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झारखंड की नई विधानसभा भवन का एक वर्ष पूरा, जानें खूबियां और विवाद

झारखंड विधानसभा परिसर के नए भवन के अंदर स्थानीय कलाकारों ने बेहद की खूबसूरती से अपनी कला और आदिवासी सभ्यता को दर्शाया है. साथ ही इस बिल्डिंग को इस तरह से बनाया गया है कि आने वाले दिनों में सीटों के परिसीमन की स्थिति में और लोगों के लिए भी जगह बनाई जा सके. पढ़ें हमारी यह खास रिपोर्ट...

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झारखंड : नई विधानसभा भवन का 1 वर्ष पूरा, जानें कैसा रहा सफर
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Published : Sep 12, 2020, 11:11 AM IST

रांची : झारखंड की राजधानी रांची के चर्चित जगन्नाथ मंदिर से चंद फासले पर बना है झारखंड विधानसभा भवन. इसे पूर्ववर्ती रघुवर सरकार की इच्छाशक्ति की मिसाल कहें तो शायद गलत नहीं होगा. इस भवन की खूबियां बेशुमार हैं. लेकिन दूसरी तरफ नींव रखे जाने से लेकर अबतक विवादों से भी नाता रहा है. नींव रखे जाने से पहले विस्थापन के मुद्दे से सामना हुआ. धुर्वा के कूटे गांव के लोगों ने आंदोलन किया. यह समस्या सुलझी तो निर्माण लागत पर सवाल उठे.

पूर्व में 290 करोड़ की लागत से निर्माण होना था. इसका कार्य रामकृपाल कंस्ट्रक्शन को मिला था. फिर यह राशि बढ़कर 465 करोड़ हो गई. टेंडर अवार्ड में अनियमितता की बात आई. इन सबके बीच निर्माण कार्य अंतिम चरण में पहुंचा भी नहीं था कि उद्घाटन की तारीख तय कर दी गई.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट
one year completion of new assembly building of jharkhand
नए भवन का खूबसूरत नजारा

12 सितंबर 2019 को आनन-फानन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों उद्घाटन करा दिया गया. झारखंड में नवंबर 2019 में विस चुनाव थे, इसलिए 13 सितंबर 2019 को नवनिर्मित भवन में एक दिन का विशेष सत्र आहूत करा दिया गया.

इस सत्र का मुख्य विपक्षी पार्टी झामुमो ने बॉयकॉट किया था. इस चुनाव में नतीजे रघुवर सरकार के खिलाफ आए. अब सत्ता की बागडोर हेमंत सोरेन के हाथ में आ गई. तब भी इस भवन को लेकर राजनीति हुई.

लाइब्रेरी की फॉल सीलिंग टूटकर गिरी
सरकार बनने के बाद पहला सत्र पुराने विधानसभा भवन में ही आहूत हुआ. जब बजट सत्र की बात आई तो मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने नवनिर्मित भवन का फिर से उद्घाटन किया. इसे लेकर भी सवाल उठे.

one year completion of new assembly building of jharkhand
झारखंड विधानसभा परिसर

इससे पहले उद्घाटन के दो माह बाद ही नवनिर्मित भवन के पश्चिमी हिस्से में जबरदस्त आग लग गई. इससे भारी नुकसान हुआ. तब फायर फाइटिंग सिस्टम को लेकर सवाल खड़े हुए. अभी विवाद खत्म भी नहीं हुआ था कि कोरोना काल में चार अगस्त को लाइब्रेरी की फॉल सीलिंग टूटकर गिर गई. अगर लाइब्रेरी बंद नहीं होती तो किसी की जान भी जा सकती थी.

बिना पर्यावरण क्लियरेंस के भवन निर्माण
अब 18 सितंबर से मॉनसून सत्र शुरू होना है लेकिन इससे पहले बिना पर्यावरण क्लियरेंस के भवन निर्माण होने पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने 47 करोड़ का जुर्माना ठोक दिया है. यानी जिस पूर्ववर्ती रघुवर सरकार ने स्टेट एंवायरमेंटल इंपेक्ट ऑथोरिटी का हवाला देकर प्रधानमंत्री से उद्घाटन कराया था, वह पूरी तरह से गैरकानूनी था.

one year completion of new assembly building of jharkhand
झारखंड विधानसभा भवन के सामने बनी अटल जी की प्रतिमा

बहरहाल, इन विवादों को अलग कर दें तो इस भवन ने राष्ट्रीय स्तर पर झारखंड को पहचान दिलाई है. भाड़े के भवन में सबसे बड़ी पंचायत के संचालन के कारण झारखंड की खूब किरकिरी होती थी. अब यहां लोग सेल्फी लेने आते हैं. सभी यही मानते हैं कि विवादित मसलों की जांच तो होनी ही चाहिए लेकिन इस भवन को देखकर हर झारखंडी को गर्व महसूस होता है.

