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चिराग पासवान का आरोप- नीतीश ने दलित समुदाय को पहुंचाया नुकसान

लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर आरोप लगाया है कि नीतीश ने मेरे पिता का अपमान किया और लोकसभा चुनावों में लोजपा उम्मीदवारों के खिलाफ काम किया था.

नीतीश पर चिराग के आरोप
नीतीश पर चिराग के आरोप
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Published : Oct 15, 2020, 10:50 PM IST

पटना : लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने गुरुवार को यह स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जदयू से गठबंधन तोडने के निर्णय का बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर राजग में सीटों की साझेदारी से कोई संबंध नहीं है तथा मुख्यमंत्री ने महादलित का गठन कर दलित समुदाय को नुकसान पहुंचाया है .

चिराग ने एक साक्षात्कार के दौरान बताया कि दलितों के बीच से महादलित का गठन कर नीतीश ने इस समुदाय के बीच फूट डालने का काम किया. उन्होंने कहा कि इसका उनके पिता और लोजपा के संस्थापक रामविलास पासवान हमेशा विरोध करते रहे.

उन्होंने कहा कि पिछला लोकसभा चुनाव लोजपा ने जदयू के साथ राजग में मजबूरी वश लड़ा था. उन्होंने दावा किया कि जदयू के नेताओं ने पिछले लोकसभा चुनाव में गठबंधन धर्म का पालन न कर लोजपा के खिलाफ काम किया था.

बता दें कि केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान का निधन हाल में ही हुआ है. अपने पिता को याद करते हुए 37 वर्षीय चिराग ने कहा, 'मुझे सबसे अधिक दुख राज्यसभा चुनाव के समय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी का मेरे पिता जी के साथ बरते गए व्यवहार को लेकर हुआ था.' लोजपा प्रमुख ने दावा किया कि उस समय रामविलास पासवाल को राज्यसभा के लिए नामांकन के वास्ते नीतीश अपने साथ बिहार विधानसभा ले जाने के लिए उनके पिता को मुख्यमंत्री आवास तक जाना पडा था. उन्होंने कहा कि उनके पिता के काफी अनुरोध किया.

चिराग ने कहा कि इस सब के बावजूद नामांकन के लिए शुभ मुहूर्त का समय निकल जाने के बाद नीतीश आखिरी पांच मिनट में उनके पिता के साथ वहां पहुंचे.

उन्होंने कहा, 'उस दिन से मुझे इस बात का दुख था कि आज आपके (नीतीश के) पास वर्चस्व और ताकत है तो आपने उसका पूरा इस्तेमाल किया.' चिराग ने यह भी कहा, 'एक पुत्र के नाते पिता तथा देश के इतने बडे कद्दावर नेता का किसी के समाने से इस तरह झुकते हुए देखना मुझे बहुत बुरा लगा .' चिराग ने नीतीश के उस बयान का भी उल्लेख किया जिसमें उन्होने कहा था कि रामविलास पासवान क्या जदयू के समर्थन के बिना राज्यसभा के लिए निर्वाचित हो सकते थे? उन्होने कहा, ' उन्हें (नीतीश को) याद रखना चाहिए मेरे पिता को भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह द्वारा एक राज्यसभा सीट दिए जाने का वादा किया गया था.

लोजपा प्रमुख ने बिहार विधानसभा चुनाव में सम्मानजनक सीट नहीं मिलने के कारण जदयू से गठबंधन तोडने के आरोप को खारिज करते हुए कहा, "मैंने केंद्रीय मंत्री अमित शाह जी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा से कई बार मुलाकात की पर एक बार भी सीट-बंटवारे के मुद्दे पर कोई चर्चा ही नहीं हुई थी.' चिराग ने दावा किया कि नीतीश ने अपने राजनीतिक फायदे के लिए दलित समुदाय में महादलित का गठन कर इस समुदाय को नुकसान पहुंचाया है.

पढ़ें - बिहार चुनाव : 11 वीआईपी उम्मीदवारों को मुकेश सहनी ने बांटे टिकट

लोजपा प्रमुख ने बिहार के मुख्यमंत्रियों के सात निश्चय कार्यक्रम को खारिज करते हुए आरोप लगाया कि जिस तरह से इसमें घोटाले हुए हैं, लोजपा की सरकार बनते ही उसकी जांच की जाएगी और जितने दोषी हैं, सभी को जेल भेजा जाएगा .

चिराग ने केंद्रीय गृह राज्यमंत्री एवं भाजपा नेता नित्यानंद राय की एक टिप्पणी पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से उनका रुख स्पष्ट करने को कहा.

बिहार चुनाव में विपक्ष राय की उस टिप्पणी को लेकर सत्तारूढ़ राजग को सवालों के लिए घेरे में खड़ा कर रहा है कि राजद की जीत से बिहार कश्मीरी आतंकवादियों की सुरक्षित पनाहगाह बन जाएगा. उनकी इस टिप्पणी को राजग के विरोधी चुनाव से पहले माहौल को सांप्रदायिक बनाने के प्रयास के रूप में देख रहे हैं.

