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कोरोना वायरस की जीनोमिक विशेषताएं, वैज्ञानिकों ने की विशिष्ट लक्षण की पहचान

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिसिन (एनएलएम) के राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान के शोधकर्ताओं के एक दल ने SARS-CoV-2 की जीनोमिक विशेषताओं की पहचान की है, जो वायरस कोविड-19 का कारण बनता है और अन्य उच्च घातक कोरोना वायरस से उन्हें अलग करता है.

वैज्ञानिकों ने की विशिष्ट लक्षण की पहचान
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Published : Jun 15, 2020, 5:46 PM IST

Updated : Jun 15, 2020, 6:16 PM IST

हैदराबाद : नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन (एनएलएम) के वैज्ञानिकों ने SARS-CoV-2 की, जो सामान्यतः कोविड-19 के नाम से जाना जाता है, कुछ जीनोमिक विशेषताओं की पहचान की है. शोधकर्ताओं ने अन्य उच्च घातक कोरोना वायरस का भी पता लगाया है, जो उन्हें कोरोना वायरस परिवार के अन्य सदस्यों से अलग करते हैं.

वैज्ञानिकों के जीनोम विश्लेषण वाले निष्कर्ष से यह अनुमान लगाने में मदद मिल सकती है कि भविष्य में कोरोना वायरस का प्रकोप कितना गंभीर होगा. यह काम उन्हें जानवरों में कोरोना वायरस का पता लगाने में भी मदद कर सकता है, जो मनुष्यों को संक्रमित करने की क्षमता रखता हैं.

कोविड-19 से अब तक दुनियाभर में सवा चार लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. यह संकट SARS-CoV-2 के व्यापक प्रसार में योगदान करने वाले और जीनोमिक विशेषताओं को समझने की तत्काल आवश्यकता को दर्शाता है.

एनएलएम के नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन के इंट्राम्यूरल रिसर्च प्रोग्राम में एनआईएच विशिष्ट अन्वेषक और अध्ययन के प्रमुख लेखक डॉ. यूजेन कूनिन ने कहा, 'हम उन कोरोना वायरस के लिए जीनोमिक विशेषताओं की पहचान करते हैं, जो मनुष्यों में गंभीर बीमारी का कारण बनते हैं.

कूनिन ने कहा, 'हम कई विशेषताओं की पहचान करने में सक्षम थे, जो कम विषाणुजनित कोरोना वायरस में नहीं पाए जाते हैं. इन निष्कर्षों की प्रासंगिकता का वास्तविक प्रदर्शन प्रत्यक्ष प्रयोगों से होगा, जो वर्तमान में चल रहे हैं.'

पढ़ें-भारत में कोरोना : बीते 24 घंटे में 325 लोगों की मौत, रिकवरी रेट 51 फीसदी से अधिक

रिपोर्ट के अनुसार, शोधकर्ताओं ने तुलनात्मक जीनोमिक्स और मशीन लर्निंग तकनीकों का उपयोग अन्य कोरोना वायरस के जीनोम के खिलाफ SARS-CoV-2 के जीनोम की तुलना करने के लिए किया. उन्होंने SARS-CoV-2 और अन्य घातक कोरोना वायरस भेदों के लिए विशिष्ट प्रोटीन विशेषताओं की भी पहचान की. पहचान की गई विशेषताएं इन कोरोना वायरस की उच्च घातक दर के साथ-साथ पशु से मानव में जाने की उनकी क्षमता के अनुरूप हैं.

इन विशेषताओं में दो वायरस प्रोटीन- न्यूक्लियोकैप्सिड और स्पाइक में अमीनो एसिड के विशिष्ट हिस्सों के सम्मिलन शामिल हैं. रिपोर्ट्स में कहा गया है कि ये तीनों उच्च-घातक कोरोना वायरस और उनके करीबी रिश्तेदारों में पाए जाते हैं, जो जानवरों को संक्रमित करते हैं, जैसे चमगादड़. लेकिन चार अन्य मानव कोरोना वायरस में नहीं जो कि गैर घातक बीमारी का कारण बनते हैं.

एनएलएम के निदेशक पेट्रीसिया फ्लैटल ग्रेनन ने कहा कि यह नया रिसर्च SARS-CoV-2 की शोधकर्ताओं की समझ में सुधार और कोविड-19 की प्रतिक्रिया में सहायता के लिए महत्वपूर्ण है. इस विश्लेषण के माध्यम से की गईं भविष्यवाणियां निदान और हस्तक्षेप के लिए संभावित लक्ष्यों को सूचित कर सकती हैं.

