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केंद्रीय संविदा कर्मचारियों को राहत : ऑफिस नहीं आए, तो भी मिलेगा वेतन

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Published : Mar 24, 2020, 12:07 AM IST

कोरोना महामारी से उपजी मौजूदा असाधारण परिस्थितियों में किसी भी अनुचित कठिनाई से बचने के लिए संविदा कर्मियों के लिए यह निर्णय लिया गया है कि अनुपस्थिति की अवधि के दौरान उन्हें 'ड्यूटी पर' माना जाएगा और आवश्यक वेतन और मजदूरी का भुगतान किया जाएगा. वित्त मंत्रालय ने यह निर्णय लिया है. पढ़ें पूरी खबर...

सीतारमन
सीतारमन

नई दिल्ली : कोरोना महामारी से रोकथाम के उपायों के तहत विभिन्र राज्य सरकारों द्वारा लागू लॉकडाउन के बीच केंद्र सरकार के संविदा कर्मचारियों के लिए राहत की खबर है. इस क्रम में ये संविदाकर्मी यदि कार्यालय नहीं जा पा रहे हैं तो सरकार उनका वेतन नहीं काटेगी.

केंद्र सरकार के विभागों, मंत्रालयों और उनके अधीनस्थ कार्यालयों से जुड़े लाखों संविदा कर्मचारियों की आजीविका सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है और उन्हें मार्च और अप्रैल के महीने के लिए मजदूरी का भुगतान करने का फैसला किया है.

यह आदेश आउटसोर्स कर्मचारियों, जैसे कि घर में रखने वाले कर्मचारियों को केंद्र सरकार के अधीनस्थ प्रतिष्ठानों, अधीनस्थ और स्वायत्त निकायों और अन्य वैधानिक निकायों में कवर करेगा.

वित्त मंत्रालय ने कहा कि राज्यों द्वारा घोषित किए गए लॉकडाउन उपायों के कारण संभावना है कि बड़ी संख्या में अनुबंधित और आउटसोर्स कर्मचारी कार्यालय में उपस्थित नहीं हो सकते हैं, जिसके परिणामस्वरूप सामान्य परिस्थितियों में उनके वेतन में कटौती हो जाती है.

वित्त मंत्रालय ने कहा, 'मौजूदा असाधारण परिस्थितियों में किसी भी अनुचित कठिनाई से बचने के लिए, यह निर्णय लिया गया है कि अनुपस्थिति की अवधि के दौरान उन्हें 'ड्यूटी पर' माना जाएगा और आवश्यक वेतन और मजदूरी का भुगतान किया जाएगा.'

इस कदम का उद्देश्य स्वायत्त और वैधानिक निकायों सहित केंद्र सरकार, उसके अधीनस्थ और संलग्न कार्यालयों के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार में लाखों आकस्मिक, संविदा और आउटसोर्स कर्मचारियों को राहत प्रदान करना है.

पढ़ें : कोरोना वायरस : लद्दाख, असम, मणिपुर और पुडुचेरी में 31 मार्च तक लॉकडाउन

स्व-लगाए गए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के रोडमैप को रेखांकित करते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले सप्ताह व्यापार समुदाय से अनुरोध किया था कि लॉकडाउन की अवधि के दौरान अपने श्रमिकों को भुगतान करें क्योंकि असंगठित क्षेत्र के ये श्रमिक किसी भी तरह के लॉकडाउन के लिए सबसे कमजोर हैं.

उम्मीद की जा रही थी कि केंद्र सरकार संविदा और आउटसोर्स कर्मचारियों के साथ और उसके अधीनस्थों और संलग्न कार्यालयों में इस कदम का पालन करेगी. वित्त मंत्रालय ने कहा कि अनुपस्थिति और आवश्यक वेतन और मजदूरी के अनुसार भुगतान किया जाएगा.

