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सर्वे : 71 फीसदी अभिभावक बच्चों को स्कूल नहीं भेजेंगे - after covid 19 school reopen

कोरोना महामारी के कारण लागू लॉकडाउन में छूट देने के बाद अक्टूबर में स्कूल खोलने की बात कही जा रही है. वहीं एक लोकल सर्वे में खुलासा हुआ है कि अभी 71 फीसदी अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए तैयार नहीं हैं.

अभिभावक बच्चों को भेजेंगे नहीं
अभिभावक बच्चों को भेजेंगे नहीं
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Published : Sep 30, 2020, 5:34 PM IST

Updated : Sep 30, 2020, 6:32 PM IST

नई दिल्ली : अगले महीने अक्टूबर में स्कूल खुलने के बाद भी 71 फीसदी अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजेंगे. यह बात लोकल सर्कल्स के सर्वे में सामने आई है. इसके अनुसार, कोविड-19 के बढ़ते मामलों के चलते एक महीने में ऐसे अभिभावकों का प्रतिशत 23 से घटकर 20 प्रतिशत हो गया है, जो अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए तैयार हैं.

केवल 28 प्रतिशत माता-पिता को ही लगता है कि कैलेंडर वर्ष 2020 में फिर से स्कूल खुलना चाहिए. 34 फीसदी अभिभावकों का मत है कि अब स्कूलों में पढ़ाई अगले साल अप्रैल 2021 से ही शुरू होनी चाहिए.

इसके पीछे बड़ा कारण यह है कि उत्तर भारत में कई अभिभावाकों को लगता है कि अक्टूबर-नवंबर का मौसम कोविड-19 के साथ मिलकर बच्चों के लिए बेजा समस्याएं ला सकता है.

बता दें कि भारत में कोविड-19 मामलों की संख्या 61 लाख से अधिक हो गई है. रोजाना 80 हजार से अधिक नए मामले आ रहे हैं. मौतों की संख्या लगभग एक लाख होने को है. लोग भ्रम में हैं कि वे घर पर ही रहें या बाजार, रेस्तरां, बार में जाएं या मेट्रो समेत अन्य परिवहन सेवाओं का उपयोग करें या न करें.

21 सितंबर को अभिभावकों की लिखित अनुमति के बाद स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति से पहले देश में स्कूल मार्च से ही बंद थे.

पढ़ें- सीबीआई की विशेष अदालत ने कहा, घटना पूर्व नियोजित नहीं थी

लोकल सर्कल्स ने स्कूलों को फिर से खुलने पर माता-पिता की नब्ज टटोलने के लिए एक सर्वेक्षण किया. इसमें देश के लगभग 217 जिलों के अभिभावकों से 14,500 से अधिक प्रतिक्रियाएं प्राप्त हुईं. इनमें टियर 1 से टियर 4 तक और ग्रामीण जिलों के भी अभिभावक शामिल हैं.

केंद्र सरकार और राज्य सरकारों द्वारा अक्टूबर में स्कूल खुलने पर क्या वे बच्चों को स्कूल भेजेंगे, इस पर 71 फीसदी अभिभावकों ने स्पष्ट तौर पर इनकार किया. केवल 20 फीसदी ने हामी भरी और 9 फीसदी इसे लेकर अनिश्चित थे.

इससे पहले लोकल सर्कल्स द्वारा अगस्त में किए गए ऐसे ही सर्वे में 23 फीसदी अभिभावकों ने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए हामी भरी थी.

दूसरे प्रश्न में अभिभावकों को मौजूदा हालात देखते हुए त्योहारी सीजन में स्कूल भेजने की बात पूछी गई तो 32 फीसदी ने कहा कि 31 दिसंबर, 2020 तक स्कूल नहीं खुलने चाहिए, जबकि 34 फीसदी ने तो कहा कि सरकार को इस शैक्षणिक वर्ष में स्कूल नहीं खोलने चाहिए. यानी अब स्कूल अगले साल मार्च/अप्रैल में ही स्कूल खोले जाने चाहिए. इस मंशा के पीछे आने वाला ठंड का मौसम प्रमुख वजह है.

नई दिल्ली : अगले महीने अक्टूबर में स्कूल खुलने के बाद भी 71 फीसदी अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजेंगे. यह बात लोकल सर्कल्स के सर्वे में सामने आई है. इसके अनुसार, कोविड-19 के बढ़ते मामलों के चलते एक महीने में ऐसे अभिभावकों का प्रतिशत 23 से घटकर 20 प्रतिशत हो गया है, जो अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए तैयार हैं.

केवल 28 प्रतिशत माता-पिता को ही लगता है कि कैलेंडर वर्ष 2020 में फिर से स्कूल खुलना चाहिए. 34 फीसदी अभिभावकों का मत है कि अब स्कूलों में पढ़ाई अगले साल अप्रैल 2021 से ही शुरू होनी चाहिए.

इसके पीछे बड़ा कारण यह है कि उत्तर भारत में कई अभिभावाकों को लगता है कि अक्टूबर-नवंबर का मौसम कोविड-19 के साथ मिलकर बच्चों के लिए बेजा समस्याएं ला सकता है.

बता दें कि भारत में कोविड-19 मामलों की संख्या 61 लाख से अधिक हो गई है. रोजाना 80 हजार से अधिक नए मामले आ रहे हैं. मौतों की संख्या लगभग एक लाख होने को है. लोग भ्रम में हैं कि वे घर पर ही रहें या बाजार, रेस्तरां, बार में जाएं या मेट्रो समेत अन्य परिवहन सेवाओं का उपयोग करें या न करें.

21 सितंबर को अभिभावकों की लिखित अनुमति के बाद स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति से पहले देश में स्कूल मार्च से ही बंद थे.

पढ़ें- सीबीआई की विशेष अदालत ने कहा, घटना पूर्व नियोजित नहीं थी

लोकल सर्कल्स ने स्कूलों को फिर से खुलने पर माता-पिता की नब्ज टटोलने के लिए एक सर्वेक्षण किया. इसमें देश के लगभग 217 जिलों के अभिभावकों से 14,500 से अधिक प्रतिक्रियाएं प्राप्त हुईं. इनमें टियर 1 से टियर 4 तक और ग्रामीण जिलों के भी अभिभावक शामिल हैं.

केंद्र सरकार और राज्य सरकारों द्वारा अक्टूबर में स्कूल खुलने पर क्या वे बच्चों को स्कूल भेजेंगे, इस पर 71 फीसदी अभिभावकों ने स्पष्ट तौर पर इनकार किया. केवल 20 फीसदी ने हामी भरी और 9 फीसदी इसे लेकर अनिश्चित थे.

इससे पहले लोकल सर्कल्स द्वारा अगस्त में किए गए ऐसे ही सर्वे में 23 फीसदी अभिभावकों ने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए हामी भरी थी.

दूसरे प्रश्न में अभिभावकों को मौजूदा हालात देखते हुए त्योहारी सीजन में स्कूल भेजने की बात पूछी गई तो 32 फीसदी ने कहा कि 31 दिसंबर, 2020 तक स्कूल नहीं खुलने चाहिए, जबकि 34 फीसदी ने तो कहा कि सरकार को इस शैक्षणिक वर्ष में स्कूल नहीं खोलने चाहिए. यानी अब स्कूल अगले साल मार्च/अप्रैल में ही स्कूल खोले जाने चाहिए. इस मंशा के पीछे आने वाला ठंड का मौसम प्रमुख वजह है.

Last Updated : Sep 30, 2020, 6:32 PM IST
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