विशेष रूप से एनएलएच का हिस्सा एनएलएम बायोमेडिकल इंफॉर्मेटिक्स और डेटा साइंस दुनिया के सबसे बड़े बायोमेडिकल लाइब्रेरी अनुसंधान में अग्रणी है. एनएलएम स्वास्थ्य सूचना की रिकॉर्डिंग, भंडारण, पुनर्प्राप्ति, संरक्षण और संचार के लिए तरीकों का अनुसंधान और उनका समर्थन करता है.

हैदराबाद : नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन (एनएलएम) के वैज्ञानिकों ने SARS-CoV-2 की, जो सामान्यतः कोविड-19 के नाम से जाना जाता है, कुछ जीनोमिक विशेषताओं की पहचान की है. शोधकर्ताओं ने अन्य उच्च घातक कोरोना वायरस का भी पता लगाया है, जो उन्हें कोरोना वायरस परिवार के अन्य सदस्यों से अलग करते हैं.

वैज्ञानिकों के जीनोम विश्लेषण वाले निष्कर्ष से यह अनुमान लगाने में मदद मिल सकती है कि भविष्य में कोरोना वायरस का प्रकोप कितना गंभीर होगा. यह काम उन्हें जानवरों में कोरोना वायरस का पता लगाने में भी मदद कर सकता है, जो मनुष्यों को संक्रमित करने की क्षमता रखता हैं.

कोविड-19 से अब तक दुनियाभर में सवा चार लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. यह संकट SARS-CoV-2 के व्यापक प्रसार में योगदान करने वाले और जीनोमिक विशेषताओं को समझने की तत्काल आवश्यकता को दर्शाता है.

एनएलएम के नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन के इंट्राम्यूरल रिसर्च प्रोग्राम में एनआईएच विशिष्ट अन्वेषक और अध्ययन के प्रमुख लेखक डॉ. यूजेन कूनिन ने कहा, 'हम उन कोरोना वायरस के लिए जीनोमिक विशेषताओं की पहचान करते हैं, जो मनुष्यों में गंभीर बीमारी का कारण बनते हैं.

कूनिन ने कहा, 'हम कई विशेषताओं की पहचान करने में सक्षम थे, जो कम विषाणुजनित कोरोना वायरस में नहीं पाए जाते हैं. इन निष्कर्षों की प्रासंगिकता का वास्तविक प्रदर्शन प्रत्यक्ष प्रयोगों से होगा, जो वर्तमान में चल रहे हैं.'

पढ़ें-भारत में कोरोना : बीते 24 घंटे में 325 लोगों की मौत, रिकवरी रेट 51 फीसदी से अधिक

रिपोर्ट के अनुसार, शोधकर्ताओं ने तुलनात्मक जीनोमिक्स और मशीन लर्निंग तकनीकों का उपयोग अन्य कोरोना वायरस के जीनोम के खिलाफ SARS-CoV-2 के जीनोम की तुलना करने के लिए किया. उन्होंने SARS-CoV-2 और अन्य घातक कोरोना वायरस भेदों के लिए विशिष्ट प्रोटीन विशेषताओं की भी पहचान की. पहचान की गई विशेषताएं इन कोरोना वायरस की उच्च घातक दर के साथ-साथ पशु से मानव में जाने की उनकी क्षमता के अनुरूप हैं.

इन विशेषताओं में दो वायरस प्रोटीन- न्यूक्लियोकैप्सिड और स्पाइक में अमीनो एसिड के विशिष्ट हिस्सों के सम्मिलन शामिल हैं. रिपोर्ट्स में कहा गया है कि ये तीनों उच्च-घातक कोरोना वायरस और उनके करीबी रिश्तेदारों में पाए जाते हैं, जो जानवरों को संक्रमित करते हैं, जैसे चमगादड़. लेकिन चार अन्य मानव कोरोना वायरस में नहीं जो कि गैर घातक बीमारी का कारण बनते हैं.

एनएलएम के निदेशक पेट्रीसिया फ्लैटल ग्रेनन ने कहा कि यह नया रिसर्च SARS-CoV-2 की शोधकर्ताओं की समझ में सुधार और कोविड-19 की प्रतिक्रिया में सहायता के लिए महत्वपूर्ण है. इस विश्लेषण के माध्यम से की गईं भविष्यवाणियां निदान और हस्तक्षेप के लिए संभावित लक्ष्यों को सूचित कर सकती हैं.

विशेष रूप से एनएलएच का हिस्सा एनएलएम बायोमेडिकल इंफॉर्मेटिक्स और डेटा साइंस दुनिया के सबसे बड़े बायोमेडिकल लाइब्रेरी अनुसंधान में अग्रणी है. एनएलएम स्वास्थ्य सूचना की रिकॉर्डिंग, भंडारण, पुनर्प्राप्ति, संरक्षण और संचार के लिए तरीकों का अनुसंधान और उनका समर्थन करता है.

Last Updated : Jun 15, 2020, 6:16 PM IST
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