खाद्यान्न उठाने के लिए राज्यों को वित्त मंत्रालय ने खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है ताकि राज्यों को अपने कोटा के तीन महीने के खाद्यान्न को भारतीय खाद्य निगम से क्रेडिट पर उठाने की अनुमति मिल सके.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक ट्वीट में कहा, 'यह सुनिश्चित करेगा कि राज्यों को जरूरतमंद लोगों को भोजन वितरित करने में किसी भी नकदी बाधा का सामना न करना पड़े.'

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वित्त मंत्री का ट्वीट.

(कृष्णानंद त्रिपाठी)

नई दिल्ली : कोरोना महामारी से रोकथाम के उपायों के तहत विभिन्र राज्य सरकारों द्वारा लागू लॉकडाउन के बीच केंद्र सरकार के संविदा कर्मचारियों के लिए राहत की खबर है. इस क्रम में ये संविदाकर्मी यदि कार्यालय नहीं जा पा रहे हैं तो सरकार उनका वेतन नहीं काटेगी.

केंद्र सरकार के विभागों, मंत्रालयों और उनके अधीनस्थ कार्यालयों से जुड़े लाखों संविदा कर्मचारियों की आजीविका सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है और उन्हें मार्च और अप्रैल के महीने के लिए मजदूरी का भुगतान करने का फैसला किया है.

यह आदेश आउटसोर्स कर्मचारियों, जैसे कि घर में रखने वाले कर्मचारियों को केंद्र सरकार के अधीनस्थ प्रतिष्ठानों, अधीनस्थ और स्वायत्त निकायों और अन्य वैधानिक निकायों में कवर करेगा.

वित्त मंत्रालय ने कहा कि राज्यों द्वारा घोषित किए गए लॉकडाउन उपायों के कारण संभावना है कि बड़ी संख्या में अनुबंधित और आउटसोर्स कर्मचारी कार्यालय में उपस्थित नहीं हो सकते हैं, जिसके परिणामस्वरूप सामान्य परिस्थितियों में उनके वेतन में कटौती हो जाती है.

वित्त मंत्रालय ने कहा, 'मौजूदा असाधारण परिस्थितियों में किसी भी अनुचित कठिनाई से बचने के लिए, यह निर्णय लिया गया है कि अनुपस्थिति की अवधि के दौरान उन्हें 'ड्यूटी पर' माना जाएगा और आवश्यक वेतन और मजदूरी का भुगतान किया जाएगा.'

इस कदम का उद्देश्य स्वायत्त और वैधानिक निकायों सहित केंद्र सरकार, उसके अधीनस्थ और संलग्न कार्यालयों के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार में लाखों आकस्मिक, संविदा और आउटसोर्स कर्मचारियों को राहत प्रदान करना है.

पढ़ें : कोरोना वायरस : लद्दाख, असम, मणिपुर और पुडुचेरी में 31 मार्च तक लॉकडाउन

स्व-लगाए गए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के रोडमैप को रेखांकित करते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले सप्ताह व्यापार समुदाय से अनुरोध किया था कि लॉकडाउन की अवधि के दौरान अपने श्रमिकों को भुगतान करें क्योंकि असंगठित क्षेत्र के ये श्रमिक किसी भी तरह के लॉकडाउन के लिए सबसे कमजोर हैं.

उम्मीद की जा रही थी कि केंद्र सरकार संविदा और आउटसोर्स कर्मचारियों के साथ और उसके अधीनस्थों और संलग्न कार्यालयों में इस कदम का पालन करेगी. वित्त मंत्रालय ने कहा कि अनुपस्थिति और आवश्यक वेतन और मजदूरी के अनुसार भुगतान किया जाएगा.

खाद्यान्न उठाने के लिए राज्यों को वित्त मंत्रालय ने खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है ताकि राज्यों को अपने कोटा के तीन महीने के खाद्यान्न को भारतीय खाद्य निगम से क्रेडिट पर उठाने की अनुमति मिल सके.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक ट्वीट में कहा, 'यह सुनिश्चित करेगा कि राज्यों को जरूरतमंद लोगों को भोजन वितरित करने में किसी भी नकदी बाधा का सामना न करना पड़े.'

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वित्त मंत्री का ट्वीट.

(कृष्णानंद त्रिपाठी)

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