ETV Bharat / bharat

'कश्मीर को लेकर तनाव का 'तापी' पर प्रभाव नहीं पड़ेगा' - तनाव का 'तापी' पर प्रभाव नहीं

'तापी' गैस पाइपलाइन परियोजना पर कश्मीर मुद्दे का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. ये कहना पाकिस्तान का है. दस अरब डॉलर की परियोजना के भविष्य पर लंबे समय से संदेह था.

इमरान खान.
author img

By

Published : Sep 16, 2019, 8:12 AM IST

Updated : Sep 30, 2019, 7:02 PM IST

इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने तुर्कमेनिस्तान को आश्वासन दिया है कि भारत के साथ बढ़ते तनाव का 'तापी' गैस पाइपलाइन परियोजना पर असर नहीं पड़ेगा. नई दिल्ली और इस्लामाबाद के बीच कश्मीर को लेकर फिर से उपजे विवाद के परिप्रेक्ष्य में दस अरब डॉलर की परियोजना के भविष्य पर संदेह जताए जाने के बाद रविवार को मीडिया की खबरों में यह जानकारी दी गई.

जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किए जाने के मद्देनजर भारत और पाकिस्तान के बीच उपजे तनाव के बाद कुछ पाकिस्तानी विशेषज्ञों ने तुर्कमेनिस्तान- अफगानिस्तान- पाकिस्तान- भारत (तापी) गैस पाइपलाइन और अन्य परियोजनाओं के भविष्य पर संदेह जताया था.

एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने एक सरकारी अधिकारी के हवाले से कहा कि पाकिस्तान ने तुर्कमेनिस्तान को आश्वासन दिया है कि भारत के साथ बढ़ते तनाव का प्रभाव इस बड़ी परियोजना पर नहीं पड़ेगा.

तापी परियोजना में दक्षिण और मध्य एशियाई क्षेत्रों को गैस पाइपलाइन के माध्यम से जोड़ने का कार्यक्रम है और इसके माध्यम से दक्षिण एशिया में ऊर्जा की कमी को पूरा करने में मदद करना है.

पढ़ें: आतंक के खिलाफ कार्रवाई : PAK की कोशिशों पर FATF की नजर, निगरानी जारी

तापी परियोजना के तहत गैस पाइपलाइन युद्धग्रस्त अफगानिस्तान और पाकिस्तान से गुजरते हुए भारत पहुंचेगी. यह परियोजना क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के साथ शांति एवं स्थिरता सुनिश्चित करेगी. इस परियोजना में दोनों क्षेत्र सड़क, रेल और फाइबर केबल नेटवर्क से जुड़ेंगे.

अधिकारियों ने बताया कि तुर्कमेनिस्तान में निर्माण कार्य पहले ही शुरू हो चुका है और जल्द ही तुर्कमान-अफगान सीमा से हेरात क्षेत्र तक इसके शुरू होने की उम्मीद है. पाकिस्तान में वर्ष 2020 की पहली तिमाही में निर्माण गतिविधियों के शुरू होने की उम्मीद है.

इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने तुर्कमेनिस्तान को आश्वासन दिया है कि भारत के साथ बढ़ते तनाव का 'तापी' गैस पाइपलाइन परियोजना पर असर नहीं पड़ेगा. नई दिल्ली और इस्लामाबाद के बीच कश्मीर को लेकर फिर से उपजे विवाद के परिप्रेक्ष्य में दस अरब डॉलर की परियोजना के भविष्य पर संदेह जताए जाने के बाद रविवार को मीडिया की खबरों में यह जानकारी दी गई.

जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किए जाने के मद्देनजर भारत और पाकिस्तान के बीच उपजे तनाव के बाद कुछ पाकिस्तानी विशेषज्ञों ने तुर्कमेनिस्तान- अफगानिस्तान- पाकिस्तान- भारत (तापी) गैस पाइपलाइन और अन्य परियोजनाओं के भविष्य पर संदेह जताया था.

एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने एक सरकारी अधिकारी के हवाले से कहा कि पाकिस्तान ने तुर्कमेनिस्तान को आश्वासन दिया है कि भारत के साथ बढ़ते तनाव का प्रभाव इस बड़ी परियोजना पर नहीं पड़ेगा.

तापी परियोजना में दक्षिण और मध्य एशियाई क्षेत्रों को गैस पाइपलाइन के माध्यम से जोड़ने का कार्यक्रम है और इसके माध्यम से दक्षिण एशिया में ऊर्जा की कमी को पूरा करने में मदद करना है.

पढ़ें: आतंक के खिलाफ कार्रवाई : PAK की कोशिशों पर FATF की नजर, निगरानी जारी

तापी परियोजना के तहत गैस पाइपलाइन युद्धग्रस्त अफगानिस्तान और पाकिस्तान से गुजरते हुए भारत पहुंचेगी. यह परियोजना क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के साथ शांति एवं स्थिरता सुनिश्चित करेगी. इस परियोजना में दोनों क्षेत्र सड़क, रेल और फाइबर केबल नेटवर्क से जुड़ेंगे.

अधिकारियों ने बताया कि तुर्कमेनिस्तान में निर्माण कार्य पहले ही शुरू हो चुका है और जल्द ही तुर्कमान-अफगान सीमा से हेरात क्षेत्र तक इसके शुरू होने की उम्मीद है. पाकिस्तान में वर्ष 2020 की पहली तिमाही में निर्माण गतिविधियों के शुरू होने की उम्मीद है.

ZCZC
PRI GEN INT
.ISLAMABAD FGN7
PAK-TAPI
Tension over Kashmir not to affect TAPI: Pak assures Turkmenistan
         Islamabad, Sep 15 (PTI) Pakistan has assured Turkmenistan that rising tensions with India will have no effect on TAPI gas pipeline project, a media report said on Sunday after doubts were raised over the future of the USD 10 billion trans-national project in the wake of fresh tension between New Delhi and Islamabad over Kashmir.
          Some Pakistani experts raised doubts about the future of the the Turkmenistan-Afghanistan-Pakistan-India (TAPI) and other offshore gas pipeline projects following tensions between India and Pakistan after India scrapped Jammu and Kashmir's special status.
          "However, Pakistan has assured Turkmenistan that rising tensions with India will have no effect on the mega project, a government official was quoted as saying by the Express Tribune.
          The TAPI pipeline project seeks to build connectivity in the South and Central Asian regions through gas pipelines and will help ease energy shortages in South Asia.
          The TAPI will pass through war-torn Afghanistan and Pakistan to India to boost economic activity and to ensure peace and stability in the region. This project would also help connect two regions through road, rail and fiber cable network.
          The construction work has already started in Turkmenistan and is expected to start soon from Turkmen-Afghan border to Herat section, the official said, adding that construction activities in Pakistan are set to kick off during the first quarter of 2020.
          There has been tension between Pakistan and India over Kashmir. However, this will not affect TAPI pipeline project, the official was quoted as saying.
          Tapi Company is responsible for the execution of this project. However, Pakistani companies are assured to get maximum share in the work within Pakistan, said Mobin Saulat, Managing Director of Interstate Gas Systems (ISGS), which is working on Pakistan's some big pipeline projects.
          He said a delegation of Tapi Company would visit next month to review the progress of the project and finalise the plan for construction. Each Pakistan and India would receive 1.3 billion cubic feet per day (bcfd) gas.
          Tensions between India and Pakistan spiked after New Delhi abrogated provisions of Article 370 of the Constitution to withdraw Jammu and Kashmir's special status and bifurcated it into two Union Territories.
          Pakistan downgraded its diplomatic relations with India and expelled the Indian high commissioner following the revocation of Article 370 in Jammu and Kashmir on August 5.
          Asserting that the abrogation of Article 370 was its "internal matter", India has defended imposition of restrictions in the Kashmir Valley on the grounds that they were put to prevent Pakistan from creating more mischief through proxies and terrorists. PTI
PMS
PMS
09151447
NNNN
Last Updated : Sep 30, 2019, 7:02 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.