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'गैर गांधी' हो सकता है कांग्रेस अध्यक्ष, पार्टी में सक्रिय रहे गांधी परिवार  : अय्यर

लोकसभा चुनावों में कांग्रेस की हार के बाद राहुल गांधी ने साफ कर दिया कि वे अब पार्टी अध्यक्ष के पद पर नहीं बने रहेंगे और पार्टी किसी गांधी परिवार से बाहर के नेता को पार्टी का मुखिया चुन ले. इसके बाद पार्टी लगातार मंथन कर रही है. वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर ने पार्टी अध्यक्ष के पद को लेकर बड़ा बयान दिया है. जानें क्या कुछ कहा उन्होंने....

सोनिया गांधी और मणिशंकर अय्यर
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Published : Jun 23, 2019, 10:57 PM IST

नई दिल्ली: राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष पद पर बने रहने की अनिश्चितता के बीच पार्टी के वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर ने बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि एक 'गैर गांधी' पार्टी का प्रमुख हो सकता है लेकिन गांधी परिवार को संगठन के भीतर सक्रिय रहना होगा.

उन्होंने दावा किया कि भाजपा का लक्ष्य 'गांधी मुक्त कांग्रेस' है ताकि फिर 'कांग्रेस मुक्त भारत' का उनका उद्देश्य पूरा हो सके. अय्यर ने कहा कि अगर राहुल गांधी पार्टी अध्यक्ष बने रहते हैं तो यह सबसे अच्छा होगा लेकिन साथ ही राहुल की इच्छाओं का भी सम्मान होना चाहिए.

आइडिया ऑफ इंडिया...
अय्यर ने कहा, 'भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है और इसलिए हमें इस विचार को अक्षुण्ण रखने के लिए दृढ़ रहना होगा जो हमारे संविधान का सार है और जिसे हम 'आइडिया ऑफ इंडिया' कहते हैं उसका सत्व है.'

कांग्रेस में अब भी उत्साह
स्वराज इंडिया के नेता योगेंद्र यादव की 'कांग्रेस खत्म हो जानी चाहिए' वाली टिप्प्णी पर उन्होंने कहा कि पार्टी की जीवनी लिखना बहुत जल्दबाजी होगी और कहा कि कांग्रेस में अब भी उत्साह एवं ऊर्जा है जबकि यादव का संगठन 'अस्तित्व की लड़ाई' लड़ रहा है.

एक न्यूज एजेंसी को दिए साक्षात्कार में उन्होंने कहा, 'मैं आश्वस्त हूं कि पार्टी का अध्यक्ष कोई नेहरू-गांधी न हो तब भी हमारा अस्तित्व कायम रहेगा बशर्ते नेहरू-गांधी परिवार पार्टी में सक्रिय रहे और ऐसे संकट का समाधान निकालने में मदद करे जहां गंभीर मतभेद उत्पन्न हों.'

पढ़ें-अमर सिंह का खुलासा, 'गाली देने वाले मणिशंकर अय्यर को मैंने जमकर पीटा'

राहुल के अध्यक्ष बने रहने के पक्ष में पार्टी
अय्यर ने कहा कि राहुल ने अध्यक्ष पद के लिए कोई अन्य विकल्प ढूंढने के लिए एक महीने का वक्त दिया है और इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस के भीतर बातचीत जारी है जहां पार्टी में ज्यादातर लोग राहुल के पद पर बने रहने के पक्ष में हैं.

etvbharat gandhi family
राहुल, सोनिया और प्रियंका गांधी.

इंतजार करें..जल्द होगा फैसला
हालांकि पूर्व केंद्रीय मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि मीडिया को अटकलें लगाने की बजाए यह जानने के लिए 'अंतिम समय सीमा' का इंतजार करना चाहिए कि क्या कोई विकल्प मिल गया है या राहुल को कांग्रेस अध्यक्ष बने रहने के लिए मना लिया गया है.

बीजेपी के जाल में नहीं फंसने वाले
अय्यर ने कहा, 'मुझे नहीं लगता कि यह व्यक्तित्व का मामला है. मैं जानता हूं कि भाजपा का लक्ष्य गांधी मुक्त कांग्रेस और नतीजन कांग्रेस मुक्त भारत है. मेरे विचार में हम उस सोच के जाल में फंसने वाले नहीं हैं कि उन्होंने कुछ ऐसा पता लगा लिया है जिसे खोज पाने में हम असमर्थ हैं.'