दूसरे राज्यों की विधानसभा से कमतर नहीं
विधानसभा भवन के अंदर स्थानीय कलाकारों ने बेहद की खूबसूरती से स्थानीय कला को और आदिवासी सभ्यता को दर्शाया है. साथ ही इस बिल्डिंग को इस तरह से बनाया गया है कि आने वाले दिनों में सीटों के परिसीमन की स्थिति में और लोगों के लिए भी जगह बनाई जा सके. अगर बिल्डिंग की खूबसूरती की बात करें तो यह किसी भी तरह से देश के दूसरे राज्यों की विधानसभा से कमतर नहीं है.

one year completion of new assembly building of jharkhand
नई विधानसभा का भव्य भवन

भवन की खासियत

39 एकड़ जमीन पर निर्माण :
करीब 465 करोड़ रुपये की लगात से बना झारखंड विधानसभा भवन 39 एकड़ जमीन पर फैला हुआ है. इस विधानसभा के ऊपर बना गुंबद देश में सबसे ऊंचा है. इसकी ऊंचाई 37 मीटर है.

सेंट्रल विंग :
एसेंबली हॉल (150 लोगों के बैठने की व्यवस्था), मुख्यमंत्री का चैंबर, स्पीकर का कक्ष, डिप्टी स्पीकर का कक्ष, कांफ्रेंस हॉल (400 लोगों के बैठने की व्यवस्था), एसेंबली सेक्रेटरी का कक्ष, मुख्य सचिव का कार्यालय, प्रधान सचिव का कार्यालय, एमएलए लॉबी, वीआइपी विजिटर गैलरी, मीडिया गैलरी, लाइब्रेरी, कैंटीन आदि (19837.62 वर्ग मीटर.)

one year completion of new assembly building of jharkhand
झारखंड विधानसभा भवन में आदिवासी सभ्यता को दर्शाया गया

पूर्वी विंग :
मंत्रियों के कक्ष (22), कमेटी रूम (6), चीफ ह्वीप का कक्ष (1), संयुक्त सचिव, अपर सचिव, उप सचिव व अंडर सेक्रेटरी का कक्ष एवं कार्यालय (13466.08 वर्ग मीटर.)

पश्चिमी विंग :
नेता प्रतिपक्ष का कार्यालय, कमेटी रूम (5), कमेटी के चेयरमैन का कक्ष (25), मान्यताप्राप्त राजनीतिक दलों के नेता का कक्ष (5), विपक्ष के चीफ ह्वीप का कक्ष (1), ह्वीप (5) और अन्य कार्यालय समेत बैंक व पोस्ट ऑफिस जैसी सेवाओं के लिए जगह.

one year completion of new assembly building of jharkhand
झारखंड विधानसभा परिसर

थ्री स्टार रेटेड ग्रीन बिल्डिंग है विधानसभा :
विधानसभा के नए भवन का निर्माण ग्रीन स्टार बिल्डिंग की तरह किया गया है. इस तरह के भवनों को पांच स्टार तक मिलते हैं, जिसमें विधानसभा भवन को तीन स्टार मिले हैं.

भवन में कम ऊर्जा का इस्तेमाल, ऊर्जा संरक्षण के उपाय, जल संरक्षण के उपाय, वर्षा जल संरक्षण और ग्रीन लाइफस्टाइल के उपाय होने पर ग्रीन बिल्डिंग माना जाता है. जन स्वास्थ्य, लैंडस्केप डिजाइन आदि का भी ख्याल रखा गया है. भवन में 400 से अधिक कार के लिए कवर्ड पार्किंग की व्यवस्था है.

