गोरखपुर: कानपुर संजीत अपहरण हत्याकांड के बाद अब मुख्यमंत्री के शहर गोरखपुर में कक्षा 5 में पढ़ने वाले 14 वर्षीय बलराम गुप्ता की अपहरण के बाद हत्या कर दी गई. बलराम के अपहरण के बाद अपहरणकर्ताओं ने एक करोड़ की फिरौती की मांग की थी. परिजनों ने इसकी सूचना स्थानीय पिपराईच थाने की पुलिस को दी.
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने इस घटना को लेकर यूपी सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से प्रदेश की कानून व्यवस्था ठीक करने की बात कही है.
मामला उच्च अधिकारियों के संज्ञान में आने के बाद एसटीएफ और क्राइमब्रांच को भी लगाया गया था. इस अपहरण हत्याकांड के बाद पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने ट्वीटर अकाउंट से ट्वीट कर प्रदेश सरकार को कटघरे में खड़ा किया है. साथ ही सीएम से इस्तीफे की मांग की है.
बता दें कि यूपी पुलिस की नाकामी एक बार फिर सामने आई है. रविवार को अपहृत पांचवीं कक्षा के छात्र बलराम की अपहरणकर्ताओं ने हत्या कर दी. जांच के दौरान पुलिस ने इस मामले में 3 लोगों को हिरासत में लिया था. हिरासत में लिये गये एक संदिग्ध की निशानदेही पर पुलिस ने अपहृत बच्चे का शव धूसड़ जंगल से बरामद किया.
एक करोड़ फिरौती की मांग मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शहर गोरखपुर के पिपराईच इलाके के जंगल छत्रधारी के मिश्रौलिया के रहने वाले 14 साल के बलराम गुप्ता सुबह 10 बजे घर से दुकान के लिए निकला था. दोपहर 12 से 1 बजे के बीच वह दुकान से घर जाने के लिए निकला लेकिन घर नहीं पहुंचा. इसके बाद बलराम गुप्ता के पिता महाजन गुप्ता के मोबाइल पर फोन आया और बताया गया कि बच्चे को किडनैप कर लिया गया है. एक करोड़ की फिरौती की मांग की गई. साथ ही धमकी दी गई कि एक करोड़ की फिरौती नहीं दी गई, तो बच्चे को मौत के घाट उतार दिया जाएगा.
बच्चे का शव बरामद
इस घटना के बाद बलराम के परिवार वालों ने उसकी खोजबीन शुरू की, लेकिन उसका कहीं सुराग नहीं मिला. देर शाम परिजनों ने पुलिस को बलराम के अपहरण की सूचना दी. इसके बाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज किया और पिपराइच पुलिस के साथ ही क्राइम ब्रांच और एसटीएफ हरकत में आ गई. आधा दर्जन से अधिक लोगों को उठाकर पूछताछ के लिए ले गई. सख्ती से पूछताछ पर अभियुक्त दयानंद राजभर पुत्र सुरेश निवासी जंगल चक्रधारी ने गुनाह कबूल कर लिया. उसकी निशानदेही पर वादी के गांव से कुछ दूर केवटीया टोला के पास नाले में बोरे में किशोर के शव को पुलिस ने बरामद किया है.
अभियुक्त से पूछताछ जारी है तथा घटना में अन्य तीन-चार लोग भी शामिल हैं. अन्य अभियुक्तों की गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं. उक्त घटना में प्रयुक्त मोबाइल व कुछ सिम बरामद किए गए हैं. उक्त सिम फर्जी तौर पर जारी करने के आरोप में दो अन्य अभियुक्तों रिंकू गुप्ता तथा निकेश को भी हिरासत में लिया गया है. इस संबंध में थाना पिपराईच पर मुकदमा अपराध संख्या 633/20, धारा-364A दर्ज किया गया है.
क्या बोले अखिलेश
छात्र की हत्या की खबर के बाद ही सपा मुखिया व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीट किया और कहा कि गोरखपुर में अपहरण के बाद बच्चे की हत्या का समाचार बेहद दर्दनाक व दुखद है. शोकाकुल परिवार के प्रति गहरी संवेदना लगातार अपहरण और हत्याओं के बावजूद भी भाजपा सरकार का निर्लज्ज मौन और निष्क्रियता प्रश्नचिन्ह के घेरे में है.
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गोरखपुर से अपहृत बच्चे की हत्या का समाचार बेहद दर्दनाक व दुखद है. शोकाकुल परिवार के प्रति गहरी संवेदना.
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) July 27, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
लगातार अपहरण और हत्याओं के बावजूद भी भाजपा सरकार का निर्लज्ज मौन और निष्क्रियता प्रश्नचिन्ह के घेरे मे है. #नहीं_चाहिए_भाजपा#NoMoreBJP
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— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) July 27, 2020
लगातार अपहरण और हत्याओं के बावजूद भी भाजपा सरकार का निर्लज्ज मौन और निष्क्रियता प्रश्नचिन्ह के घेरे मे है. #नहीं_चाहिए_भाजपा#NoMoreBJPगोरखपुर से अपहृत बच्चे की हत्या का समाचार बेहद दर्दनाक व दुखद है. शोकाकुल परिवार के प्रति गहरी संवेदना.
