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महाराष्ट्र में NRC से SC/ST के 98 फीसदी लोग प्रभावित होंगे : राकांपा विधायक

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के विधायक जितेंद्र अह्वाड ने कहा है कि अगर महाराष्ट्र में NRC लागू हुई तो इससे 98 प्रतिशत एससी/एसटी समुदाय के लोग प्रभावित होंगे. एनसीपी नेता का मानना है कि एससी और एसटी की 98 प्रतिशत जनसंख्या के पास दस्तावेज नहीं हैं.

जितेन्द्र अव्हाड
जितेन्द्र अव्हाड
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Published : Dec 29, 2019, 10:02 PM IST

मुंबई : राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) विधायक जितेंद्र अह्वाड ने रविवार को कहा कि यदि महाराष्ट्र में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NRC) कवायद चलाई गई तो इसका कड़ा विरोध किया जाएगा. उन्होंने दावा किया कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदायों से लगभग 98 प्रतिशत लोगों के पास इसके लिए दस्तावेज नहीं हैं.

अह्वाड ने संवाददाता सम्मेलन में सरकार द्वारा नियुक्त समिति के हवाले से दावा किया, महाराष्ट्र में एससी और एसटी की 98 प्रतिशत जनसंख्या के पास दस्तावेज नहीं हैं और इसलिए एनआरसी के नागरिकता प्रावधान के दायरे से वह बाहर रहेंगे.

एनसीपी नेता ने कहा कि 48 एससी/एसटी संगठनों ने हाल में उनसे मुलाकात की थी और एनआरसी तथा संशोधित नागरिकता कानून (CAA) के खिलाफ संयुक्त रूप से संघर्ष करने का संकल्प व्यक्त किया था.

पढ़ें- CAA हिंसा : देश के कई राज्यों में प्रदर्शन

उन्होंने कहा, 'दस्तावेज नहीं होने पर, आप एससी/एसटी समुदायों (महाराष्ट्र में) के दो करोड़ लोगों से यह साबित करने की कैसे उम्मीद कर सकते है कि वे देश के नागरिक हैं? आने वाले दिनों में एनआरसी और सीएए के खिलाफ कड़ा विरोध होना तय है.

मुंबई : राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) विधायक जितेंद्र अह्वाड ने रविवार को कहा कि यदि महाराष्ट्र में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NRC) कवायद चलाई गई तो इसका कड़ा विरोध किया जाएगा. उन्होंने दावा किया कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदायों से लगभग 98 प्रतिशत लोगों के पास इसके लिए दस्तावेज नहीं हैं.

अह्वाड ने संवाददाता सम्मेलन में सरकार द्वारा नियुक्त समिति के हवाले से दावा किया, महाराष्ट्र में एससी और एसटी की 98 प्रतिशत जनसंख्या के पास दस्तावेज नहीं हैं और इसलिए एनआरसी के नागरिकता प्रावधान के दायरे से वह बाहर रहेंगे.

एनसीपी नेता ने कहा कि 48 एससी/एसटी संगठनों ने हाल में उनसे मुलाकात की थी और एनआरसी तथा संशोधित नागरिकता कानून (CAA) के खिलाफ संयुक्त रूप से संघर्ष करने का संकल्प व्यक्त किया था.

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उन्होंने कहा, 'दस्तावेज नहीं होने पर, आप एससी/एसटी समुदायों (महाराष्ट्र में) के दो करोड़ लोगों से यह साबित करने की कैसे उम्मीद कर सकते है कि वे देश के नागरिक हैं? आने वाले दिनों में एनआरसी और सीएए के खिलाफ कड़ा विरोध होना तय है.

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