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छत्तीसगढ़ : खूबसूरत के साथ ही बेहद खतरनाक है ये जलप्रपात, जा चुकी है कई पर्यटकों की जान

बस्तर के खजाने से सबसे पहले ETV भारत आपके लिए लेकर आया है तीरथगढ़ के नजारे. बारिश का मौसम आते ही इस झरने की खूबसूरती में चार चांद लग जाते हैं. इसकी खूबसूरती देखने पर्यटक यहां दौड़े चले आते हैं. लेकिन यहां सुरक्षा इंतजाम न होने की वजह से कई बार बड़े हादसे हो जाते हैं.

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Published : Aug 10, 2019, 9:57 PM IST

जलप्रपात की तस्वीर

जगदलपुर: तीरथगढ़ झरना छत्तीसगढ़ के मनमोहन पर्यटन स्थलों में से एक है. बारिश के मौसम में इसकी खूबसूरती में चार चांद लग जाते हैं. ये झरना जितना दिलकश है उनता खतरनाक भी है. झरने के किनारों पर न तो रेलिंग लगी हैं और न ही यहां सुरक्षा का कोई इंतजाम हैं. और तो और यहां पर सुरक्षा निर्देशों का कोई साइन बोर्ड तक नहीं लगाया गया है. कई बार को सेल्फी के चक्कर में पर्यटक झरने से नीचे उतरने का जोखिम तक उठा लेते हैं, जो उनके लिए जानलेवा हो सकता है.

नहीं हैं सुरक्षा के इंतजाम
पहले भी इस जल प्रपात में पर्यटकों की लापरवाही की वजह से कई हादसे हो चुके हैं और इस दौरान कई लोग अपनी जान तक गवां चुके हैं, बावजूद इसके शासन और प्रशासन ने यहां सुरक्षा इंतजाम दुरुस्त करने की जहमत तक नहीं उठाई.

देखें वीडियो.

पढ़ें-तमिलनाडु: पिता के मृत शरीर को सामने रखकर बेटे ने रचाई शादी

कलेक्टर ने दिया आश्वासन
हालांकि पुलिस अधिकारी कहना है कि झरने की सेफ्टी को लेकर कोई मांग पत्र हमें नहीं मिला है. लेकिन हमारी ओर से मीटिंग लेकर झरने की सुरक्षा के कदम उठाने की मांग की जाएगी.

जगदलपुर: तीरथगढ़ झरना छत्तीसगढ़ के मनमोहन पर्यटन स्थलों में से एक है. बारिश के मौसम में इसकी खूबसूरती में चार चांद लग जाते हैं. ये झरना जितना दिलकश है उनता खतरनाक भी है. झरने के किनारों पर न तो रेलिंग लगी हैं और न ही यहां सुरक्षा का कोई इंतजाम हैं. और तो और यहां पर सुरक्षा निर्देशों का कोई साइन बोर्ड तक नहीं लगाया गया है. कई बार को सेल्फी के चक्कर में पर्यटक झरने से नीचे उतरने का जोखिम तक उठा लेते हैं, जो उनके लिए जानलेवा हो सकता है.

नहीं हैं सुरक्षा के इंतजाम
पहले भी इस जल प्रपात में पर्यटकों की लापरवाही की वजह से कई हादसे हो चुके हैं और इस दौरान कई लोग अपनी जान तक गवां चुके हैं, बावजूद इसके शासन और प्रशासन ने यहां सुरक्षा इंतजाम दुरुस्त करने की जहमत तक नहीं उठाई.

देखें वीडियो.

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कलेक्टर ने दिया आश्वासन
हालांकि पुलिस अधिकारी कहना है कि झरने की सेफ्टी को लेकर कोई मांग पत्र हमें नहीं मिला है. लेकिन हमारी ओर से मीटिंग लेकर झरने की सुरक्षा के कदम उठाने की मांग की जाएगी.

Intro:Cg_nyp_01_abujhamad _me_chhupa_70_fit_ka_jharana
एंकर - नारायणपुर अबुझमाड़ के मनमोहक कच्चापाल का जलप्रपात, 70 फीट ऊपर से गिरता है अबुझमाड़ प्राकृतिक खूबसूरती की चादर ओढ़े हुए है। यहां कई पर्यटनीय स्थल, जलप्रपात अब भी छिपे हुए हैं।...

बस्तर अपनी प्राकृतिक खूबसूरती की चादर ओढ़े हुए है। यहां कई पर्यटनीय स्थल, जलप्रपात अब भी छिपे हुए हैं। पर्यटकों की नजरों से ओझल कुछ ऐसा ही बेहद खूबसूरत जलप्रपात नारायणपुर जिले के घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र कच्चापाल में भी है। नारायणपुर मुख्यालय से करीब 47 किमी दूर कच्चापाल गांव में यह जलप्रपात है। कच्चापाल गांव से करीब 4 किमी दूर पहाड़ी नाला का पानी करीब 70 फीट ऊंचे पहाड़ से कुंड में गिरता है। यहां तक पहुंच पाना बेहद ही कठिन है। पर्यटकों की नजरों से दूर इस जलप्रपात को बहुत कम लोग ही जान पाए है । जोखिम भरे रास्तों को पार करने के बाद यह तक पहुच पाते है ।
Body:मनमोहक... नारायणपुर के कच्चापाल का जलप्रपात, 70 फीट ऊपर से गिरता है बस्तर अपनी प्राकृतिक खूबसूरती की चादर ओढ़े हुए है। फसल प्रभावित होने के कारण इस चित्र में सैलानी आने से डरते हैं जिसके कारण यहां लोगों से छुपा हुआ है।Conclusion:क्या सरकार यहां तक पहुंचने के लिए कोई रास्ता बनाएगा या फिर यह भी यहां से प्यारा सा झरना लोगों से हमेशा के लिए छिपा रहेगा बड़ी समस्या सामने खड़ी है।
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