नई दिल्ली: गृह मंत्री अमित शाह ने अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू को आश्वासन दिया है कि प्रस्तावित 'नागा समझौते' में अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर और असम की क्षेत्रीय अखंडता से समझौता नहीं किया जाएगा.
इस बीच, सरकार के सूत्रों ने कहा कि क्रिसमस से पहले बहुप्रतीक्षित नागा समझौते की घोषणा की जा सकती है.
अरुणाचल प्रदेश के लोकसभा सांसद तपीर गाओ ने कहा कि माननीय गृह मंत्री अमित शाह ने हमारे मुख्यमंत्री पेमा खांडू को आश्वासन दिया है . उन्होंने कहा है कि अरुणाचल प्रदेश की क्षेत्रीय अखंडता के साथ नागा समझौते में समझौता नहीं किया जाएगा.
तापिर गाओ ने कहा कि अमित शाह और पेमा खांडू के बीच हाल ही में हुई बैठक में यह तय हुआ है कि समझौते के दौरान इन तीनों राज्यों के लोगों की 'भावनाओं' को ध्यान में रखा जाएगा.
बीजेपी सांसद ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि असम और मणिपुर के मुख्यमंत्री ने भी गृह मंत्री से यह बात साफ कर दी थी की समझौते के दौरान क्षेत्रीय अखंडता से समझौता नहीं किया जाएगा.
पिछले कुछ हफ्तों से, असम, मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश में हंगामा इस मामले को लेकर हंगामा हुआ है. रिपोर्ट में कहा गया कि 'नागा समझौता' इन तीन राज्यों की क्षेत्रीय अखंडता को प्रभावित कर सकता है.
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असम, मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश के प्रतिनिधिमंडल ने इस मुद्दे पर स्पष्टता प्राप्त करने के लिए गृह मंत्रालय के अधिकारियों से मुलाकात की.
वास्तव में, मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह ने भी मणिपुर की क्षेत्रीय अखंडता से समझौता करने की कथित कदम के विरोध में एक विरोध प्रदर्शन का मंचन किया है.
साल 1997 से सरकार और एनएससीएन (आईएम), एक नागा उग्रवादी समूह और सरकार उनके क्षेत्र में स्थायी शांति बनाने के लिए बातचीत हो रही है.
एनएससीएन (आईएम) ने पहले असम, मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश के नगा बसे इलाकों को 'ग्रेटर नगालिम' क्षेत्र में शामिल करने की मांग की थी,क जिसे केंद्र द्वारा सरकार द्वारा अस्वीकार कर दिया गया था.
सरकार के सूत्रों ने कहा कि अंतिम शांति समझौते की घोषणा क्रिस्मस से पहले की जाएगी. सूत्रों ने कहा, 'कुछ हितधारकों के साथ बातचीत अभी भी जारी है.'
वास्तव में, गृह मंत्री अमित शाह ने पहले कहा था कि किसी भी शांति समझौते की घोषणा से पहले सभी हितधारकों से परामर्श किया जाएगा.