संगठन के शीर्ष पर फेरबदल की जरूरत को लेकर पूछे गए सवाल पर 78 वर्षीय अय्यर ने कहा, 'अगर आप सिर ही कलम कर देंगे तो धड़ फड़फड़ाने लगेगा.'

पहले भी बाहरी लोग बने हैं अध्यक्ष
अय्यर ने पार्टी के इतिहास से ऐसे कई उदाहरण पेश किए जब नेहरू-गांधी परिवार से बाहर के लोग पार्टी के अध्यक्ष रहे, यू एन ढेबर से लेकर ब्रह्मानंद रेड्डी तक. उन्होंने कहा कि अब भी इस मॉडल को अपनाया जा सकता है.

आइडिया ऑफ इंडिया मूवमेंट...
उन्होंने कहा, 'हम जानते हैं कि सोनिया गांधी संसदीय दल की अध्यक्ष हैं राहुल गांधी हमारे संसदीय दल के अहम हिस्से हैं, मुझे पूरा विश्वास है कि शीर्ष पद पर राहुल गांधी रहें या कोई और, पार्टी लड़ेगी और वापस अपने स्वाभाविक नेतृत्व के मुकाम पर पहुंचेगी जिसे मैं 'आइडिया ऑफ इंडिया मूवमेंट' कहता हूं.'

etvbharat sonia gandhi
चुनावों के दौरान सक्रिय सोनिया गांधी

बता दें, राहुल गांधी ने 25 मई को कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक के दौरान पार्टी अध्यक्ष के तौर पर इस्तीफा देने की पेशकश की थी लेकिन सीडब्ल्यूसी ने सर्वसम्मति से इसे खारिज कर दिया था हालांकि राहुल अपने पक्ष पर रूख पर कायम रहे.

पढ़ें-मोदी को 'नीच' बता बोले अय्यर, 'मैं उल्लू हूं... लेकिन उतना बड़ा नहीं'

राहुल गांधी के इस्तीफे की पेशकश के बाद उनके अगले कदम को लेकर लग रही अटकलों के बीच गुरुवार को उन्होंने कहा कि पार्टी फैसला ले कि उनके बाद इस पद को कौन संभालेगा और वह इस पद पर नहीं बने रहेंगे.

फेल हो गया कांग्रेस का गणित
अय्यर ने कहा कि लोकसभा चुनावों में गठबंधन करने का कांग्रेस का अंकगणित गलत साबित हो गया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के इतिहास में ज्यादातर समय वह एक आंदोलन रही है.

(पीटीआई इनपुट)

नई दिल्ली: राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष पद पर बने रहने की अनिश्चितता के बीच पार्टी के वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर ने बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि एक 'गैर गांधी' पार्टी का प्रमुख हो सकता है लेकिन गांधी परिवार को संगठन के भीतर सक्रिय रहना होगा.

उन्होंने दावा किया कि भाजपा का लक्ष्य 'गांधी मुक्त कांग्रेस' है ताकि फिर 'कांग्रेस मुक्त भारत' का उनका उद्देश्य पूरा हो सके. अय्यर ने कहा कि अगर राहुल गांधी पार्टी अध्यक्ष बने रहते हैं तो यह सबसे अच्छा होगा लेकिन साथ ही राहुल की इच्छाओं का भी सम्मान होना चाहिए.

आइडिया ऑफ इंडिया...
अय्यर ने कहा, 'भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है और इसलिए हमें इस विचार को अक्षुण्ण रखने के लिए दृढ़ रहना होगा जो हमारे संविधान का सार है और जिसे हम 'आइडिया ऑफ इंडिया' कहते हैं उसका सत्व है.'

कांग्रेस में अब भी उत्साह
स्वराज इंडिया के नेता योगेंद्र यादव की 'कांग्रेस खत्म हो जानी चाहिए' वाली टिप्प्णी पर उन्होंने कहा कि पार्टी की जीवनी लिखना बहुत जल्दबाजी होगी और कहा कि कांग्रेस में अब भी उत्साह एवं ऊर्जा है जबकि यादव का संगठन 'अस्तित्व की लड़ाई' लड़ रहा है.

एक न्यूज एजेंसी को दिए साक्षात्कार में उन्होंने कहा, 'मैं आश्वस्त हूं कि पार्टी का अध्यक्ष कोई नेहरू-गांधी न हो तब भी हमारा अस्तित्व कायम रहेगा बशर्ते नेहरू-गांधी परिवार पार्टी में सक्रिय रहे और ऐसे संकट का समाधान निकालने में मदद करे जहां गंभीर मतभेद उत्पन्न हों.'

