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5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था पाने के लिए एकजुट प्रयास करना होगा : निर्मला - जम्मू कश्मीर

देश को आर्थिक मंदी से उबारने और 2024-25 तक अर्थव्यवस्था को 5,000 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंचाने के प्रयास में लगीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को कहा कि इस लक्ष्य को हासिल करने में सरकार के साथ-साथ, निजी क्षेत्र, विदेशी निवेशकों और छोटे मझोले उद्यमों सहित सभी की भूमिका महत्वपूर्ण है और इसके लिए सबको मिलकर प्रयास करना होगा.

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निर्मला सीतारमण
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Published : Feb 2, 2020, 7:36 PM IST

Updated : Feb 28, 2020, 10:10 PM IST

नई दिल्ली : देश को आर्थिक मंदी से उबारने और 2024-25 तक अर्थव्यवस्था को 5,000 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंचाने के प्रयास में लगीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को कहा कि इस लक्ष्य को हासिल करने में सरकार के साथ-साथ, निजी क्षेत्र, विदेशी निवेशकों और छोटे मझोले उद्यमों सहित सभी की भूमिका महत्वपूर्ण है और सबको मिलकर इसके लिए प्रयास करना होगा.

वर्ष 2020-21 का बजट पेश करने के एक दिन बाद रविवार को अपने कार्यालय में संवाददाताओं के साथ विशेष बातचीत में वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा, 'आज जरूरत है अर्थव्यवस्था को तेजी से आगे बढ़ाने के प्रयास करने की, सरकार को यह प्रयास करना भी चाहिए और इसकी उम्मीद भी की जाती है, लेकिन केवल एक इंजन (सरकार) के भरोसे पूरी अर्थव्यवस्था को खींच कर आगे ले जाना, यह नहीं हो पाएगा. सरकार हो, निजी क्षेत्र हो, विदेशी पूंजी निवेश हो या चाहे कोई और हो, इन सबको मिलकर ही गाड़ी को आगे खींचना होगा'.

वित्त मंत्री ने कहा कि बजट में अर्थव्यवस्था को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए रास्ते और सुगम बनाने के उपाय किए गए हैं.उन्होंने कहा, 'ऐसा कर हम सभी के लिए रास्ते खोल रहे हैं ताकि चाहे निजी क्षेत्र हो, विदेशी निवेशक हो, सूक्ष्म लघु एवं मध्यम क्षेत्र हो या फिर कारोबारी, सभी साथ मिलकर अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने का काम करें और इसे आगे बढ़ाएं.'

पढ़ें : बजट 2020: ओह, क्या निराशा है!

सरकार ने देश को 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा है. लेकिन देश दुनिया में जारी आर्थिक सुस्ती के चलते आर्थिक गतिविधियां प्रभावित हुई हैं.

चालू वित्त वर्ष 2019- 20 के दौरान आर्थिक वृद्धि दर 11 साल के निचले स्तर पांच प्रतिशत रह जाने का अनुमान लगाया गया है. ऐसे में 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को लेकर शंका बढ़ी है.

रोजगार के सवाल पर वित्त मंत्री ने कहा कि बजट के जरिए इस दिशा में कई कदम उठाए गए हैं. उन्होंने 'नीली अर्थव्यवस्था' का जिक्र किया. इस संबंध में उन्होंने बजट में घोषित 'सागर मित्र' योजना का उल्लेख करते हुए कहा कि इसके तहत तटीय क्षेत्र में रहने वाले युवाओं को सरकार समर्थन देगी, उन्हें गहरे समुद्री क्षेत्र में मछली पकड़ने का प्रशिक्षण देगी. इसके लिए प्रशिक्षण केन्द्र बनाए जाएंगे. उन्हें आधुनिक नौकाएं उपलब्ध कराई जाएंगी.'

