इस्लामाबाद : पाकिस्तान ने रविवार को कहा कि कुलभूषण जाधव मामले में उसने आईसीजे के फैसले का 'पूरी तरह पालन' किया है. कुछ दिनों पहले इस मामले में भारत के वकील ने कहा था कि नई दिल्ली को उम्मीद थी कि वह मौत की सजा प्राप्त जाधव को रिहा कराने के लिए इस्लामाबाद को 'अनौपचारिक माध्यम' से मना लेंगे.
भारतीय नौसेना के 49 वर्षीय सेवानिवृत्त अधिकारी को पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने अप्रैल 2017 में 'जासूसी और आतंकवाद' के आरोपों में मौत की सजा सुनाई थी. कुछ हफ्ते बाद भारत ने जाधव को राजनयिक पहुंच देने से इंकार करने और उनकी मौत की सजा को अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) में चुनौती दी थी.
हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) में जाधव मामले में भारत के मुख्य वकील हरीश साल्वे थे. आईसीजे ने पिछले वर्ष जुलाई में फैसला दिया कि पाकिस्तान को जाधव की सजा पर 'प्रभावी समीक्षा और पुनर्विचार' करना चाहिए और अविलंब राजनयिक पहुंच मुहैया करानी चाहिए.
साल्वे ने तीन मई को लंदन से ऑनलाइन बात करते हुए कहा, 'हमें उम्मीद थी कि हम अनौपचारिक माध्यम से पाकिस्तान को उन्हें छोड़ने के लिए मना लेंगे. अगर वे मानवीय आधार या कुछ और आधार पर कहना चाहते हैं तो हम उनकी वापसी चाहते हैं. हमने कहा कि उन्हें छोड़ दिया जाए. क्योंकि यह पाकिस्तान में अहं का बड़ा कारण बन गया है. इसलिए हमें उम्मीद थी कि वे उन्हें जाने देंगे. लेकिन उन्होंने नहीं छोड़ा.'
साल्वे की टिप्पणी पर जवाब देते हुए पाकिस्तान के विदेश कार्यालय की प्रवक्ता आईशा फारूकी ने कहा कि जाधव मामले में भारत के वकील के बयानों पर इस्लामाबाद ने गौर किया है.
उन्होंने कहा कि साल्वे ने वापस आईसीजे का दरवाजा खटखटाने की बात कहकर कुछ ऐसे बयान दिए हैं जो मामले के तथ्यों के विपरीत हैं.
फारूकी ने कहा, 'हम भारत के वकील के निराधार एवं असत्य कथन को पूरी तरह खारिज करते हैं कि पाकिस्तान ने मामले में आईसीजे के फैसले का अनुपालन नहीं किया है. पाकिस्तान ने पूरी तरह फैसले का पालन किया है और मामला जैसे-जैसे आगे बढ़ेगा, वह उसी तरह से पालन करता रहेगा.'
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने जाधव को भारतीय राजनयिक पहुंच की मंजूरी दी और आईसीजे के फैसले के अनुरूप प्रभावी समीक्षा और पुनर्विचार के उपायों की प्रक्रिया कर रहा है.
प्रवक्ता ने कहा कि जिम्मेदार देश होने के नाते पाकिस्तान सभी अंतरराष्ट्रीय दायित्वों से बंधा हुआ है.
उन्होंने कहा कि 'यह दुखद है कि साल्वे ने ऐसे बयान दिए, जो असत्य है और तथ्यात्मक रूप से गलत हैं.'
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