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उत्तराखंड : पिथौरागढ़ में 'जल तांडव', एक महिला की मौत, एक लापता

उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के बंगापानी तहसील में सोमवार रात आई दैवीय आपदा से भीषण तबाही हुई है. जारा-जिबली और मेतली गांव में आई आपदा में एक महिला की मौत हो गई है, जबकि एक महिला लापता है. पढ़ें पूरी खबर...

disaster in pithoragarh
बंगापानी तहसील में 'जल तांडव'.
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Published : Jul 28, 2020, 7:58 PM IST

पिथौरागढ़ : उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के बंगापानी तहसील में सोमवार की रात आसमानी आफत ने जमकर तांडव मचाया. जारा-जिबली गांव में एक महिला लापता है, जबकि मेतली गांव में लापता महिला का शव बरामद कर लिया गया है. गोरी नदी का खौफनाक बहाव अपने साथ कई घरों को बहा चुका है. लुमती से मदकोट तक के इलाके में 100 से अधिक गांव के लोग खतरे की जद में हैं.

बंगापानी तहसील में 'जल तांडव'.

बता दें कि जिले के बंगापानी तहसील में आई आपदा में करीब 24 से अधिक मकान पूरी तरह टूट गए हैं, जबकि पांच दर्जन से अधिक घर मलबे से पट गए हैं. सैकड़ों ग्रामीणों ने घर से निकल कर किसी तरह अपनी जान बचाई, लेकिन उनके मवेशी लापता हैं.

वहीं, अब लोग घरों से जरूरी सामान निकालने में जुटे हैं. आसमानी आफत का तांडव बांसबगड़, जारा-जिबली, कनार और बरम में सबसे अधिक देखने को मिला है. बंगापानी को जोड़ने वाली सड़क दोनों तरफ से बंद हो गई है, जिसके चलते यहां राहत दल भी नहीं पहुंच पा रहा है.

पढ़ें - उत्तराखंड : कोरोना संकट के कारण 15 अगस्त तक बंद हुआ गंगोत्री धाम

जौलजीबी-मदकोट रोड पर बना बीआरओ का बड़ा पुल पूरी तरह जमींदोज हो चुका है. जबकि मेतली को जोड़ने वाले सभी पुल टूट गए हैं. प्रशासन का कहना है कि आपदाग्रस्त क्षेत्रों के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, राजस्व और पुलिस के साथ ही आपदा राहत बल भेज दिया गया है.

पिथौरागढ़ : उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के बंगापानी तहसील में सोमवार की रात आसमानी आफत ने जमकर तांडव मचाया. जारा-जिबली गांव में एक महिला लापता है, जबकि मेतली गांव में लापता महिला का शव बरामद कर लिया गया है. गोरी नदी का खौफनाक बहाव अपने साथ कई घरों को बहा चुका है. लुमती से मदकोट तक के इलाके में 100 से अधिक गांव के लोग खतरे की जद में हैं.

बंगापानी तहसील में 'जल तांडव'.

बता दें कि जिले के बंगापानी तहसील में आई आपदा में करीब 24 से अधिक मकान पूरी तरह टूट गए हैं, जबकि पांच दर्जन से अधिक घर मलबे से पट गए हैं. सैकड़ों ग्रामीणों ने घर से निकल कर किसी तरह अपनी जान बचाई, लेकिन उनके मवेशी लापता हैं.

वहीं, अब लोग घरों से जरूरी सामान निकालने में जुटे हैं. आसमानी आफत का तांडव बांसबगड़, जारा-जिबली, कनार और बरम में सबसे अधिक देखने को मिला है. बंगापानी को जोड़ने वाली सड़क दोनों तरफ से बंद हो गई है, जिसके चलते यहां राहत दल भी नहीं पहुंच पा रहा है.

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जौलजीबी-मदकोट रोड पर बना बीआरओ का बड़ा पुल पूरी तरह जमींदोज हो चुका है. जबकि मेतली को जोड़ने वाले सभी पुल टूट गए हैं. प्रशासन का कहना है कि आपदाग्रस्त क्षेत्रों के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, राजस्व और पुलिस के साथ ही आपदा राहत बल भेज दिया गया है.

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