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'लोकसभा चुनाव के बाद भारत के साथ फिर से बातचीत होने की आशा कर रहा पाक'

पाक राजदूत ने कहा कि हम भारत में चुनाव होने के बाद फिर से बातचीत शुरू होने की आशा करते हैं. उन्होंने कहा कि दोनों देशों कूटनीति और वार्ता बहुत जरूरी हैं.

पाक उच्चायुक्त सोहैल महमूद. (सौ. social media)
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Published : Apr 15, 2019, 12:02 AM IST

नई दिल्ली: पाकिस्तान के निवर्तमान उच्चायुक्त सोहैल महमूद ने कहा कि पाकिस्तान भारत के साथ फिर से बाचतीत शुरू होने की आशा कर रहा है. उन्होंने कहा कि योजनाबद्ध वार्ताओं से दोनों देशों को अपनी पारस्परिक चिंताओं को समझने, लंबित विवादों का हल खोजने और क्षेत्र में शांति और सुरक्षा कायम रखने में मदद मिलेगी.

पाकिस्तान के अगले विदेश सचिव नियुक्त किए गए महमूद ने कहा कि भारत में पाकिस्तान के बारे में एक वस्तुनिष्ठ विमर्श की जरूरत है, जो शांतिपूर्ण, सहयोगी और अच्छे पड़ोसी संबंधों को प्रोत्साहित कर सके.

उन्होंने कहा, 'हम भारत में चुनाव होने के बाद फिर से बातचीत शुरू होने की आशा करते हैं. कूटनीति और वार्ता बहुत जरूरी हैं.' भारत में करीब 19 महीने तक पाकिस्तान का उच्चायुक्त रहने के बाद महमूद रविवार को इस्लामाबाद लौट गए. उनके मंगलवार को नया कार्यभार संभालने की उम्मीद है.

गौरतलब है कि पुलवामा आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के बालाकोट में 26 फरवरी को एक आतंकी प्रशिक्षण ठिकाने पर भारतीय वायुसेना द्वारा किए गए हमले और इसके अगले ही दिन की गई पाकिस्तान की जवाबी कार्रवाई के करीब छह हफ्ते बाद यह टिप्पणी आई है.

दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ जाने से युद्ध की आशंका पैदा हो गई थी और अमेरिका एवं चीन जैसे देशों ने परमाणु हथियारों से लैस दोनों देशों के बीच तनाव कम करने में भूमिका निभाई थी.

महमूद ने कहा कि कूटनीति और वार्ता दोनों पड़ोसी देशों के बीच संबंध बेहतर करने के लिए अनिवार्य हैं और बातचीत पारस्परिक चिंताओं को समझने और क्षेत्र में शांति, समृद्धि और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एकमात्र विकल्प है.

उन्होंने कहा, 'सतत बातचीत और योजनाबद्ध वार्ता दोनों देशों को पारस्परिक चिंताओं को समझने, लंबित विवादों का हल करने और क्षेत्र में टिकाऊ शांति, सुरक्षा और समृद्धि लाने में सक्षम बनाएगा.' उन्होंने यह भी कहा कि भारत में पाकिस्तान के बारे में विमर्श की समीक्षा करने की जरूरत है.

पढ़ें: 'बालाकोट हमले के बाद से 513 बार पाक ने संघर्षविराम का उल्लंघन किया'

महमूद ने कहा कि पाकिस्तान को वस्तुनिष्ठ रूप से और कहीं अधिक पूर्ण तरीके से हकीकत के साथ बयां करने वाले विमर्श की जरूरत है. एक ऐसा विमर्श जो शांतिपूर्ण, सहयोगी और अच्छे पड़ोसी संबंधों के लिए अवसरों को मान्यता देने में भी मदद करे.

उन्होंने कहा, 'हमें अवश्य ही हमारे खुद के लिए एवं क्षेत्र के लिए टिकाऊ शांति, समान सुरक्षा और साझा समृद्धि के लिए काम करना चाहिए.' गौरतलब है कि पाकिस्तान ने तनाव घटाने की कोशिश के तहत दो हफ्ते पहले 360 भारतीय कैदियों को सदभावना के तहत रिहा करने की घोषणा की थी. उनमें से ज्यादातर लोग मछुआरे थे.

आपको बता दें, पाकिस्तान में सालाना बैशाखी समारोह में भाग लेने के लिए भारत से 2,200 सिख श्रद्धालुओं को यहां स्थित पाकिस्तान उच्चायोग द्वारा वीजा दिए जाने के बाद यह कदम उठाया गया.