पढ़ें-अमर सिंह का खुलासा, 'गाली देने वाले मणिशंकर अय्यर को मैंने जमकर पीटा'

राहुल के अध्यक्ष बने रहने के पक्ष में पार्टी
अय्यर ने कहा कि राहुल ने अध्यक्ष पद के लिए कोई अन्य विकल्प ढूंढने के लिए एक महीने का वक्त दिया है और इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस के भीतर बातचीत जारी है जहां पार्टी में ज्यादातर लोग राहुल के पद पर बने रहने के पक्ष में हैं.

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राहुल, सोनिया और प्रियंका गांधी.

इंतजार करें..जल्द होगा फैसला
हालांकि पूर्व केंद्रीय मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि मीडिया को अटकलें लगाने की बजाए यह जानने के लिए 'अंतिम समय सीमा' का इंतजार करना चाहिए कि क्या कोई विकल्प मिल गया है या राहुल को कांग्रेस अध्यक्ष बने रहने के लिए मना लिया गया है.

बीजेपी के जाल में नहीं फंसने वाले
अय्यर ने कहा, 'मुझे नहीं लगता कि यह व्यक्तित्व का मामला है. मैं जानता हूं कि भाजपा का लक्ष्य गांधी मुक्त कांग्रेस और नतीजन कांग्रेस मुक्त भारत है. मेरे विचार में हम उस सोच के जाल में फंसने वाले नहीं हैं कि उन्होंने कुछ ऐसा पता लगा लिया है जिसे खोज पाने में हम असमर्थ हैं.'

संगठन के शीर्ष पर फेरबदल की जरूरत को लेकर पूछे गए सवाल पर 78 वर्षीय अय्यर ने कहा, 'अगर आप सिर ही कलम कर देंगे तो धड़ फड़फड़ाने लगेगा.'

पहले भी बाहरी लोग बने हैं अध्यक्ष
अय्यर ने पार्टी के इतिहास से ऐसे कई उदाहरण पेश किए जब नेहरू-गांधी परिवार से बाहर के लोग पार्टी के अध्यक्ष रहे, यू एन ढेबर से लेकर ब्रह्मानंद रेड्डी तक. उन्होंने कहा कि अब भी इस मॉडल को अपनाया जा सकता है.

आइडिया ऑफ इंडिया मूवमेंट...
उन्होंने कहा, 'हम जानते हैं कि सोनिया गांधी संसदीय दल की अध्यक्ष हैं राहुल गांधी हमारे संसदीय दल के अहम हिस्से हैं, मुझे पूरा विश्वास है कि शीर्ष पद पर राहुल गांधी रहें या कोई और, पार्टी लड़ेगी और वापस अपने स्वाभाविक नेतृत्व के मुकाम पर पहुंचेगी जिसे मैं 'आइडिया ऑफ इंडिया मूवमेंट' कहता हूं.'

etvbharat sonia gandhi
चुनावों के दौरान सक्रिय सोनिया गांधी

बता दें, राहुल गांधी ने 25 मई को कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक के दौरान पार्टी अध्यक्ष के तौर पर इस्तीफा देने की पेशकश की थी लेकिन सीडब्ल्यूसी ने सर्वसम्मति से इसे खारिज कर दिया था हालांकि राहुल अपने पक्ष पर रूख पर कायम रहे.

पढ़ें-मोदी को 'नीच' बता बोले अय्यर, 'मैं उल्लू हूं... लेकिन उतना बड़ा नहीं'

राहुल गांधी के इस्तीफे की पेशकश के बाद उनके अगले कदम को लेकर लग रही अटकलों के बीच गुरुवार को उन्होंने कहा कि पार्टी फैसला ले कि उनके बाद इस पद को कौन संभालेगा और वह इस पद पर नहीं बने रहेंगे.

फेल हो गया कांग्रेस का गणित
अय्यर ने कहा कि लोकसभा चुनावों में गठबंधन करने का कांग्रेस का अंकगणित गलत साबित हो गया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के इतिहास में ज्यादातर समय वह एक आंदोलन रही है.

