हैदराबाद : देश में कोरोना वायरस का कहर जारी है. इस दौरान स्कूल जाने वाले बच्चों के लिए ऑनलाइन शिक्षा एकमात्र विकल्प बन गया है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि इस महामारी के दौरान छात्रों की पढ़ाई जारी रहे. ऑनलाइन शिक्षा के फायदे और नुकसान दोनों हैं. साइबर अपराधी ऑनलाइन कक्षाओं में सेंध लगाकर उन्हें हैक करते हैं और फिर नुकसान पहुंचाते हैं.
छात्रों को ऑनलाइन शिक्षा देने के लिए इंटरनेट एप्लीकेशनों का उपयोग किया जाता है. जिन छात्रों के पास स्मार्टफोन, लैपटॉप और टैबलेट रहते हैं. वे ही इन कक्षाओं में भाग लेते हैं.
हालांकि जब छात्र घर से ऑनलाइन क्लास लेना शुरू करता है तो सुरक्षा संबंधी कई मुद्दे सामने आते हैं. इससे छात्रों को साइबर उत्पीड़न और धमकी जैसे खतरों का सामना करना पड़ रहा है.
ऑनलाइन क्लासेज के दौरान कई बार हैकर्स एप्लिकेशन के लाइव फीड में टैप करते हैं, जिससे छात्रों को अश्लील वीडियो, हॉरर मूवी, अनचाहे ग्राफिक्स दिखाई पड़ने लगते हैं. इस बारे में कई शिकायतें देश के प्रमुख शहरों के पुलिस थानों में दर्ज की गई हैं. कुछ हैकर्स स्कूल के सर्वर को भी हैक कर रहे हैं और डाटा चोरी कर रहे हैं. इतना ही नहीं हैकर्स फिर से डाटा को जारी करने के लिए फिरौती मांग रहे हैं.
बता दें कि साइबर अपराधी स्कूल सर्वर के माध्यम से या एप के सुरक्षा प्रोटोकॉल में सेंध लगाकर ऑनलाइन कक्षाओं में घुस जाते हैं. इसके बाद हैकर्स ऑनलाइन क्लासेज के दौरान अश्लील वीडियो और हॉरर मूवी चला देते हैं. यह काफी आम बात हो जाती है क्योंकि बहुत से स्कूल इस समय ऑनलाइन पढ़ाई करवा रहे हैं.
ऑनलाइन क्लास के दौरान हैकिंग से बचने के लिए जरूरी कदम
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