उन्होंने कहा कि एक नौका की मछलियों को संभालने , उनके प्रसंस्करण और विपणन में 15- 20 लोग और शामिल होंगे. इससे रोजगार भी बढ़ेगा.

पढ़े : बजट 2020 : जानें, पिछले साल की तुलना में किस क्षेत्र में कितना खर्च करेगी सरकार

वित्त मंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में महिला उद्यमियों को स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के जरिए कृषि उत्पादों की भंडारण सुविधाओं पर जोर दिया गया है. उन्होंने कहा, 'हमारी सरकार ब्लॉक, ताल्लुक स्तर पर ऐसे कृषिभंडारण, शीत गृह और माल ढुलाई वाहनों जैसी सुविधाओं को स्थापित करने के लिए समर्थन देगी. इससे स्थानीय स्तर पर ही कृषि उत्पादों को रखा जा सकेगा. इसके लिए मुद्रा योजना के तहत ऋण उपलब्ध कराया जाएगा. इसमें नाबार्ड भी समर्थन देगा. स्थानीय महिलाओं और किसानों को अधिकार मिलेंगे.'

यह पूछे जाने पर कि इससे कितने नए रोजगार सृजित होंगे, उन्होंने कहा, 'तीन-चार महीने के बाद ही मैं इसकी जानकारी देने की स्थिति में हो पाउंगी, अभी इसकी शुरुआत है.'

निर्मला ने कहा कि सरकार का ज्यादातर खर्च सम्पत्ति सृजन में ही हो रहा है. सरकार निवेश के लिए मार्ग प्रशस्त कर रही है. जल्दी खराब होने वाले कृषि उत्पादों को समय पर मंडियों तक पहुंचाने के लिए बजट में 'चाहे कृषि रेल की घोषणा हो या फिर कृषि उड़ान' की घोषणा की जा रही है. जम्मू-कश्मीर से सेब को पहुंचाना है, नासिक से प्याज की आपूर्ति करनी है अथवा नागपुर से संतरा मंडियों में पहुंचाना है, इसके लिए सड़क, वाहन और तमाम अन्य सुविधाओं को खड़ा करने में सरकार अपनी भूमिका निभा रही है.

यह भी पढ़ें- बजट 2020 में किसान ट्रेन का प्रस्ताव

सीतारमण ने बताया, 'सरकार ने ढांचागत क्षेत्र की परियोजनाओं की पूरी सूची तैयार की है. यह इंजन (सरकार) अपना काम कर रहा है. परियोजना के लिए बजट में शुरुआती धन उपलब्ध कराने को सरकार तैयार है. हमने कहा है, परियोजना आने दो, आज ही अपलोड करने को तैयार हूं. हम ढांचागत परियोजनाओं के लिए पूरी राशि भी तय कर रहे हैं. पिछले छह माह में परियोजनाओं की पूरी सूची दिसंबर में हमने जारी की है. परियोजना कहां है, किस क्षेत्र में है, सब सामने रखा है. कृषि, आधारभूत ढांचा क्षेत्र हर क्षेत्र में परियोजना का खाका तैयार है, निवेशकों के लिए पूरी योजना सामने है. इससे निवेश और रोजगार दोनों बढ़ेंगे.'

नई दिल्ली : देश को आर्थिक मंदी से उबारने और 2024-25 तक अर्थव्यवस्था को 5,000 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंचाने के प्रयास में लगीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को कहा कि इस लक्ष्य को हासिल करने में सरकार के साथ-साथ, निजी क्षेत्र, विदेशी निवेशकों और छोटे मझोले उद्यमों सहित सभी की भूमिका महत्वपूर्ण है और सबको मिलकर इसके लिए प्रयास करना होगा.