नई विधानसभा में क्या है पूरे देश से सबसे अलग

  • 37 मीटर ऊंचा डोम, देश में पहला
  • छत पर दिखेगी झारखंडी संस्कृति
  • देश की पहली ई-विधानसभा होगी, जल्द पूरी तरह पेपरलेस किया जाएगा
  • 150 विधायकों के बैठने की सेंट्रल हॉल में होगी व्यवस्था
  • 300 केवीए के 2 सोलर पावर सिस्टम लगाए गए हैं, इन्हीं से पूरी की जाएगी बिजली की जरूरत

रांची : झारखंड की राजधानी रांची के चर्चित जगन्नाथ मंदिर से चंद फासले पर बना है झारखंड विधानसभा भवन. इसे पूर्ववर्ती रघुवर सरकार की इच्छाशक्ति की मिसाल कहें तो शायद गलत नहीं होगा. इस भवन की खूबियां बेशुमार हैं. लेकिन दूसरी तरफ नींव रखे जाने से लेकर अबतक विवादों से भी नाता रहा है. नींव रखे जाने से पहले विस्थापन के मुद्दे से सामना हुआ. धुर्वा के कूटे गांव के लोगों ने आंदोलन किया. यह समस्या सुलझी तो निर्माण लागत पर सवाल उठे.

पूर्व में 290 करोड़ की लागत से निर्माण होना था. इसका कार्य रामकृपाल कंस्ट्रक्शन को मिला था. फिर यह राशि बढ़कर 465 करोड़ हो गई. टेंडर अवार्ड में अनियमितता की बात आई. इन सबके बीच निर्माण कार्य अंतिम चरण में पहुंचा भी नहीं था कि उद्घाटन की तारीख तय कर दी गई.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट
one year completion of new assembly building of jharkhand
नए भवन का खूबसूरत नजारा

12 सितंबर 2019 को आनन-फानन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों उद्घाटन करा दिया गया. झारखंड में नवंबर 2019 में विस चुनाव थे, इसलिए 13 सितंबर 2019 को नवनिर्मित भवन में एक दिन का विशेष सत्र आहूत करा दिया गया.

इस सत्र का मुख्य विपक्षी पार्टी झामुमो ने बॉयकॉट किया था. इस चुनाव में नतीजे रघुवर सरकार के खिलाफ आए. अब सत्ता की बागडोर हेमंत सोरेन के हाथ में आ गई. तब भी इस भवन को लेकर राजनीति हुई.

लाइब्रेरी की फॉल सीलिंग टूटकर गिरी
सरकार बनने के बाद पहला सत्र पुराने विधानसभा भवन में ही आहूत हुआ. जब बजट सत्र की बात आई तो मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने नवनिर्मित भवन का फिर से उद्घाटन किया. इसे लेकर भी सवाल उठे.

one year completion of new assembly building of jharkhand
झारखंड विधानसभा परिसर

इससे पहले उद्घाटन के दो माह बाद ही नवनिर्मित भवन के पश्चिमी हिस्से में जबरदस्त आग लग गई. इससे भारी नुकसान हुआ. तब फायर फाइटिंग सिस्टम को लेकर सवाल खड़े हुए. अभी विवाद खत्म भी नहीं हुआ था कि कोरोना काल में चार अगस्त को लाइब्रेरी की फॉल सीलिंग टूटकर गिर गई. अगर लाइब्रेरी बंद नहीं होती तो किसी की जान भी जा सकती थी.

बिना पर्यावरण क्लियरेंस के भवन निर्माण
अब 18 सितंबर से मॉनसून सत्र शुरू होना है लेकिन इससे पहले बिना पर्यावरण क्लियरेंस के भवन निर्माण होने पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने 47 करोड़ का जुर्माना ठोक दिया है. यानी जिस पूर्ववर्ती रघुवर सरकार ने स्टेट एंवायरमेंटल इंपेक्ट ऑथोरिटी का हवाला देकर प्रधानमंत्री से उद्घाटन कराया था, वह पूरी तरह से गैरकानूनी था.

one year completion of new assembly building of jharkhand
झारखंड विधानसभा भवन के सामने बनी अटल जी की प्रतिमा

बहरहाल, इन विवादों को अलग कर दें तो इस भवन ने राष्ट्रीय स्तर पर झारखंड को पहचान दिलाई है. भाड़े के भवन में सबसे बड़ी पंचायत के संचालन के कारण झारखंड की खूब किरकिरी होती थी. अब यहां लोग सेल्फी लेने आते हैं. सभी यही मानते हैं कि विवादित मसलों की जांच तो होनी ही चाहिए लेकिन इस भवन को देखकर हर झारखंडी को गर्व महसूस होता है.

