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कोरोना पॉजिटिव मां के पास 17 दिन तक था डेढ़ साल का मासूम, फिर भी संक्रमित नहीं - मासूम को नहीं हुआ कोरोना

आंध्र प्रदेश के चित्तूर में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक डेढ़ साल का मासूम अपनी कोरोना पॉजिटिव मां के पास 17 दिन रहने के बावजूद संंक्रमित नहीं हुआ. पढ़ें विस्तार से...

कोरोना से बचने के बाद महिला अपने परिवार के साथ.
कोरोना से बचने के बाद महिला अपने परिवार के साथ.
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Published : Apr 26, 2020, 5:19 PM IST

चित्तूर : आंध्र प्रदेश में डेढ़ साल के मासूम ने चित्तूर जिले में चमत्कार कर दिया. वह 17 दिनों तक अपनी कोरोना संक्रमित मां के साथ रहने के बावजूद कोरोना से प्रभावित हुए बिना सुरक्षित बच गया.

चित्तूर का रहने वाला एक व्यक्ति धार्मिक कार्य से दिल्ली गया था और वहां से कोरोना प्रभावित होकर लौटा. बाद में उसके परिवार की महिला भी कोरोना से संक्रमित हो गई. अधिकारियों ने महिला को चित्तूर के सरकारी अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भेज दिया.

मां के अस्पताल भेजे जाने बाद कोई भी बच्चे का खयाल रखने के लिए आगे नहीं आया, जिससे अधिकारियों ने बच्चे को मां के साथ रहने की इजाजत दे दी.

अस्पताल में मां और बच्चे को देखने के लिए समय-समय पर डॉक्टर आते रहे. डॉक्टरों ने मां को बच्चे को उठाते समय सभी प्रकार की सवाधनी बरतने की जानकारी दी.

पूरी तरह से ध्यान रखने के बाद बच्चा कोरोना संक्रमित नहीं हुआ. वहां पर इलाजा के बीच मां और बेटे की दिन मे दो बार जांच की जाती थी.

पढ़ें-हिमाचल प्रदेश : बेटे के अंतिम संस्कार के तुरंत बाद ड्यूटी पर लौटा कोरोना योद्धा

अंत में मां और बेटे, दोनों का टेस्ट निगेटिव आया और उन्हें वापस घर भेज दिया गया. डॉक्टर यह देख कर काफी खुश थे कि बच्चा कोरोना से संक्रमित नही था, और मां भी ठीक हो चुकी थी.

डॉक्टरों ने कहा कि वे डेढ़ साल के मासूम में वायरस की प्रतिरोधी शक्ति देखकर हैरान हैं और इस मामले को आईसीएमआर के सामने उठाएंगे.

चित्तूर : आंध्र प्रदेश में डेढ़ साल के मासूम ने चित्तूर जिले में चमत्कार कर दिया. वह 17 दिनों तक अपनी कोरोना संक्रमित मां के साथ रहने के बावजूद कोरोना से प्रभावित हुए बिना सुरक्षित बच गया.

चित्तूर का रहने वाला एक व्यक्ति धार्मिक कार्य से दिल्ली गया था और वहां से कोरोना प्रभावित होकर लौटा. बाद में उसके परिवार की महिला भी कोरोना से संक्रमित हो गई. अधिकारियों ने महिला को चित्तूर के सरकारी अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भेज दिया.

मां के अस्पताल भेजे जाने बाद कोई भी बच्चे का खयाल रखने के लिए आगे नहीं आया, जिससे अधिकारियों ने बच्चे को मां के साथ रहने की इजाजत दे दी.

अस्पताल में मां और बच्चे को देखने के लिए समय-समय पर डॉक्टर आते रहे. डॉक्टरों ने मां को बच्चे को उठाते समय सभी प्रकार की सवाधनी बरतने की जानकारी दी.

पूरी तरह से ध्यान रखने के बाद बच्चा कोरोना संक्रमित नहीं हुआ. वहां पर इलाजा के बीच मां और बेटे की दिन मे दो बार जांच की जाती थी.

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अंत में मां और बेटे, दोनों का टेस्ट निगेटिव आया और उन्हें वापस घर भेज दिया गया. डॉक्टर यह देख कर काफी खुश थे कि बच्चा कोरोना से संक्रमित नही था, और मां भी ठीक हो चुकी थी.

डॉक्टरों ने कहा कि वे डेढ़ साल के मासूम में वायरस की प्रतिरोधी शक्ति देखकर हैरान हैं और इस मामले को आईसीएमआर के सामने उठाएंगे.

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