वर्ष 2020-21 का बजट पेश करने के एक दिन बाद रविवार को अपने कार्यालय में संवाददाताओं के साथ विशेष बातचीत में वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा, 'आज जरूरत है अर्थव्यवस्था को तेजी से आगे बढ़ाने के प्रयास करने की, सरकार को यह प्रयास करना भी चाहिए और इसकी उम्मीद भी की जाती है, लेकिन केवल एक इंजन (सरकार) के भरोसे पूरी अर्थव्यवस्था को खींच कर आगे ले जाना, यह नहीं हो पाएगा. सरकार हो, निजी क्षेत्र हो, विदेशी पूंजी निवेश हो या चाहे कोई और हो, इन सबको मिलकर ही गाड़ी को आगे खींचना होगा'.

वित्त मंत्री ने कहा कि बजट में अर्थव्यवस्था को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए रास्ते और सुगम बनाने के उपाय किए गए हैं.उन्होंने कहा, 'ऐसा कर हम सभी के लिए रास्ते खोल रहे हैं ताकि चाहे निजी क्षेत्र हो, विदेशी निवेशक हो, सूक्ष्म लघु एवं मध्यम क्षेत्र हो या फिर कारोबारी, सभी साथ मिलकर अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने का काम करें और इसे आगे बढ़ाएं.'

पढ़ें : बजट 2020: ओह, क्या निराशा है!

सरकार ने देश को 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा है. लेकिन देश दुनिया में जारी आर्थिक सुस्ती के चलते आर्थिक गतिविधियां प्रभावित हुई हैं.

चालू वित्त वर्ष 2019- 20 के दौरान आर्थिक वृद्धि दर 11 साल के निचले स्तर पांच प्रतिशत रह जाने का अनुमान लगाया गया है. ऐसे में 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को लेकर शंका बढ़ी है.

रोजगार के सवाल पर वित्त मंत्री ने कहा कि बजट के जरिए इस दिशा में कई कदम उठाए गए हैं. उन्होंने 'नीली अर्थव्यवस्था' का जिक्र किया. इस संबंध में उन्होंने बजट में घोषित 'सागर मित्र' योजना का उल्लेख करते हुए कहा कि इसके तहत तटीय क्षेत्र में रहने वाले युवाओं को सरकार समर्थन देगी, उन्हें गहरे समुद्री क्षेत्र में मछली पकड़ने का प्रशिक्षण देगी. इसके लिए प्रशिक्षण केन्द्र बनाए जाएंगे. उन्हें आधुनिक नौकाएं उपलब्ध कराई जाएंगी.'

उन्होंने कहा कि एक नौका की मछलियों को संभालने , उनके प्रसंस्करण और विपणन में 15- 20 लोग और शामिल होंगे. इससे रोजगार भी बढ़ेगा.

पढ़े : बजट 2020 : जानें, पिछले साल की तुलना में किस क्षेत्र में कितना खर्च करेगी सरकार

वित्त मंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में महिला उद्यमियों को स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के जरिए कृषि उत्पादों की भंडारण सुविधाओं पर जोर दिया गया है. उन्होंने कहा, 'हमारी सरकार ब्लॉक, ताल्लुक स्तर पर ऐसे कृषिभंडारण, शीत गृह और माल ढुलाई वाहनों जैसी सुविधाओं को स्थापित करने के लिए समर्थन देगी. इससे स्थानीय स्तर पर ही कृषि उत्पादों को रखा जा सकेगा. इसके लिए मुद्रा योजना के तहत ऋण उपलब्ध कराया जाएगा. इसमें नाबार्ड भी समर्थन देगा. स्थानीय महिलाओं और किसानों को अधिकार मिलेंगे.'

यह पूछे जाने पर कि इससे कितने नए रोजगार सृजित होंगे, उन्होंने कहा, 'तीन-चार महीने के बाद ही मैं इसकी जानकारी देने की स्थिति में हो पाउंगी, अभी इसकी शुरुआत है.'

