जींद/ झज्जर : 26 जनवरी को दिल्ली में हुई हिंसा के बाद हरियाणा के कई जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवा पर बैन लगा दिया गया था, जिससे करोड़ों यूजर्स प्रभावित हुए. इंटरनेट सेवा बंद हो जाने से बच्चों की ऑनलाइन कक्षाओं पर भी असर पड़ा.
कोरोना के मद्देनजर अभी स्कूल में दसवीं और बारहवीं के बच्चों को ही बुलाया जा रहा है. ऐसे में जो बच्चे स्कूल नहीं जा रहे, वे घर से ऑनलाइन कक्षाओं के जरिए पढ़ रहे हैं, लेकिन इंटरनेट सेवा बाधित होने से ऑनलाइन कक्षाएं प्रभावित हो रही हैं और बच्चों को पढ़ाई करने में परेशानी हो रही है.
शिक्षा से लेकर कारोबार तक पड़े ठप
मोबाइल इंटरनेट सेवा पर प्रतिबंध लगा तो इसका असर कई वर्गों पर पड़ा. इंटरनेट के माध्यम से कारोबार करने वाले लोगों को भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ा. झज्जर में छोटा सा ढाबा चला रहे सलीम खान ने बताया कि इंटरनेट बैन होने से उनका काम ठप पड़ा हुआ है. ज्यादातर ग्राहक ई-वॉलेट के माध्यम से ऑनलाइन पेमेंट करते हैं, लेकिन अब नेट बंद है और ग्राहकों की काफी कमी है.
जींद में फास्ट फूड की दुकान चला रहे गौरव भी इंटरनेट बंद होने से काफी परेशान हैं. गौरव बताते हैं कि उनका सारा काम ऑनलाइन ही होता है, लेकिन एक हफ्ते तक मोबाइल इंटरनेट पर रोक लगी रही और उनका सारा कारोबार ठप पड़ गया.
सरकार और टेलीकॉम कंपनी के खिलाफ PIL दाखिल
गोहाना निवासी एडवोकेट रामफल मोर ने सरकार और टेलीकॉम कंपनी के खिलाफ गोहाना कोर्ट में पीआईएल डाली है. एडवोकेट रामपाल मोर का कहना है कि सरकार ने इंटरनेट बंद करके विचारों की आजादी पर रोक लगाई है और ये आर्टिकल-19 का हनन है.
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कौन करेगा भरपाई ?
डिजिटल इंडिया का नारा देने वाली सरकार ने कई दिनों तक इंटरनेट पर ही प्रतिबंध लगा दिया. हरियाणा के कई जिले इसकी चपेट में आए. ऑनलाइन कक्षाएं, ऑनलाइन फूड डिलिवरी और वर्क फ्रॉम होम सब कुछ रुक गया.
हालांकि सरकार ने जिन 17 जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवा पर रोक लगाई थी, वो अब सिर्फ एक जिले में है, बाकि 16 जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवा को फिर से शुरू कर दिया गया है.