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दिल्ली रेलवे पटरियों से लगी झुग्गियों को तोड़ने पर फिलहाल निर्णय नहीं

दिल्ली में 70 किलोमीटर लंबे रेलवे पटरियों के किनारे बनी 48,000 झुग्गियों को ध्वस्त करने के मामले में आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के साथ रेलवे जल्द निर्णय लेगा और तब तक किसी भी झुग्गी को ध्वस्त नहीं किया जाएगा.

सुप्रीम कोर्ट
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Published : Sep 14, 2020, 4:52 PM IST

नई दिल्लीः केन्द्र ने सोमवार को उच्चतम न्यायालय को सूचित किया कि दिल्ली में 70 किलोमीटर लंबे रेल लाइन के साथ स्थित झुग्गियों को सरकार द्वारा अंतिम निर्णय लिये जाने तक नहीं हटाया जायेगा.

सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमणियन की पीठ को यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि इस बारे में रेलवे, दिल्ली सरकार और शहरी विकास मंत्रालय के परामर्श से फैसला किया जायेगा.

वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से मामले की सुनवाई के दौरान पीठ ने मेहता के इस आश्वासन को दर्ज किया कि इन झुग्गी बस्तियों के खिलाफ चार सप्ताह तक कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जायेगी.

यह भी पढ़ें - संसद का दिखा ऐसा नजारा - मास्क पहने पॉली कार्बन शीट के पीछे बैठे सांसद

शीर्ष अदालत ने 31 अगस्त को एक फैसले में दिल्ली में रेलवे लाइन के किनारे बनी 48,000 झुग्गियों को तीन महीने के अंदर हटाने का निर्देश दिया था. न्यायालय ने कहा था कि इस आदेश पर अमल में किसी प्रकार का राजनीतिक हस्तक्षेप नहीं हो.

न्यायालय दिल्ली में रेलवे लाइन के किनारे बनी इन झुग्गियों को हटाने से पहले उनके पुनर्वास की व्यवस्था कराने के लिये कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय माकन के आवेदन पर सुनवाई कर रहा था.

नई दिल्लीः केन्द्र ने सोमवार को उच्चतम न्यायालय को सूचित किया कि दिल्ली में 70 किलोमीटर लंबे रेल लाइन के साथ स्थित झुग्गियों को सरकार द्वारा अंतिम निर्णय लिये जाने तक नहीं हटाया जायेगा.

सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमणियन की पीठ को यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि इस बारे में रेलवे, दिल्ली सरकार और शहरी विकास मंत्रालय के परामर्श से फैसला किया जायेगा.

वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से मामले की सुनवाई के दौरान पीठ ने मेहता के इस आश्वासन को दर्ज किया कि इन झुग्गी बस्तियों के खिलाफ चार सप्ताह तक कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जायेगी.

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शीर्ष अदालत ने 31 अगस्त को एक फैसले में दिल्ली में रेलवे लाइन के किनारे बनी 48,000 झुग्गियों को तीन महीने के अंदर हटाने का निर्देश दिया था. न्यायालय ने कहा था कि इस आदेश पर अमल में किसी प्रकार का राजनीतिक हस्तक्षेप नहीं हो.

न्यायालय दिल्ली में रेलवे लाइन के किनारे बनी इन झुग्गियों को हटाने से पहले उनके पुनर्वास की व्यवस्था कराने के लिये कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय माकन के आवेदन पर सुनवाई कर रहा था.

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