नई दिल्ली : केंद्रीय खाद्य, सार्वजनिक वितरण और उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने कहा है कि देश में प्याज की बढ़ती कीमतों पर नियंत्रण और प्याज की कमी को दूर करने के लिए हर संभव कदम उठाया जा रहा है. वस्तुतः मॉनसून सीजन के आखिर में हुई भारी बारिश के कारण फसल को नुकसान होने से देश में प्याज के दामों में बढ़ोतरी हुई है. हालांकि केंद्र सरकार ने प्याज आयात करने का निर्णय लिया है
रामविलास पासवान ने बुधवार को यहां एक मीडिया कांफ्रेंस में जानकारी दी कि मिस्र से जल्द ही 6090 टन प्याज की खेप आने वाली है, जिससे देश में प्याज के दामों में कमी आएगी. बता दें कि विदेश व्यापार करने वाली सार्वजनिक क्षेत्र की कम्पनी एमएमटीसी ने मिस्र से प्याज आयात का अनुबंध किया है.
पासवान ने कहा, 'बारिश के चलते इस बार प्याज का उत्पादन 26% कम हो गया है, 56 हजार टन प्याज का बफर स्टॉक बना था, जिसमें 50% सूख गया. इसके अलावा निर्यात रोक दिया गया और आयात बढ़ाने का निर्णय लिया गया.'
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जानकारी के अनुसार 12 दिसंबर को प्याज की पहली खेप मिस्र से आएगी.
बता दें, छ: राज्यों की ओर से प्याज की मांग अब तक की जा चुकी है, जिनमें आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, केरल और सिक्किम भी शामिल हैं. मिस्र से 6090 टन प्याज आयात किया जा रहा है. प्याज की खेप 12 दिसंबर को मुंबई के नावा शेवा बंदरगाह पर आएगी, जिसके बाद राज्य सरकारें अपनी मांग के अनुरूप प्याज खरीद सकती हैं.
गौरतलब है कि प्याज के बढ़ते दामों को काबू में रखने के लिए सरकार द्वारा 1.2 लाख टन प्याज का आयात करने के फैसले को कुछ दिन पहले ही केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी है.