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NRC में कांग्रेस सांसद की मां का नाम, अज्ञात शख्स ने दर्ज कराई आपत्ति, जानें क्या है मामला - अब्दुल खालिक असम कांग्रेस सांसद

असम में एनआरसी सूची में कांग्रेस सांसद अब्दुल खालिक की मां के नाम पर आपत्ति दर्ज कराने के बाद उन्होंने कहा कि सिर्फ परेशान करने के लिए यह सब किया जा रहा है.

अब्दुल खालिक
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Published : May 29, 2019, 11:12 PM IST

नई दिल्ली: असम के बारपेटा से नवनिर्वाचित कांग्रेस सांसद अब्दुल खालिक की मां का नाम एनआरसी लिस्ट में होने पर आपत्ति दर्ज कराई गई है. उन्होंने कहा कि सिर्फ परेशान करने के लिए यह आपत्ति दर्ज कराई गई है. खालिक ने शुद्ध एनआरसी सूची की मांग की है.

अब्दुल खालिक से ईटीवी भारत ने बातचीत की. उन्होंने बताया कि वे अपनी मां को उनकी नागरिकता को सत्यापित कराने के लिए बारपेटा जिले स्थित राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के दफ्तर लेके गए और 75 वर्षीय मां की नागरिकता के स्थान पर सभी दस्तावेजों को प्रस्तुत किया.

उन्होंने बताया कि उनकी मां का नाम 1951 में एनआरसी सूची में था और 1971 की मतदाता सूची में था. खालिक ने आरोप लगाया कि सिर्फ परेशान करने के लिए कुछ लोगों ने उनकी मां की नागरिकता के खिलाफ आपत्ति जताई है.

अब्दुल खालिक से बातचीत

खालिक ने कहा कि उच्चतम न्यायालय की निगरानी में अधिकारी एनआरसी से संबंधित दावे और आपत्तियों का सत्यापन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट पर भरोसा है लेकिन क्षेत्रीय प्रक्रिया को पारदर्शी बनाए जाने की जरूरत है.

खालिक ने कहा कि भारतीयों का नाम इसमें शामिल होना चाहिए और दूसरे देश के लोगों का नाम नहीं आना चाहिए. एनआरसी के सत्यापन की प्रक्रिया में 2.5 लाख आपत्तियां थीं, लेकिन कई बार आपत्ति दर्ज कराने वाले नहीं आते हैं. उन्होंने शुद्ध एनआरसी की मांग की है.

इसके अलावा खालिक ने कहा कि एक सांसद के रूप में उनका मुख्य उद्देश्य बारपेटा को विरासत स्थल के रूप में संरक्षित करना है. 1583 ई. में वैष्णव संत माधवदेव द्वारा बारपेटा की स्थापना की गई थी. खलीक ने कहा कि वह असम से डी वोटर्स (संदिग्ध मतदाताओं) का नाम हटाने के लिए लड़ेंगे.

नई दिल्ली: असम के बारपेटा से नवनिर्वाचित कांग्रेस सांसद अब्दुल खालिक की मां का नाम एनआरसी लिस्ट में होने पर आपत्ति दर्ज कराई गई है. उन्होंने कहा कि सिर्फ परेशान करने के लिए यह आपत्ति दर्ज कराई गई है. खालिक ने शुद्ध एनआरसी सूची की मांग की है.

अब्दुल खालिक से ईटीवी भारत ने बातचीत की. उन्होंने बताया कि वे अपनी मां को उनकी नागरिकता को सत्यापित कराने के लिए बारपेटा जिले स्थित राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के दफ्तर लेके गए और 75 वर्षीय मां की नागरिकता के स्थान पर सभी दस्तावेजों को प्रस्तुत किया.

उन्होंने बताया कि उनकी मां का नाम 1951 में एनआरसी सूची में था और 1971 की मतदाता सूची में था. खालिक ने आरोप लगाया कि सिर्फ परेशान करने के लिए कुछ लोगों ने उनकी मां की नागरिकता के खिलाफ आपत्ति जताई है.

अब्दुल खालिक से बातचीत

खालिक ने कहा कि उच्चतम न्यायालय की निगरानी में अधिकारी एनआरसी से संबंधित दावे और आपत्तियों का सत्यापन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट पर भरोसा है लेकिन क्षेत्रीय प्रक्रिया को पारदर्शी बनाए जाने की जरूरत है.

खालिक ने कहा कि भारतीयों का नाम इसमें शामिल होना चाहिए और दूसरे देश के लोगों का नाम नहीं आना चाहिए. एनआरसी के सत्यापन की प्रक्रिया में 2.5 लाख आपत्तियां थीं, लेकिन कई बार आपत्ति दर्ज कराने वाले नहीं आते हैं. उन्होंने शुद्ध एनआरसी की मांग की है.

इसके अलावा खालिक ने कहा कि एक सांसद के रूप में उनका मुख्य उद्देश्य बारपेटा को विरासत स्थल के रूप में संरक्षित करना है. 1583 ई. में वैष्णव संत माधवदेव द्वारा बारपेटा की स्थापना की गई थी. खलीक ने कहा कि वह असम से डी वोटर्स (संदिग्ध मतदाताओं) का नाम हटाने के लिए लड़ेंगे.

Intro:New Delhi: Mother of a newly elected Congress MP from Assam Abdul Khaleque has been served with an objection notice on suspicion of being an illegal migrant from Bangladesh.


Body:Before coming to Delhi to complete the necesaary formalities to be inducted as Lok Sabha member, Khaleqe took his mother to the National Register of Citizen (NRC) centre in lower Assam's Barpeta district to verify her citizenship. However, the objector did not turn up after which Khaleque submitted all documents substentiating his 75-years-old mother's citizenship.

"The objector did not turn up. There were 2.5 lakh objections in the NRC verifying process, but on many occasions the objector don't turn up," said Khalaque adding "this is a total harressment. My mother's name was there in 1951 NRC, her name was there in the 1971 electoral rolls...just to harress us some one made the objections against citizenship of my mother."

Officials engaged in the exercise to update the Supreme Court monitored NRC are currently verifying claims and objections.

Claims are by people included in the NRC for corrections as well as those excluded because of rejection of documents, while objections are filled by people against those they think do not deserve to be on the register of Citizen. The final NRC will be published on July 31.

Meanwhile, Khaleque said that his main aim as an MP would be to preserve Barpeta Satra as heritage site.

Barpeta Satra was established by vaishnavite saint Madhabdev in 1583 AD.

"I will also work on the process to mitigate erosion problem in Barpeta," said Khaleque. Annually thousands of acre get eroded by floods in Barpeta.



Conclusion:Khaleque said that he would also fight to remove D (doubtful) voters issue from Assam.

"In rest of the country we have citizen and foreigner issue, but in Assam we have D voters issue, I will fight afainstbit," said Khalaque.

Khalaque was amongst two others Congress MP who defeated their opponents amid NaMo wave.

end.
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