करतारपुर कॉरीडोर परियोजना के बारे में पूछे जाने पर पाकिस्तानी उच्चायुक्त ने कहा कि इस्लामाबाद अपनी ओर बुनियादी ढांचे को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है. पाक सरकार आशा करती है कि नवंबर 2019 से पहले इसके तौर तरीकों पर दोनों देश सहमत हो जाएंगे.

जनवरी 2016 में पठानकोट एयरबेस पर हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने घोषणा की थी कि वह पाकिस्तान के साथ तब तक वार्ता नहीं करेगा जब तक कि वह सीमा पार से आतंकवाद नहीं बंद कर देता.
(इनपुट भाषा)

नई दिल्ली: पाकिस्तान के निवर्तमान उच्चायुक्त सोहैल महमूद ने कहा कि पाकिस्तान भारत के साथ फिर से बाचतीत शुरू होने की आशा कर रहा है. उन्होंने कहा कि योजनाबद्ध वार्ताओं से दोनों देशों को अपनी पारस्परिक चिंताओं को समझने, लंबित विवादों का हल खोजने और क्षेत्र में शांति और सुरक्षा कायम रखने में मदद मिलेगी.

पाकिस्तान के अगले विदेश सचिव नियुक्त किए गए महमूद ने कहा कि भारत में पाकिस्तान के बारे में एक वस्तुनिष्ठ विमर्श की जरूरत है, जो शांतिपूर्ण, सहयोगी और अच्छे पड़ोसी संबंधों को प्रोत्साहित कर सके.

उन्होंने कहा, 'हम भारत में चुनाव होने के बाद फिर से बातचीत शुरू होने की आशा करते हैं. कूटनीति और वार्ता बहुत जरूरी हैं.' भारत में करीब 19 महीने तक पाकिस्तान का उच्चायुक्त रहने के बाद महमूद रविवार को इस्लामाबाद लौट गए. उनके मंगलवार को नया कार्यभार संभालने की उम्मीद है.

गौरतलब है कि पुलवामा आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के बालाकोट में 26 फरवरी को एक आतंकी प्रशिक्षण ठिकाने पर भारतीय वायुसेना द्वारा किए गए हमले और इसके अगले ही दिन की गई पाकिस्तान की जवाबी कार्रवाई के करीब छह हफ्ते बाद यह टिप्पणी आई है.

दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ जाने से युद्ध की आशंका पैदा हो गई थी और अमेरिका एवं चीन जैसे देशों ने परमाणु हथियारों से लैस दोनों देशों के बीच तनाव कम करने में भूमिका निभाई थी.

महमूद ने कहा कि कूटनीति और वार्ता दोनों पड़ोसी देशों के बीच संबंध बेहतर करने के लिए अनिवार्य हैं और बातचीत पारस्परिक चिंताओं को समझने और क्षेत्र में शांति, समृद्धि और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एकमात्र विकल्प है.

उन्होंने कहा, 'सतत बातचीत और योजनाबद्ध वार्ता दोनों देशों को पारस्परिक चिंताओं को समझने, लंबित विवादों का हल करने और क्षेत्र में टिकाऊ शांति, सुरक्षा और समृद्धि लाने में सक्षम बनाएगा.' उन्होंने यह भी कहा कि भारत में पाकिस्तान के बारे में विमर्श की समीक्षा करने की जरूरत है.

पढ़ें: 'बालाकोट हमले के बाद से 513 बार पाक ने संघर्षविराम का उल्लंघन किया'

महमूद ने कहा कि पाकिस्तान को वस्तुनिष्ठ रूप से और कहीं अधिक पूर्ण तरीके से हकीकत के साथ बयां करने वाले विमर्श की जरूरत है. एक ऐसा विमर्श जो शांतिपूर्ण, सहयोगी और अच्छे पड़ोसी संबंधों के लिए अवसरों को मान्यता देने में भी मदद करे.

उन्होंने कहा, 'हमें अवश्य ही हमारे खुद के लिए एवं क्षेत्र के लिए टिकाऊ शांति, समान सुरक्षा और साझा समृद्धि के लिए काम करना चाहिए.' गौरतलब है कि पाकिस्तान ने तनाव घटाने की कोशिश के तहत दो हफ्ते पहले 360 भारतीय कैदियों को सदभावना के तहत रिहा करने की घोषणा की थी. उनमें से ज्यादातर लोग मछुआरे थे.