(पीटीआई इनपुट)

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CONG-AIYAR-LD INTERVIEW
'Non-Gandhi' can be Cong chief, but Gandhi family must remain active in party: Aiyar
By Asim Kamal
(Eds: Adding a quote)
         New Delhi, Jun 23 (PTI) Amid uncertainty over Rahul Gandhi continuing as Congress president, senior leader Mani Shankar Aiyar said Sunday that a 'non-Gandhi' can be party chief, but the Gandhi family must remain active within the organisation.
         The BJP's objective is to have a "Gandhi-mukt Congress" so as to have a "Congress-mukt Bharat", he claimed.
         It would be best that Rahul remains party chief, but at the same time, Rahul's own wishes must also be respected, Aiyar said.
         "I am sure we can survive if we have to without a Nehru-Gandhi as the titular head of the party, provided the Nehru-Gandhis remain active in the party and can help resolve a crisis in case serious differences arise," he told PTI in an interview.
         Aiyar said Rahul has given about a month to the party to find a replacement and there have been confabulations within the Congress over the issue with the feeling in the party overwhelmingly in favour of Rahul staying on.
         The former Union minister, however, emphasised that instead of speculating, media must wait for the "deadline" to know whether a replacement has been found or Rahul gets persuaded to remain Congress chief.
         "I don't think it is a matter of personalities. I know it is the objective of the BJP to have a Gandhi-mukt Congress so as to have a Congress-mukt Bharat. I don't think we should be falling into the trap of thinking that they have discovered something that we are not able to discover," Aiyar said.
         "If you simply cut off the head then the chicken may start fluttering as it does in the animal kingdom," the 78-year-old leader said when asked if organisational overhaul at the top was needed.
         Aiyar cited several instances in the history of the party when people from outside the Nehru-Gandhi family were presidents of the party, from U N Dhebar to Brahmananda Reddy. The same model could even now be adopted, he said.
         "Since we know that Mrs (Sonia) Gandhi is the head of the parliamentary party and Mr (Rahul) Gandhi is part and parcel of our parliamentary party, I have every confidence that whether with Mr Rahul Gandhi at the helm or somebody else, the party will fight back and resume in the fullness of time its position as the natural leader of what I call the Idea of India Movement," he said.
         Rahul had offered to quit as the party chief during the May 25 meeting of the Congress Working Committee (CWC), which was called to analyse the party's poor performance in the Lok Sabha polls, in which it managed to win just 52 seats.
         The CWC had unanimously rejected his offer to quit but Gandhi has been apparently firm on his stand.
         Amid speculation over his next steps, Rahul on Thursday said his party will decide on who his successor will be and not him.
         Aiyar also asserted that the Congress got its arithmetic wrong in the Lok Sabha polls when it came to forging alliances. Hence, chemistry did not prevail over arithmetic. It was the arithmetic itself that did not get properly put in play.
         Aiyar said the only places where the arithmetic worked out was in his state of Tamil Nadu with the DMK, more than the Congress, taking the initiative, and in Kerala where the UDF has long been a well established coalition.
         He said the Congress for a large part of its history has been a movement and must now work towards building a "confederal movement" that attracts breakaway parties back into the family by telling them that they need not lose their separate identity by returning to their parent family movement.
         "Through the freedom struggle the Congress was a movement. Now we are a party. A party requires a very distinct profile that above all, is not only distinguished from the Hindutva forces, but at the same time becomes a kind of confederal movement," Aiyar said.
         He said the parties need to be told that the challenge now is not the Congress or them against one another, but the BJP.
         "Whatever our differences and wherever we are dominant, the one thing that unites us is a belief in a secular India which is being challenged by this alternative idea that is being propagated by the other side and now with much more force than ever because they have political power," Aiyar said.
         A grand alliance of all like-minded parties, not necessarily under Congress leadership, but as a result of a Congress initiative, could be the answer to the challenge, he said.
         He said all such parties who believe in the Idea of India, which is different to that of the BJP, must first come together as a united opposition, before aligning for electoral gains.
         Asked if the Congress' tryst with 'soft Hindutva' had failed and the party needs to strongly advocate secularism, Aiyar said: "I reject the expression 'soft hindutva' because I don't believe the Congress has moved in the direction of becoming a soft Hindutva party, but it is clear that the absence and hesitation in using the word 'secularism' and trying to find other synonyms like pluralism indicate a certain want of confidence and conviction in the idea of secularism."
         "India is a secular country and therefore we should be absolutely firm in articulating the view which is the essence of our Constitution and which is the essence of what we have been calling the Idea of India," he said.
         On Swaraj India leader Yogendra Yadav's "Congress must die" remark, he said that it was far too early to write the party's obituaries and asserted that the Congress would be alive and kicking even while Yadav's outfit suffers "the pangs of stillbirth". PTI ASK
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