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CAA के खिलाफ केरल सरकार के सुप्रीम कोर्ट जाने से नाराज हुए राज्यपाल

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Published : Jan 16, 2020, 1:55 PM IST

Updated : Jan 16, 2020, 2:59 PM IST

केरल सरकार के नागरिकता कानून को लेकर सुप्रीम कोर्ट जाने पर राज्यपाल ने नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने कहा कि कोर्ट जाने से पहले उनसे अनुमति लेनी चाहिए थी. जानें और क्या कुछ बोले आरिफ मोहम्मद...

no constitutional validity of kerala assembly resolution against caa says governor arif khan
केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद

तिरुवनंतपुरम : केरल सरकार नागरिकता कानून (CAA) के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा चुकी है. CAA के खिलाफ SC पहुंचने वाला केरल पहला राज्य है. इस बात से केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद ने नाराजगी जाहिर की है.

राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने आगे बताते हुए कहा कि उन्हें सूचित किए बिना संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ उच्चतम न्यायालय जाने का राज्य सरकार का कदम 'अनुचित' है.

मीडिया से बातचीत करते राज्यपाल आरिफ मोहम्मद
खान ने यहां संवाददाताओं से कहा कि प्रोटोकॉल के तहत उन्हें पहले सूचित किया जाना चाहिए था.

उन्होंने कहा, 'विधानसभा के नियमों के अनुसार भी विधायिका को ऐसे किसी भी विषय पर चर्चा नहीं करनी चाहिए जो उसके संवैधानिक अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है. मुझे कोई दिक्कत नहीं है, यदि वे उच्चतम न्यायालय जाते हैं. पर मुझे लगता है कि राज्य के संवैधानिक प्रमुख को सूचित किए बिना उन्होंने जो किया, वह ठीक नहीं है.'

राज्यपाल ने कहा, 'तब भी, मुझे इसमें कुछ गलत नहीं लगता. मुझे उच्चतम न्यायालय जाने के उनके फैसले में कोई त्रुटि नहीं दिखती क्योंकि संविधान न्यायालय को अधिकार देता है, लेकिन प्रोटोकॉल के तहत उन्हें पहले मुझे सूचित करना चाहिए था.'

पढ़ें: गिरफ्तार डीएसपी देविंदर सिंह से संसद पर हमले की पूछताछ भी करेगी एनआईए टीम

केरल सरकार ने 13 जनवरी को शीर्ष अदालत में याचिका दायर करके कहा था कि सीएए संवैधानिक मूल्यों के विपरीत है.

तिरुवनंतपुरम : केरल सरकार नागरिकता कानून (CAA) के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा चुकी है. CAA के खिलाफ SC पहुंचने वाला केरल पहला राज्य है. इस बात से केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद ने नाराजगी जाहिर की है.

राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने आगे बताते हुए कहा कि उन्हें सूचित किए बिना संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ उच्चतम न्यायालय जाने का राज्य सरकार का कदम 'अनुचित' है.

मीडिया से बातचीत करते राज्यपाल आरिफ मोहम्मद
खान ने यहां संवाददाताओं से कहा कि प्रोटोकॉल के तहत उन्हें पहले सूचित किया जाना चाहिए था.

उन्होंने कहा, 'विधानसभा के नियमों के अनुसार भी विधायिका को ऐसे किसी भी विषय पर चर्चा नहीं करनी चाहिए जो उसके संवैधानिक अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है. मुझे कोई दिक्कत नहीं है, यदि वे उच्चतम न्यायालय जाते हैं. पर मुझे लगता है कि राज्य के संवैधानिक प्रमुख को सूचित किए बिना उन्होंने जो किया, वह ठीक नहीं है.'

राज्यपाल ने कहा, 'तब भी, मुझे इसमें कुछ गलत नहीं लगता. मुझे उच्चतम न्यायालय जाने के उनके फैसले में कोई त्रुटि नहीं दिखती क्योंकि संविधान न्यायालय को अधिकार देता है, लेकिन प्रोटोकॉल के तहत उन्हें पहले मुझे सूचित करना चाहिए था.'

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केरल सरकार ने 13 जनवरी को शीर्ष अदालत में याचिका दायर करके कहा था कि सीएए संवैधानिक मूल्यों के विपरीत है.

Thiruvananthapuram (Kerala), Jan 02 (ANI): Calling state assembly's resolution against Citizenship Amendment Act (CAA) 'illegal and unconstitutional', Kerala Governor Arif Mohammed Khan said that it has no validity. Governor Khan said, "They are only making a demand. This resolution has no legal or constitutional validity because citizenship is exclusively a central subject, this actually means nothing. I have already made my views public that we should not spend government's time and resources on issues which are beyond the jurisdiction of the government. But I respect if some people are in view and they are making a demand to the central government, then I have no problem. This resolution has no constitutional or legal validity."
Last Updated : Jan 16, 2020, 2:59 PM IST
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