दूसरे राज्यों की विधानसभा से कमतर नहीं
विधानसभा भवन के अंदर स्थानीय कलाकारों ने बेहद की खूबसूरती से स्थानीय कला को और आदिवासी सभ्यता को दर्शाया है. साथ ही इस बिल्डिंग को इस तरह से बनाया गया है कि आने वाले दिनों में सीटों के परिसीमन की स्थिति में और लोगों के लिए भी जगह बनाई जा सके. अगर बिल्डिंग की खूबसूरती की बात करें तो यह किसी भी तरह से देश के दूसरे राज्यों की विधानसभा से कमतर नहीं है.

one year completion of new assembly building of jharkhand
नई विधानसभा का भव्य भवन

भवन की खासियत

39 एकड़ जमीन पर निर्माण :
करीब 465 करोड़ रुपये की लगात से बना झारखंड विधानसभा भवन 39 एकड़ जमीन पर फैला हुआ है. इस विधानसभा के ऊपर बना गुंबद देश में सबसे ऊंचा है. इसकी ऊंचाई 37 मीटर है.

सेंट्रल विंग :
एसेंबली हॉल (150 लोगों के बैठने की व्यवस्था), मुख्यमंत्री का चैंबर, स्पीकर का कक्ष, डिप्टी स्पीकर का कक्ष, कांफ्रेंस हॉल (400 लोगों के बैठने की व्यवस्था), एसेंबली सेक्रेटरी का कक्ष, मुख्य सचिव का कार्यालय, प्रधान सचिव का कार्यालय, एमएलए लॉबी, वीआइपी विजिटर गैलरी, मीडिया गैलरी, लाइब्रेरी, कैंटीन आदि (19837.62 वर्ग मीटर.)

one year completion of new assembly building of jharkhand
झारखंड विधानसभा भवन में आदिवासी सभ्यता को दर्शाया गया

पूर्वी विंग :
मंत्रियों के कक्ष (22), कमेटी रूम (6), चीफ ह्वीप का कक्ष (1), संयुक्त सचिव, अपर सचिव, उप सचिव व अंडर सेक्रेटरी का कक्ष एवं कार्यालय (13466.08 वर्ग मीटर.)

पश्चिमी विंग :
नेता प्रतिपक्ष का कार्यालय, कमेटी रूम (5), कमेटी के चेयरमैन का कक्ष (25), मान्यताप्राप्त राजनीतिक दलों के नेता का कक्ष (5), विपक्ष के चीफ ह्वीप का कक्ष (1), ह्वीप (5) और अन्य कार्यालय समेत बैंक व पोस्ट ऑफिस जैसी सेवाओं के लिए जगह.

one year completion of new assembly building of jharkhand
झारखंड विधानसभा परिसर

थ्री स्टार रेटेड ग्रीन बिल्डिंग है विधानसभा :
विधानसभा के नए भवन का निर्माण ग्रीन स्टार बिल्डिंग की तरह किया गया है. इस तरह के भवनों को पांच स्टार तक मिलते हैं, जिसमें विधानसभा भवन को तीन स्टार मिले हैं.

भवन में कम ऊर्जा का इस्तेमाल, ऊर्जा संरक्षण के उपाय, जल संरक्षण के उपाय, वर्षा जल संरक्षण और ग्रीन लाइफस्टाइल के उपाय होने पर ग्रीन बिल्डिंग माना जाता है. जन स्वास्थ्य, लैंडस्केप डिजाइन आदि का भी ख्याल रखा गया है. भवन में 400 से अधिक कार के लिए कवर्ड पार्किंग की व्यवस्था है.

नई विधानसभा में क्या है पूरे देश से सबसे अलग

  • 37 मीटर ऊंचा डोम, देश में पहला
  • छत पर दिखेगी झारखंडी संस्कृति
  • देश की पहली ई-विधानसभा होगी, जल्द पूरी तरह पेपरलेस किया जाएगा
  • 150 विधायकों के बैठने की सेंट्रल हॉल में होगी व्यवस्था
  • 300 केवीए के 2 सोलर पावर सिस्टम लगाए गए हैं, इन्हीं से पूरी की जाएगी बिजली की जरूरत
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