आपको बता दें, पाकिस्तान में सालाना बैशाखी समारोह में भाग लेने के लिए भारत से 2,200 सिख श्रद्धालुओं को यहां स्थित पाकिस्तान उच्चायोग द्वारा वीजा दिए जाने के बाद यह कदम उठाया गया.

करतारपुर कॉरीडोर परियोजना के बारे में पूछे जाने पर पाकिस्तानी उच्चायुक्त ने कहा कि इस्लामाबाद अपनी ओर बुनियादी ढांचे को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है. पाक सरकार आशा करती है कि नवंबर 2019 से पहले इसके तौर तरीकों पर दोनों देश सहमत हो जाएंगे.

जनवरी 2016 में पठानकोट एयरबेस पर हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने घोषणा की थी कि वह पाकिस्तान के साथ तब तक वार्ता नहीं करेगा जब तक कि वह सीमा पार से आतंकवाद नहीं बंद कर देता.
(इनपुट भाषा)

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Structured Indo-Pak engagement key to build edifice of durable peace: Pak
By Manash Pratim Bhuyan
         New Delhi, Apr 14 (PTI) Pakistan has said it was hoping for "re-engagement" with India after the Lok Sabha polls, noting that structured dialogue would enable the two countries to understand mutual concerns, resolve outstanding disputes and build the edifice of durable peace and security in the region.
         In an interview to PTI, Pakistan's outgoing High Commissioner Sohail Mahmood said diplomacy and dialogue are indispensable to improve ties between the two neighbours.
         "We hope for re-engagement after the elections in India. Diplomacy and dialogue are indispensable," he said.
         Tensions between the two countries worsened after the Pulwama terror attack and both the countries were almost on the brink of a war after India's military planes struck a terrorist training camp in Pakistan's Balakot on February 26 and Pakistan carried out a counter-offensive the next day.
          Mahmood, who has been appointed as Pakistan's next Foreign Secretary said dialogue between India and Pakistan was the only option to understand mutual concerns and ensure peace, prosperity and security in the region.
         "Sustained engagement and structured dialogue would enable the two countries to understand mutual concerns and differences, resolve outstanding disputes and build the edifice of durable peace, security and prosperity in the region," Mahmood said.
         He also said that there was a need to review the narrative about Pakistan in India.
         "A narrative is needed that captures the reality in Pakistan objectively and more fully. A narrative that also helps recognise opportunities for peaceful, cooperative and good neighbourly relations," he said.
         "We must strive for stable peace, equal security and shared prosperity for ourselves and the region," the envoy added.
         In signs of easing tensions, Pakistan around two weeks ago announced that it was releasing 360 Indian prisoners, mostly fishermen as a "goodwill gesture".
         The initiative was followed by Pakistan High Commission here granting visas to 2,200 Sikh pilgrims from India to facilitate their participation in the annual Baisakhi celebrations in Pakistan.
         Over two weeks after the Balakot strike, India and Pakistan held talks to finalise the modalities for setting up a corridor linking the Gurdwara Darbar Sahib in Pakistan's Kartarpur with Gurdaspur district in Punjab.
         Asked about the Kartarpur corridor project, the Pakistani High Commissioner said Islamabad was committed to completing the physical infrastructure on its side.
         "The government of Pakistan is proceeding in full measures to complete the physical infrastructure on its side and it is hopeful that the modalities will be mutually agreed between the two sides in good time before November 2019," he said.
         Last November, both India and Pakistan agreed to set up the Kartarpur corridor to link the historic Gurdwara Darbar Sahib -- the final resting place of Sikh faith's founder Guru Nanak Dev -- to Dera Baba Nanak in Gurdaspur.
         Kartarpur Sahib is located in Pakistan's Narowal district across the river Ravi, about four kilometres from the Dera Baba Nanak shrine.
         The relations between India and Pakistan remained tense since 2016. Former prime minister Nawaz Sharif had travelled to Delhi to attend Modi's oath-taking ceremony and the Indian premier had in December 2015 made a stopover in Lahore to greet his counterpart on his birthday.
         However, the ties nose-dived following a string of cross-border terror attacks in 2016 and India's subsequent surgical strikes. The sentencing of alleged Indian spy Kulbhushan Jadhav to death by a military court in April 2017 further deteriorated bilateral ties. PTI MPB
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