निर्मला ने कहा कि सरकार का ज्यादातर खर्च सम्पत्ति सृजन में ही हो रहा है. सरकार निवेश के लिए मार्ग प्रशस्त कर रही है. जल्दी खराब होने वाले कृषि उत्पादों को समय पर मंडियों तक पहुंचाने के लिए बजट में 'चाहे कृषि रेल की घोषणा हो या फिर कृषि उड़ान' की घोषणा की जा रही है. जम्मू-कश्मीर से सेब को पहुंचाना है, नासिक से प्याज की आपूर्ति करनी है अथवा नागपुर से संतरा मंडियों में पहुंचाना है, इसके लिए सड़क, वाहन और तमाम अन्य सुविधाओं को खड़ा करने में सरकार अपनी भूमिका निभा रही है.

यह भी पढ़ें- बजट 2020 में किसान ट्रेन का प्रस्ताव

सीतारमण ने बताया, 'सरकार ने ढांचागत क्षेत्र की परियोजनाओं की पूरी सूची तैयार की है. यह इंजन (सरकार) अपना काम कर रहा है. परियोजना के लिए बजट में शुरुआती धन उपलब्ध कराने को सरकार तैयार है. हमने कहा है, परियोजना आने दो, आज ही अपलोड करने को तैयार हूं. हम ढांचागत परियोजनाओं के लिए पूरी राशि भी तय कर रहे हैं. पिछले छह माह में परियोजनाओं की पूरी सूची दिसंबर में हमने जारी की है. परियोजना कहां है, किस क्षेत्र में है, सब सामने रखा है. कृषि, आधारभूत ढांचा क्षेत्र हर क्षेत्र में परियोजना का खाका तैयार है, निवेशकों के लिए पूरी योजना सामने है. इससे निवेश और रोजगार दोनों बढ़ेंगे.'

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Print Printपीटीआई-भाषा संवाददाता 15:50 HRS IST

पांच हजार अरब डालर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिये मिलकर करने होंगे प्रयास: सीतारमण

नयी दिल्ली, 02 फरवरी (भाषा) देश को आर्थिक नरमी से उबारने और 2024-25 अर्थव्यवस्था को 5,000 अरब डालर के स्तर पर पहुंचाने के प्रयास में लगी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को कहा कि इस लक्ष्य को हासिल करने में सरकार के साथ साथ , निजी क्षेत्र, विदेशी निवेशकों और छोटे मझोले उद्यमों सहित सभी की भूमिका महत्वपूर्ण है और सब को मिलकर प्रयास करना होगा।



वर्ष 2020- 21 को बजट पेश करने के एक दिन बाद रविवार को अपने कार्यालय संवाददाताओं के साथ खास विशेष बातचीत में वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा, ‘‘आज जरूरत है अर्थव्यवस्था को तेजी से आगे बढ़ाने के प्रयास करने की। सरकार को यह प्रयास करना भी चाहिये और इसकी उम्मीद भी की जाती है। लेकिन केवल एक इंजन (सरकार) के भरोसे पूरी अर्थव्यवस्था को खींच कर आगे ले जाना, यह नहीं हो पायेगा। सरकार हो, निजी क्षेत्र हो, विदेशी पूंजी निवेश हो या चाहे कोई और हो, इन सबको मिलकर ही गाड़ी को आगे खींचना होगा ।’’



वित्त मंत्री ने कहा कि बजट में अर्थव्यवस्था को तेजी से आगे बढ़ाने के लिये रास्ते और सुगम बनाने के उपाय किए गए हैं। ‘‘ऐसा कर हम सभी के लिये रास्ते खोल रहे हैं ताकि चाहे निजी क्षेत्र हो, विदेशी निवेशक हो, सूक्ष्म लघु एवं मध्यम क्षेत्र हो या फिर कारोबारी, सभी साथ मिल कर अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने का काम करें और इसे आगे बढ़ायें।’’



सरकार ने देश को 5,000 अरब डालर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा है। लेकिन देश दुनिया में जारी आर्थिक सुस्ती के चलते आर्थिक गतिविधियां प्रभावित हुई है।



