इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने तुर्कमेनिस्तान को आश्वासन दिया है कि भारत के साथ बढ़ते तनाव का 'तापी' गैस पाइपलाइन परियोजना पर असर नहीं पड़ेगा. नई दिल्ली और इस्लामाबाद के बीच कश्मीर को लेकर फिर से उपजे विवाद के परिप्रेक्ष्य में दस अरब डॉलर की परियोजना के भविष्य पर संदेह जताए जाने के बाद रविवार को मीडिया की खबरों में यह जानकारी दी गई.
जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किए जाने के मद्देनजर भारत और पाकिस्तान के बीच उपजे तनाव के बाद कुछ पाकिस्तानी विशेषज्ञों ने तुर्कमेनिस्तान- अफगानिस्तान- पाकिस्तान- भारत (तापी) गैस पाइपलाइन और अन्य परियोजनाओं के भविष्य पर संदेह जताया था.
एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने एक सरकारी अधिकारी के हवाले से कहा कि पाकिस्तान ने तुर्कमेनिस्तान को आश्वासन दिया है कि भारत के साथ बढ़ते तनाव का प्रभाव इस बड़ी परियोजना पर नहीं पड़ेगा.
तापी परियोजना में दक्षिण और मध्य एशियाई क्षेत्रों को गैस पाइपलाइन के माध्यम से जोड़ने का कार्यक्रम है और इसके माध्यम से दक्षिण एशिया में ऊर्जा की कमी को पूरा करने में मदद करना है.
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तापी परियोजना के तहत गैस पाइपलाइन युद्धग्रस्त अफगानिस्तान और पाकिस्तान से गुजरते हुए भारत पहुंचेगी. यह परियोजना क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के साथ शांति एवं स्थिरता सुनिश्चित करेगी. इस परियोजना में दोनों क्षेत्र सड़क, रेल और फाइबर केबल नेटवर्क से जुड़ेंगे.
अधिकारियों ने बताया कि तुर्कमेनिस्तान में निर्माण कार्य पहले ही शुरू हो चुका है और जल्द ही तुर्कमान-अफगान सीमा से हेरात क्षेत्र तक इसके शुरू होने की उम्मीद है. पाकिस्तान में वर्ष 2020 की पहली तिमाही में निर्माण गतिविधियों के शुरू होने की उम्मीद है.