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लगातार अपहरण और हत्याओं के बावजूद भी भाजपा सरकार का निर्लज्ज मौन और निष्क्रियता प्रश्नचिन्ह के घेरे मे है. #नहीं_चाहिए_भाजपा#NoMoreBJP
वहीं समाजवादी पार्टी ने ट्वीट करते हुए कहा है कि 'यह तो हद हो गई, मुख्यमंत्री के गृह जनपद गोरखपुर में अगवा 14 साल के बच्चे को बचाया न जा सका, उसकी हत्या हो गई, दुःखद. लगातार गोरखपुर में मौजूद रहने के बावजूद सीएम नहीं कर सके मासूम की रक्षा तो दे दे इस्तीफा, शर्मनाक. एक मां की कोख फिर चढ़ी जंगलराज की भेंट, संवेदना. हो न्याय'.
दरअसल, रविवार को पिपराइच थाना क्षेत्र के मिश्रौलिया टोला से पांचवीं कक्षा में पढ़ने वाले छात्र बलराम गुप्त का अपहरण कर एक करोड़ रुपये की फिरौती मांगी गयी थी, लेकिन 24 घंटे के अंदर ही अपहरणकर्ताओं ने बच्चे को मार दिया था. इस मामले में पुलिस ने 3 आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी थी. धूसड़ जंगल से एक मुर्गा कारोबारी, मोबाइल सिम बेचने वाले एक दुकानदार और एक प्रॉपर्टी डीलर को हिरासत में लेकर पुलिस मामले को सुलझाने में लगी थी. लेकिन इससे पहले ही अपहरणकर्ताओं ने बच्चे की हत्या कर दी.
छात्र बलराम के पिता महाजन गुप्त मिश्रौलिया टोला में अपने घर में ही किराने की दुकान चलाते हैं. साथ ही जमीन के कारोबार से भी जुड़े हैं. उनका बेटा बलराम रविवार को दिन में 12 बजे के आसपास खाना खाने के बाद टी शर्ट और पैंट पहनकर दोस्तों के साथ खेलने निकला. इसके बाद वह घर नहीं लौटा. शाम 5 बजे महाजन गुप्त के मोबाइल पर अनजान नंबर से फोन कॉल आया. दूसरी तरफ से बोलने वाले (अपहरणकर्ता) ने बताया कि बलराम का अपहरण कर लिया गया है. उसे छुड़ाने के लिए एक करोड़ रुपये का इंतजाम कर लो. अगले फोन में रकम कब और कहां पहुंचानी है यह बताया जाएगा. इतना कहने के बाद उसने (अपहरणकर्ता) फोन काट दिया.
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यह तो हद हो गई! मुख्यमंत्री के गृह जनपद गोरखपुर में अगवा 14 साल के बच्चे को बचाया न जा सका, उसकी हत्या हो गई, दुखद!
— Samajwadi Party (@samajwadiparty) July 27, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
लगातार गोरखपुर में मौजूद रहने के बावजूद सीएम नहीं कर सके मासूम की रक्षा तो देंदे इस्तीफा, शर्मनाक!
एक मां की कोख फिर चढ़ी जंगलराज की भेंट, संवेदना!
हो न्याय। pic.twitter.com/oDXXrzmlHp
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— Samajwadi Party (@samajwadiparty) July 27, 2020
लगातार गोरखपुर में मौजूद रहने के बावजूद सीएम नहीं कर सके मासूम की रक्षा तो देंदे इस्तीफा, शर्मनाक!
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लगातार गोरखपुर में मौजूद रहने के बावजूद सीएम नहीं कर सके मासूम की रक्षा तो देंदे इस्तीफा, शर्मनाक!
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हो न्याय। pic.twitter.com/oDXXrzmlHp
कानपुर में भी नाकाम हुई थी यूपी पुलिस
22 जून की रात लैब टेक्नीशियन संजीत नौबस्ता स्थित हॉस्पिटल से बर्रा पटेल चौक के पास स्थित पैथोलॉजी में सैंपल देने के लिए निकला था. सैंपल देकर उसे घर जाना था, लेकिन रास्ते से ही वह लापता हो गया. गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज होने के बाद पुलिस ने जब संजीत की कॉल डिटेल निकलवाई तो पता चला कि संजीत की बात राहुल नामक एक युवक और एक युवती सहित कई अन्य लोगों से हुई थी. पिता चमनलाल ने राहुल के खिलाफ बेटे के अपहरण का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई थी. 13 जुलाई को पिता ने पुलिस के कहने पर फिरौती के 30 लाख रुपयों से भरा बैग भी अपहरणकर्ताओं के बताए गुजैनी पुल से नीचे फेंक दिया था. इसके बावजूद अपहृत बेटा नहीं मिला. इसके बाद संजीत की हत्या होने की बात सामने आयी.
पुलिस प्रशासन पर गिरी गाज
योगी सरकार ने कानपुर में लैब टेक्नीशियन संजीत यादव हत्याकांड में 11 पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की. इसमें आईपीएस अपर्णा गुप्ता, डीएसपी मनोज कुमार गुप्ता, इंस्पेक्टर रणजीत राय, दो दारोगा राजेश और योगेंद्र प्रताप सिंह सहित छह सिपाही अवधेश, दिशु भारती, विनोद कुमार, सौरभ पांडे, मनीष और शिवप्रसाद को लापरवाही बरतने के आरोप में सस्पेंड कर दिया.