नई दिल्ली: असम के बारपेटा से नवनिर्वाचित कांग्रेस सांसद अब्दुल खालिक की मां का नाम एनआरसी लिस्ट में होने पर आपत्ति दर्ज कराई गई है. उन्होंने कहा कि सिर्फ परेशान करने के लिए यह आपत्ति दर्ज कराई गई है. खालिक ने शुद्ध एनआरसी सूची की मांग की है.
अब्दुल खालिक से ईटीवी भारत ने बातचीत की. उन्होंने बताया कि वे अपनी मां को उनकी नागरिकता को सत्यापित कराने के लिए बारपेटा जिले स्थित राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के दफ्तर लेके गए और 75 वर्षीय मां की नागरिकता के स्थान पर सभी दस्तावेजों को प्रस्तुत किया.
उन्होंने बताया कि उनकी मां का नाम 1951 में एनआरसी सूची में था और 1971 की मतदाता सूची में था. खालिक ने आरोप लगाया कि सिर्फ परेशान करने के लिए कुछ लोगों ने उनकी मां की नागरिकता के खिलाफ आपत्ति जताई है.
खालिक ने कहा कि उच्चतम न्यायालय की निगरानी में अधिकारी एनआरसी से संबंधित दावे और आपत्तियों का सत्यापन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट पर भरोसा है लेकिन क्षेत्रीय प्रक्रिया को पारदर्शी बनाए जाने की जरूरत है.
खालिक ने कहा कि भारतीयों का नाम इसमें शामिल होना चाहिए और दूसरे देश के लोगों का नाम नहीं आना चाहिए. एनआरसी के सत्यापन की प्रक्रिया में 2.5 लाख आपत्तियां थीं, लेकिन कई बार आपत्ति दर्ज कराने वाले नहीं आते हैं. उन्होंने शुद्ध एनआरसी की मांग की है.
इसके अलावा खालिक ने कहा कि एक सांसद के रूप में उनका मुख्य उद्देश्य बारपेटा को विरासत स्थल के रूप में संरक्षित करना है. 1583 ई. में वैष्णव संत माधवदेव द्वारा बारपेटा की स्थापना की गई थी. खलीक ने कहा कि वह असम से डी वोटर्स (संदिग्ध मतदाताओं) का नाम हटाने के लिए लड़ेंगे.