नई दिल्ली : राष्ट्रीय स्वंय सेवक (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत की टिप्पणी पर केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने प्रतिक्रिया देते हुए गुरुवार को कहा कि यह कहना गलत है कि भारत के सभी लोग हिंदू हैं. एक समय था भारत में सब लोग बौद्ध धर्म को मानने वाले थे.
अठावले ने कहा, सभी को हिंदू कहने का ठीक नहीं है. एक समय था जब हमारे देश में हर कोई बौद्ध था, लेकिन जब हिंदू धर्म आया हम हिंदू राष्ट्र बने. उन्होंने कहा कि अगर मोहन भागवत का मतलब यह है कि हर कोई हमारा है, तो यह अच्छा है.
वहीं नागरिकता कानून को लेकर कहा कि इलका मकसद मुसमलमानों को देश से भगाने के लिए नहीं, बल्कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बंग्लादेश में प्रताड़ित किए गए सिख, बौद्ध और हिंदुओं को नागरिकता देने के लिए है. साथ ही उन्होंने इस बात को भी सिरे से नकार दिया कि जो लोग नागरिकता के सुबूत नहीं दे पाए तो उन्हें डिटेंशन कैंप में रखा जाएगा.
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बता दें कि बुधवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने तेलंगाना में आरएसएस के तीन दिवसीय 'विजय संकल्प शिविर' में कहा था कि संघ भारत की 130 करोड़ आबादी को हिंदू समाज के रूप में मानता है, चाहे उनका धर्म और संस्कृति कुछ भी हो.
भागवत ने कहा, 'भारत माता का सपूत, चाहे वह कोई भी भाषा बोले, चाहे वह किसी भी क्षेत्र का हो, किसी स्वरूप में पूजा करता हो या किसी भी तरह की पूजा में विश्वास नहीं करता हो, एक हिंदू है...इस संबंध में, संघ के लिए भारत के सभी 130 करोड़ लोग हिंदू समाज है.'उन्होंने कहा कि आरएसएस सभी को स्वीकार करता है, उनके बारे में अच्छा सोचता है और उन्हें बेहतरी के लिए उच्च स्तर पर ले जाना चाहता है.