नई दिल्ली: नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार और रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद कुमार यादव ने बुधवार को न्यू ट्रैक कंस्ट्रक्शन (एनटीसी) मशीन का निरीक्षण किया. इस मशीन का इस्तेमाल डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (टीएफसी) के ट्रैक बिछाने के लिए किया जाएगा.
यह निरीक्षण पूर्वी समर्पित माल गलियारे के खुर्जा-दादरी खंड में किया जा रहा था, जो एनटीसी मशीन का कार्य स्थल है. इसमें एक स्टेशन में कुल 96 पुल है. जिसमें पांच प्रमुख, 51 छोटे, 39 पुल और एक रेल फ्लाईओवर शामिल हैं.
इस परियोजना में कार्य कर रही एजेंसी, डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (डीएफसीसीआईएल) ने एक बयान में कहा कि यह भारत में पहली बार है कि पूरे ट्रैक बिछाने का काम एनटीसी मशीन के माध्यम से किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य रेलवे द्वारा बुनियादी ढांचे के काम को आसान बनाने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करने के प्रयासों को बढ़ावा देना है.
डीएफसीसीआईएल द्वारा किए गए कार्यों की सराहना करते हुए राजीव कुमार ने ट्वीट कर कहा, 'यह परियोजना तीव्र गति से 2022 तक पूरी हो जाएगी और यह भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण गुणक के रूप में काम करेगी.' उन्होंने डीएफआईआईएल की टीम और भारतीय रेलवे की प्रशंसा की.
हालांकि, रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि वह परियोजना दिसंबर 2021 तक पूरी कर लेंगे.
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खुर्जा-दादरी सेक्शन ईस्टर्न और वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर से भारी और लंबी मालगाड़ियों को 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलाने की क्षमता से जोड़ा जाता है.
डीएफसी का पूरा ट्रैक एनटीसी मशीन द्वारा चलाया जा रहा है, जिसमें प्रति दिन 1.5 किमी ट्रैक बिछाने की क्षमता है. डीएफसीसीआईएल ने एक बयान में बताया कि यहां 150-200 मीटर का ट्रैक बिछाया जा सकता था.
वर्तमान में, इस परियोजना के लिए पूर्वी डीएफसी में चार और पश्चिमी डीएफसी में तीन के साथ सात एनटीसी मशीनें तैनात की गई हैं.