हैदराबाद : देश में NEET और JEE की परीक्षाओं का लगातार विरोध हो रहा है. इस बीच आज शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने एक बार फिर परीक्षा आयोजित करने के निर्णय को सही करार देते हुए कहा कि यह परीक्षाएं पहले ही दो बार स्थगित हो चुकी हैं और अब इसे और देर करने का मतलब छात्रों का एक वर्ष बर्बाद करना होगा. इसके पक्ष में न तो अभिभावक हैं, न छात्र, न सुप्रीम कोर्ट और न ही सरकार.
निशंक ने कहा कि उनके पास लगातार छात्रों और अभिभावकों के संदेश सोशल मीडिया, मेल और अलग-अलग माध्यमों से यह दबाव छात्रों और अभिभावकों द्वारा था कि यह परीक्षाएं जरूर होनी चाहिए.
कुछ लोग इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट भी गए, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका को खारिज करते हुए कहा कि परीक्षाओं को स्थगित करने का कोई औचित्य नहीं बनता है. आखिरकार जीवन जीना है और छात्रों के करियर को लंबे समय तक संकट में नहीं डाला जा सकता है और एक संपूर्ण शैक्षणिक सत्र बर्बाद नहीं किया जा सकता है.
सुप्रीम कोर्ट ने निर्णय के बाद नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने तय किया कि निर्धारित तिथियों पर NEET (Ug) और JEE (main) की परीक्षाओं को कराया जाएगा.
अब तक JEE के कुल 8 लाख 58 हजार अभ्यर्थियों में से 7 लाख 50 हजार से ज्यादा छात्र अपना एडमिट कार्ड 24 घंटे के भीतर डाउनलोड कर चुके हैं. वहीं NEET के भी कुल 15 लाख 97000 अभ्यर्थियों में से 10 लाख से ज्यादा छात्र अपने एडमिट कार्ड्स 24 घंटे के भीतर डाउनलोड कर चुके हैं. यह प्रमाणित करता है कि छात्रों और अभिभावकों का दबाव सही था कि परीक्षाएं होनी चाहिए.
विवाद के बीच ईटीवी भारत से बात करते हुए छात्रों ने कहा कि JEE और NEET परीक्षा हो जानी चाहिए. अगर परीक्षा में देरी होगी, तो इससे आने वाले समय में संकट पैदा हो सकता है. उन्होंने पूरे साल परीक्षा की तैयारी की है. हालांकि, छात्रों का मानना है कि परीक्षा के दौरान सरकार द्वारा जारी दिशानिर्देशों को लागू किया जाना चाहिए और परीक्षा को आइसोलेशन में आयोजित किया जाना चाहिए.
शिक्षा मंत्री का कहना है कि छात्रों को अब तक पांच बार सेंटर बदलने का अवसर दिया गया और अब अंतिम समय में भी लगभग 450 छात्रों के आग्रह आये तो NTA ने उन्हें आश्वासन दिया है कि उनके लिये हर संभव मदद की जाएगी. NTA ने JEE के परीक्षा केंद्रों की संख्या जो पहले 570 थे उसे बढ़ा कर अब 660 कर दिया है वहीं NEET के परीक्षा केंद्रों की संख्या 2546 से बढ़ा कर 3842 कर दिये हैं ताकि सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ख्याल रखा जा सके और हर केंद्र पर आइसोलेशन रूम भी रखे जा सकें.
शिक्षा मंत्री ने आगे कहा कि 99% छात्रों को उनके वरीयता के आधार पर परीक्षा केंद्र दिये गए हैं जिससे छात्र बहुत खुश हैं. परीक्षाएं सुचारू रूप से और सभी सावधानियों के साथ आयोजित हों इसके लिए स्वास्थ्य सचिव, शिक्षा सचिव लगातार राज्यों के मुख्य सचिव, शिक्षा सचिव और स्वास्थ्य सचिव से संवाद कर रहे हैं और उनसे आग्रह कर रहे हैं कि किसी भी तरह की उदासीनता न बरती जाए. छात्रों की सुरक्षा सबसे पहले है. किसी भी छात्र का एक वर्ष खराब होना उसके करियर के लिये ठीक नहीं होता है और यह बात छात्र भी समझते हैं.
इस बीच गुरुवार को भी NEET और JEE की परीक्षाओं के विरोध में प्रदर्शन हुए और सोशल मीडिया कैम्पेन भी चलाए गए. परीक्षा को स्थगित करने की मांग को ले कर ट्विटर पर चलाया गया हैशटैग टॉप पांच में ट्रेंडिंग भी रहा. सोशल मीडिया पर लगातार छात्र शिक्षा मंत्री से मांग कर रहे थे कि परिक्षा स्थगित कर दी जाए और विपक्षी पार्टियां भी इसका विरोध कर रही हैं.
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इस पर निशंक ने कहा है कि छात्रों का भविष्य और शिक्षा हमेशा राजनीति से ऊपर रहनी चाहिए. लोग यह भी तर्क दे रहे थे कि कोचिंग संस्थानों के बंद रहने के कारण छात्रों को पढ़ाई और प्रैक्टिस का समय नहीं मिल पाया. इस पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि इन समस्याओं का संज्ञान लेते हुए NTA ने नेशनल अभ्यास एप बनाया और छात्रों के हाथों में पूरा कोचिंग सेंटर थमा दिया. 16 लाख बार छात्रों ने इस ऐप्प को डाउनलोड किया और स्वयं अपनी परीक्षा ली. जो छात्र अपने भविष्य को ले कर चिंतित हैं उन्हें इससे भरपूर मदद मिली है. शिक्षा मंत्री निशंक ने कहा है कि परीक्षा में छात्रों की सहभागिता इस बार पहले से भी ज्यादा उत्साहजनक रहेगा.