को समाप्त करना उसका आंतरिक मामला था.

न्यूयॉर्कः भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में कश्मीर के द्विपक्षीय मुद्दे को खारिज करने के लिए किए गए एकतरफा और असफल प्रयास के लिए पाकिस्तान को फटकार लगाई और कहा कि पाकिस्तान की इस अपील में कोई दम नहीं है अभी इसके लिए न तो समय है और ना जरूरत.

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी एस तिरुमूर्ति ने बताया कि जम्मू और कश्मीर पर संयुक्त राष्ट्र में किसी भी तरह की अड़चन डालने में पाकिस्तान एक बार फिर से असफल रहा है और परिषद के सदस्यों ने उसके इरादों को भांप लिया है.

तिरुमूर्ति ने कहा कि बैठक में लगभग सभी देश इस बात से सहमत थे कि कश्मीर भारत और पाकिस्तान का एक द्विपक्षीय मुद्दा है.

राजदूत तिरुमूर्ति ने ट्विटर पर पोस्ट किया कि यूएनएससी की बैठक जिसे अनौपचारिक रूप से बंद कर दिया गया था वो आयोजित हुई और बिना किसी नतीजे पर पहुंचे समाप्त हुई जिसमेंलगभग सभी देशों ने इस बात को रेखांकित किया कि जम्मू कश्मीर द्विपक्षीय मुद्दा है और उसे तवज्जो दिए जाने की जरूरत नहीं है.

इस बीच एक सूत्र ने बताया कि यूएनएससी की बैठक में संयुक्त राज्य अमेरिका ने मोर्चा संभाल लिया और कोई परिणाम नहीं मिलने के बावजूद मजबूती से भारत के साथ सहमत दिखा.

जब से भारत ने संसद में कानून पारित किया है और अनुच्छेद 370 हटाकर संविधान के तहत जम्मू और कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बदल दिया है तब से पाकिस्तान जम्मू और कश्मीर के मुद्दे को उठाने के लिए संयुक्त राष्ट्र के विभिन्न मंचों का इस्तेमाल कर रहा है.

पाकिस्तान ने अनुच्छेद 370 और 35 A को निरस्त करने के खिलाफ अपने अभियान को आगे बढ़ाया और यूएनएससी में कश्मीर पर एक बैठक आयोजित करने के लिए यूएनएससी के एक स्थायी सदस्य चीन को राजी किया. इसके बाद 15 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र निकाय ने बंद दरवाजे में एक अनौपचारिक बैठक की जिसमें किसी भी मुद्दे को उठाया जा सकता है.

कोई रिकॉर्ड नहीं रखा गया है और बंद दरवाजे की अनौपचारिक बैठकों के लिए कोई प्रेस बयान भी जारी नहीं किया गया है और न ही यूएनएससी द्वारा कोई औपचारिक नतीजों की घोषणा की गई है.

चीन जो कि यूएनएससी का एक स्थायी सदस्य है वो भी पिछली मई में हांगकांग पर चर्चा को रोक नहीं सका था. भारत ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को स्पष्ट रूप से बताया है कि संविधान के अनुच्छेद 370 को समाप्त करना उसका आंतरिक मामला था.

Last Updated : Aug 6, 2020, 5:18 PM IST
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