नई दिल्ली: पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शनिवार को कहा कि कोई भी अधिकार स्थायी नहीं होता है. यह सामाजिक-आर्थिक स्थितियों की संकल्पना के साथ बदलता है.
उन्होंने कहा कि संविधान निर्माता भीमराव अंबेडकर ने संविधान पर चर्चा के दौरान सलाह दी थी कि भारत की जनता ही संविधान की प्रकृति पर फैसला करेगी क्योंकि यह जनप्रतिनिधियों पर निर्भर करेगा जिन्हें जनता विधायिका में चुनकर भेजेगी.
मुखर्जी ने संविधान में संशोधन की संसद की शक्ति के संदर्भ में कहा, 'वे (जनता) अंतिम निर्णय करने वाले होंगे. संविधान की प्रकृति स्थितियों पर निर्भर करेगी.'
वह एक पुस्तक के विमोचन के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों और छात्रों को संबोधित कर रहे थे.
मुखर्जी ने इस दौरान जलवायु परिवर्तन जैसे पर्यावरण से जुड़े मुद्दों तथा लोगों के जीवन पर उनके प्रभाव का जिक्र किया.