नई दिल्ली : बदायूं गैंगरेप-मर्डर की घटना को लेकर राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य चंद्रमुखी देवी के बयान को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया है. इसी मुद्दे पर ईटीवी भारत की टीम ने चंद्रमुखी देवी से बातचीत की जिसमें उन्होंने सफाई देते हुए कहा, हमारे बयान का अलग अर्थ निकाला गया, जबकि हमारा बयान उस घटना के संदर्भ में था.
चंद्रमुखी देवी की ईटीवी भारत से खास बातचीत
ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य चंद्रमुखी देवी ने बताया कि बदायूं रेप पीड़िता के परिजनों से मिलने के बाद वहां पर सैकड़ों मीडियाकर्मी मौजूद थे, जिनको संबोधित करने के दौरान मेरे द्वारा एक लाइन कही गई थी. जिसमें मैंने कहा था कि किसी के प्रभाव में आकर समय-असमय महिला को बाहर नहीं जाना चाहिए, क्योंकि गांव की भोली-भाली महिलाएं किसी से प्रभावित हो जाती हैं और उनके कॉल पर चली जाती है.
इसी संदर्भ में मैंने यह बात कही थी, लेकिन बात को ज्यादा तूल दिया गया. मेरा साफ कहना है कि किसी के प्रभाव में न आकर कोई महिला अगर अपने विवेक का उपयोग करती है तो उसके साथ ऐसी घटना नहीं घट सकती है. वहीं हमारे 30 सालों के राजनीतिक जीवन में हर कोई जानता है कि मैं महिलाओं के लिए पक्षधर रही हूं. मैं चाहती हूं कि महिलाएं शिक्षित हो स्वावलंबी हो, उनका विकास हो.
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बदायूं रेप पीड़िता के संदर्भ में मैंने कहा था कि अगर वह उस समय घर से बाहर नहीं गई होती तो यह घटना नहीं होती. मैं हमेशा महिलाओं के पक्षधर रही हूं. साथ ही मैंने शासन प्रशासन लोगों से बातचीत की और दोषियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई हो इसके लिए कहा और करवाई हुई.