(भाषा)

पटना : लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने गुरुवार को यह स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जदयू से गठबंधन तोडने के निर्णय का बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर राजग में सीटों की साझेदारी से कोई संबंध नहीं है तथा मुख्यमंत्री ने महादलित का गठन कर दलित समुदाय को नुकसान पहुंचाया है .

चिराग ने एक साक्षात्कार के दौरान बताया कि दलितों के बीच से महादलित का गठन कर नीतीश ने इस समुदाय के बीच फूट डालने का काम किया. उन्होंने कहा कि इसका उनके पिता और लोजपा के संस्थापक रामविलास पासवान हमेशा विरोध करते रहे.

उन्होंने कहा कि पिछला लोकसभा चुनाव लोजपा ने जदयू के साथ राजग में मजबूरी वश लड़ा था. उन्होंने दावा किया कि जदयू के नेताओं ने पिछले लोकसभा चुनाव में गठबंधन धर्म का पालन न कर लोजपा के खिलाफ काम किया था.

बता दें कि केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान का निधन हाल में ही हुआ है. अपने पिता को याद करते हुए 37 वर्षीय चिराग ने कहा, 'मुझे सबसे अधिक दुख राज्यसभा चुनाव के समय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी का मेरे पिता जी के साथ बरते गए व्यवहार को लेकर हुआ था.' लोजपा प्रमुख ने दावा किया कि उस समय रामविलास पासवाल को राज्यसभा के लिए नामांकन के वास्ते नीतीश अपने साथ बिहार विधानसभा ले जाने के लिए उनके पिता को मुख्यमंत्री आवास तक जाना पडा था. उन्होंने कहा कि उनके पिता के काफी अनुरोध किया.

चिराग ने कहा कि इस सब के बावजूद नामांकन के लिए शुभ मुहूर्त का समय निकल जाने के बाद नीतीश आखिरी पांच मिनट में उनके पिता के साथ वहां पहुंचे.

उन्होंने कहा, 'उस दिन से मुझे इस बात का दुख था कि आज आपके (नीतीश के) पास वर्चस्व और ताकत है तो आपने उसका पूरा इस्तेमाल किया.' चिराग ने यह भी कहा, 'एक पुत्र के नाते पिता तथा देश के इतने बडे कद्दावर नेता का किसी के समाने से इस तरह झुकते हुए देखना मुझे बहुत बुरा लगा .' चिराग ने नीतीश के उस बयान का भी उल्लेख किया जिसमें उन्होने कहा था कि रामविलास पासवान क्या जदयू के समर्थन के बिना राज्यसभा के लिए निर्वाचित हो सकते थे? उन्होने कहा, ' उन्हें (नीतीश को) याद रखना चाहिए मेरे पिता को भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह द्वारा एक राज्यसभा सीट दिए जाने का वादा किया गया था.

लोजपा प्रमुख ने बिहार विधानसभा चुनाव में सम्मानजनक सीट नहीं मिलने के कारण जदयू से गठबंधन तोडने के आरोप को खारिज करते हुए कहा, "मैंने केंद्रीय मंत्री अमित शाह जी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा से कई बार मुलाकात की पर एक बार भी सीट-बंटवारे के मुद्दे पर कोई चर्चा ही नहीं हुई थी.' चिराग ने दावा किया कि नीतीश ने अपने राजनीतिक फायदे के लिए दलित समुदाय में महादलित का गठन कर इस समुदाय को नुकसान पहुंचाया है.

पढ़ें - बिहार चुनाव : 11 वीआईपी उम्मीदवारों को मुकेश सहनी ने बांटे टिकट

लोजपा प्रमुख ने बिहार के मुख्यमंत्रियों के सात निश्चय कार्यक्रम को खारिज करते हुए आरोप लगाया कि जिस तरह से इसमें घोटाले हुए हैं, लोजपा की सरकार बनते ही उसकी जांच की जाएगी और जितने दोषी हैं, सभी को जेल भेजा जाएगा .

चिराग ने केंद्रीय गृह राज्यमंत्री एवं भाजपा नेता नित्यानंद राय की एक टिप्पणी पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से उनका रुख स्पष्ट करने को कहा.

बिहार चुनाव में विपक्ष राय की उस टिप्पणी को लेकर सत्तारूढ़ राजग को सवालों के लिए घेरे में खड़ा कर रहा है कि राजद की जीत से बिहार कश्मीरी आतंकवादियों की सुरक्षित पनाहगाह बन जाएगा. उनकी इस टिप्पणी को राजग के विरोधी चुनाव से पहले माहौल को सांप्रदायिक बनाने के प्रयास के रूप में देख रहे हैं.

(भाषा)

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