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हजेला को खतरे के बारे में असम पुलिस से रिपोर्ट नहीं मांगी गई : आईजीपी

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Published : Oct 19, 2019, 11:15 AM IST

Updated : Oct 19, 2019, 4:32 PM IST

असम पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि एनआरसी के समन्वयक प्रतीक हजेला को किसी भी तरह के खतरे के बारे में राज्य पुलिस को जानकारी नहीं है.

प्रतीक हजेला (फाइल फोटो)

गुवाहाटी : असम पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण (एनआरसी) के समन्वयक प्रतीक हजेला को किसी तरह के खतरे की आशंका के बारे में पुलिस को कोई रिपोर्ट सौंपने के लिए नहीं कहा गया है.

उच्चतम न्यायालय ने केंद्र एवं राज्य सरकारों को शुक्रवार को आदेश दिया कि वह एनआरसी के समन्वयक हजेला को अधिकतम समय के लिए मध्य प्रदेश स्थानांतरित करें.

इस बीच असम के पुलिस महानिरीक्षक (विशेष शाखा) हिरेन नाथ ने कहा कि 1995 बैच के असम-मेघालय कैडर के आईएएस अधिकारी हजेला को किसी भी तरह के खतरे के बारे में राज्य पुलिस को जानकारी नहीं है. उन्होंने कहा, 'हमसे हजेला को किसी भी तरह के खतरे की आशंका के बारे में रिपोर्ट नहीं मांगी गई है.

हालांकि, सोशल मीडिया पर हजेला के खिलाफ आलोचना की गई है. असम में एनआरसी और राज्य समन्वयक के खिलाफ बोलने पर विभिन्न संगठन मुखर हैं.

शीर्ष अदालत ने एनआरसी कवायद पर निगरानी रखने के लिए हजेला को एनआरसी समन्वयक नियुक्त किया था.

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति एस ए बोबडे एवं न्यायमूर्ति आर.एफ. नरीमन की विशेष पीठ ने हजेला का प्रतिनियुक्ति पर अंतर काडर स्थानांतरण करने का आदेश दिया.

बता दें कि एनआरसी की अंतिम सूची 31 अगस्त को जारी की गई, जिसमें 3,30,27,661 आवेदकों में से 19 लाख से अधिक लोगों को बाहर रखा गया था.

पढ़ें - UP के सनौली में ASI की खुदाई, वेद और महाभारत से जुड़ने की संभावना

हजेला को इस सूची को लेकर आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है. केन्द्र और असम की भाजपा सरकार ने दावा किया था कि बड़ी संख्या में वास्तविक भारतीय नागरिक इस सूची से छूट गये हैं और अवैध बांग्लादेशी अप्रवासियों को सूची में शामिल कर लिया गया है.

हजेला के खिलाफ कुछ प्राथिमकी भी दर्ज की गई. हालांकि इस संबंध में हजेला से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी है.

गुवाहाटी : असम पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण (एनआरसी) के समन्वयक प्रतीक हजेला को किसी तरह के खतरे की आशंका के बारे में पुलिस को कोई रिपोर्ट सौंपने के लिए नहीं कहा गया है.

उच्चतम न्यायालय ने केंद्र एवं राज्य सरकारों को शुक्रवार को आदेश दिया कि वह एनआरसी के समन्वयक हजेला को अधिकतम समय के लिए मध्य प्रदेश स्थानांतरित करें.

इस बीच असम के पुलिस महानिरीक्षक (विशेष शाखा) हिरेन नाथ ने कहा कि 1995 बैच के असम-मेघालय कैडर के आईएएस अधिकारी हजेला को किसी भी तरह के खतरे के बारे में राज्य पुलिस को जानकारी नहीं है. उन्होंने कहा, 'हमसे हजेला को किसी भी तरह के खतरे की आशंका के बारे में रिपोर्ट नहीं मांगी गई है.

हालांकि, सोशल मीडिया पर हजेला के खिलाफ आलोचना की गई है. असम में एनआरसी और राज्य समन्वयक के खिलाफ बोलने पर विभिन्न संगठन मुखर हैं.

शीर्ष अदालत ने एनआरसी कवायद पर निगरानी रखने के लिए हजेला को एनआरसी समन्वयक नियुक्त किया था.

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति एस ए बोबडे एवं न्यायमूर्ति आर.एफ. नरीमन की विशेष पीठ ने हजेला का प्रतिनियुक्ति पर अंतर काडर स्थानांतरण करने का आदेश दिया.

बता दें कि एनआरसी की अंतिम सूची 31 अगस्त को जारी की गई, जिसमें 3,30,27,661 आवेदकों में से 19 लाख से अधिक लोगों को बाहर रखा गया था.

पढ़ें - UP के सनौली में ASI की खुदाई, वेद और महाभारत से जुड़ने की संभावना

हजेला को इस सूची को लेकर आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है. केन्द्र और असम की भाजपा सरकार ने दावा किया था कि बड़ी संख्या में वास्तविक भारतीय नागरिक इस सूची से छूट गये हैं और अवैध बांग्लादेशी अप्रवासियों को सूची में शामिल कर लिया गया है.

हजेला के खिलाफ कुछ प्राथिमकी भी दर्ज की गई. हालांकि इस संबंध में हजेला से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी है.

ZCZC
PRI GEN NAT
.GUWAHATI CAL7
AS-NRC-HAJELA POLICE
No report sought from Assam police about threat to Hajela: IGP
         Guwahati, Oct 18 (PTI) Assam police was not asked to
submit any report about perception of any threat to NRC
coordinator Prateek Hajela whose transfer the Supreme Court
ordered "forthwith" on Friday, a top Assam police official
said.
         The official also said the state police was not aware
of any threat to Hajela, an Assam-Meghalaya cadre IAS officer
of the 1995 batch who oversaw the hugely contentious exercise
of updating the National Register of Citizens (NRC), which
validates Indian citizenship of the residents of the north-
eastern state.
         "Reports about threat perception to Hajela have not
been sought from us. There have been, however, criticism
against Hajela in the social media. Various organisations in
Assam are vocal on the NRC with many speaking against the NRC
and the state coordinator," IG (Special Branch) Hiren Nath
told PTI.
         Hajela was appointed the NRC coordinator by the top
court to oversee the mammoth and sensitive exercise.
         A special bench comprising Chief Justice Ranjan Gogoi
and justices S A Bobde and R F Nariman ordered the inter-cadre
transfer of Hajela on deputation to his native state Madhya
Pradesh for maximum possible period.
         When Attorney General K K Venugopal, appearing for the
Centre, sought to know the reason behind the order, Gogoi
tersely asked, "Can any order be passed without a cause or
reason?"
         Since the bench chose not to specify the reason for
the abrupt transfer of the officer, speculation was rife that
it could be on account of possible threat to him.
         The final NRC list was released on August 31 this year
and over 19 lakh of more than 3.30 crore applicants were left
out of it.
         Hajela was the butt of criticism, with both the Centre
and Assam's BJP government claiming a large number of genuine
Indian citizens were left out and illegal Bangladeshi
immigrants included in the list.
         A few FIRs were also registered against Hajela.
         Hajela could not be reached for comments. PTI ESB
SK
SK
10181756
NNNN
Last Updated : Oct 19, 2019, 4:32 PM IST
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