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चिड़ियाघर के जानवरों को लेना चाहते हैं गोद तो ये खबर है आपके लिए खास

राष्ट्रीय टाइगर्स दिवस पर कर्नाटक के वन मंत्री आनंद सिंह ने एक एप लॉन्च किया. इस एप के जरिए जो भी चिड़ियाघर के जानवरों को गोद लेने में रुचि रखता है, ले सकता है. मंत्री आनंद सिंह ने एक टाइगर को गोद लिया है.

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Published : Aug 4, 2020, 9:07 PM IST

बेल्लारी (कर्नाटक): वन्यजीव संरक्षण में रुचि रखने वाले अब ऑनलाइन जानवरों को गोद ले सकते हैं. कर्नाटक राज्य वन विभाग ने चिड़ियाघर कर्नाटक नाम से एक नया एप लॉन्च किया है, जिसके जरिए कोई भी जानवरों को गोद ले सकता है.

कोरोना महामारी और लॉकडाउन के कारण कोई भी चिड़ियाघर घुमने नहीं नहीं जा रहा है, जिससे आर्थिक तंगी से विभाग को गुजरना पड़ रहा है. इसे देखते हुए 29 जुलाई को राष्ट्रीय टाइगर्स दिवस पर एप लॉन्च किया गया. वन मंत्री आनंद सिंह ने कमलापुरा अटल बिहारी जियोलॉजिकल पार्क में एक टाइगर को गोद लिया है.

लॉकडाउन से पहले पशु प्रेमी चिड़ियाघर में घुमने आते थे और वे उन जानवरों को गोद लेने की बात कहते थे, जिनकी उन्हें ज़रूरत थी. लेकिन लॉकडाउन के बाद कोई भी चिड़ियाघर नहीं जा रहा है. जिससे विभाग आर्थिक तंगी से जूझ रहा है.

पढ़ेंः 'शेरनियों' की निगेहबानी में सुरक्षित है गिर और यहां के शेर

इसे देखते हुए वन विभाग ने एक पहल की जिससे जानवरों की देखभाल हो सके और पैसों की कमी भी दूर हो जाए.

लोग एप के माध्यम से चिड़ियाघर के जानवरों को गोद ले सकते हैं और इसके बाद दत्तक प्रमाण पत्र प्राप्त कर सकते हैं. डोनर्स इस एप की मदद से ऑनलाइन पेमेंट के जरिए जानवरों के लिए पैसे भी कंट्रीब्यूट कर सकते हैं.

इस ऐप में मैसूर, बन्नेरघट्टा, शिमोगा और कर्नाटक राज्य के छह अन्य सहित नौ चिड़ियाघर शामिल हैं.

बेल्लारी (कर्नाटक): वन्यजीव संरक्षण में रुचि रखने वाले अब ऑनलाइन जानवरों को गोद ले सकते हैं. कर्नाटक राज्य वन विभाग ने चिड़ियाघर कर्नाटक नाम से एक नया एप लॉन्च किया है, जिसके जरिए कोई भी जानवरों को गोद ले सकता है.

कोरोना महामारी और लॉकडाउन के कारण कोई भी चिड़ियाघर घुमने नहीं नहीं जा रहा है, जिससे आर्थिक तंगी से विभाग को गुजरना पड़ रहा है. इसे देखते हुए 29 जुलाई को राष्ट्रीय टाइगर्स दिवस पर एप लॉन्च किया गया. वन मंत्री आनंद सिंह ने कमलापुरा अटल बिहारी जियोलॉजिकल पार्क में एक टाइगर को गोद लिया है.

लॉकडाउन से पहले पशु प्रेमी चिड़ियाघर में घुमने आते थे और वे उन जानवरों को गोद लेने की बात कहते थे, जिनकी उन्हें ज़रूरत थी. लेकिन लॉकडाउन के बाद कोई भी चिड़ियाघर नहीं जा रहा है. जिससे विभाग आर्थिक तंगी से जूझ रहा है.

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इसे देखते हुए वन विभाग ने एक पहल की जिससे जानवरों की देखभाल हो सके और पैसों की कमी भी दूर हो जाए.

लोग एप के माध्यम से चिड़ियाघर के जानवरों को गोद ले सकते हैं और इसके बाद दत्तक प्रमाण पत्र प्राप्त कर सकते हैं. डोनर्स इस एप की मदद से ऑनलाइन पेमेंट के जरिए जानवरों के लिए पैसे भी कंट्रीब्यूट कर सकते हैं.

इस ऐप में मैसूर, बन्नेरघट्टा, शिमोगा और कर्नाटक राज्य के छह अन्य सहित नौ चिड़ियाघर शामिल हैं.

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