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शोपियां में ढेर आतंकी कामरान कोशिशों के बावजूद मुख्यधारा में नहीं लौटा : सेना - three militants killed

जम्मू-कश्मीर में युवाओं से सेना अपील कर रही है कि वे हिंसा का मार्ग पर न चले और हथियार नहीं उठाएं, बावजूद इसके कई युवा आंतकवाद की ओर बढ़ रहे हैं. हाल ही में शोपियां के तुर्कवांगम में हुए हमले में मारे गए तीन आतंकवादियों में से एक कामरान जहूर मन्हास है, जिसे सेना ने कई बार मुख्यधारा में वापस आने के लिए समझाया था.

shopian Encounter
शोपियां एनकाउंटर
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Published : Jun 16, 2020, 2:38 PM IST

Updated : Jun 16, 2020, 5:48 PM IST

श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर के शोपियां के तुर्कवांगम में हुए हमले में आज मारे गए तीन आतंकवादियों में एक कामरान जहूर मन्हास है. सेना का कहना है कि कमांडिंग ऑफिसर 44 आरआर कर्नल ए के सिंह ने पहले कामरान को पीछे हटाने की कोशिश की थी.

कर्नल ए के सिंह ने बताया कि वह कामरन के घर गए थे और उसके परिवर से उसकी वापसी की बात कही थी. उन्होंने कामरन के परिवार से उसे वापस बुलाने को कहा था. साथ ही कर्नल ने सेना से हर संभव मदद का वादा भी किया था.

गुमराह युवाओं से सेना की अपील

सीओ का कहना है कि सेना, उग्रवादियों को वापस लाने की कोशिश कर रही है, जिससे वे सामान्य जीवन व्यतीत कर सकें. कामरान से भी कई बार घर वापसी की अपील की गई, लेकिन अंत में कामरान मारा गया. उसकी हत्या ने साबित कर दिया कि अंत में हिंसा करने में किसी युवा कश्मीरी के लिए कोई भविष्य नहीं है.

पढ़ें :- जम्मू-कश्मीर : पाकिस्तान ने फिर तोड़ा सीजफायर, एक जवान शहीद, दो घायल

कर्नल ने कहा, 'मैं फिर से उन गुमराह युवाओं से अपील करता हूं, जिन्होंने आवाज उठाने के लिए हथियार उठाए हैं, वे मुख्यधारा में वापस आएं, अपने माता-पिता की सेवा करें क्योंकि यही सबसे बड़ा जिहाद है, जो अल्लाह आपसे चाहता है.'

श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर के शोपियां के तुर्कवांगम में हुए हमले में आज मारे गए तीन आतंकवादियों में एक कामरान जहूर मन्हास है. सेना का कहना है कि कमांडिंग ऑफिसर 44 आरआर कर्नल ए के सिंह ने पहले कामरान को पीछे हटाने की कोशिश की थी.

कर्नल ए के सिंह ने बताया कि वह कामरन के घर गए थे और उसके परिवर से उसकी वापसी की बात कही थी. उन्होंने कामरन के परिवार से उसे वापस बुलाने को कहा था. साथ ही कर्नल ने सेना से हर संभव मदद का वादा भी किया था.

गुमराह युवाओं से सेना की अपील

सीओ का कहना है कि सेना, उग्रवादियों को वापस लाने की कोशिश कर रही है, जिससे वे सामान्य जीवन व्यतीत कर सकें. कामरान से भी कई बार घर वापसी की अपील की गई, लेकिन अंत में कामरान मारा गया. उसकी हत्या ने साबित कर दिया कि अंत में हिंसा करने में किसी युवा कश्मीरी के लिए कोई भविष्य नहीं है.

पढ़ें :- जम्मू-कश्मीर : पाकिस्तान ने फिर तोड़ा सीजफायर, एक जवान शहीद, दो घायल

कर्नल ने कहा, 'मैं फिर से उन गुमराह युवाओं से अपील करता हूं, जिन्होंने आवाज उठाने के लिए हथियार उठाए हैं, वे मुख्यधारा में वापस आएं, अपने माता-पिता की सेवा करें क्योंकि यही सबसे बड़ा जिहाद है, जो अल्लाह आपसे चाहता है.'

Last Updated : Jun 16, 2020, 5:48 PM IST
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