चालू वित्त वर्ष 2019- 20 के दौरान आर्थिक वृद्धि दर 11 साल के निचले स्तर पांच प्रतिशत रह जाने का अनुमान लगाया गया है। ऐसे में 5,000 अरब डालर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को लेकर शंका बढ़ी है।



रोजगार के सवाल पर वित्त मंत्री ने कहा कि बजट में इस दिशा में कई कदम उठाये गये हैं। उन्होंने ‘‘नीली अर्थव्यवस्था’’ का जिक्र किया। इस संबंध में उन्होंने बजट में घोषित ‘‘सागर मित्र’’ योजना का उल्लेख करते हुये कहा कि इसके तहत तटीय क्षेत्र में रहने वाले युवाओं को सरकार समर्थन देगी, उन्हें गहरे समुद्री क्षेत्र में मछली पकड़ने का प्रशिक्षण देगी। इसके लिये प्रशिक्षण केन्द्र बनाये जायेंगे। उन्हें आधुनिक नौकायें उपलब्ध कराई जायेंगी।’’ उन्होंने कहा कि एक नौका की मछलियों को संभालने , उनके प्रसंस्करण और विपणन में 15- 20 लोग और शामिल होंगे। इससे रोजगार बढ़ेगा।



वित्त मंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में महिला उद्यमियों को स्वंय सहायता समूहों (एसएचजी) के जरिये कृषि उत्पादों की भंडारण सुविधाओं पर जोर दिया गया है। ‘‘हमारी सरकार ब्लॉक, ताल्लुक स्तर पर ऐसे कृषिभंडारण, शीत गृह और माल ढुलाई वाहनों जैसी सुविधाओं को स्थापित करने के लिये समर्थन देगी।’’ इससे स्थानीय स्तर पर ही कृषि उत्पादों को रखा जा सकेगा। इसके लिये मुद्रा योजना के तहत रिण उपलब्ध होगा। नाबार्ड भी समर्थन देगा। स्थानीय महिलाओं और किसानों को अधिकार मिलेंगे।



यह पूछे जाने पर कि इससे कितने नए रोजगार सृजित होंगे, उन्होंने कहा तीन- चार महीने में मैं इसकी जानकारी देने की स्थिति में होऊंगी, अभी इसकी शुरुआत है।



उन्होंने कहा कि सरकार का ज्यादातर खर्च संपत्ति सृजन में ही हो रहा है। सरकार निवेश के लिये मार्गप्रशस्त कर रही है। जल्दी खराब होने वाले कृषि उत्पादों को समय पर मंडियों तक पहुंचाने के लिये बजट में ‘‘चाहे कृषि रेल की घोषणा हो या फिर कृषि उड़ान’’ की घोषणा की जा रही है। जम्मू कश्मीर से सेब का पहुंचाना है, नासिक से प्याज की आपूर्ति करनी है अथवा नागपुर से संतरा मंडियों में पहुंचाना है, इसके लिये सड़क, वाहन और तमाम अन्य सुविधाओं को खड़ा करने में सरकार अपनी भूमिका निभा रही है।



सरकार ने ढांचागत क्षेत्र की परियोजनाओं की पूरी सूची तैयार की है। ‘‘यह इंजन (सरकार) अपना काम कर रहा है। परियोजना के लिये बजट में शुरुआती धन उपलब्ध कराने को सरकार तैयार है। हमने कहा है, परियोजना आने दो, आज ही अपलोड करने को तैयार हूं। हम ढांचागत परियोजनाओं के लिये पूरी राशि भी तय कर रहे हैं। पिछले छह माह में परियोजनाओं की पूरी सूची दिसंबर में हमने जारी की है। परियोजना कहां है, किस क्षेत्र में है, सब सामने रखा है। कृषि, आधारभूत ढांचा क्षेत्र हर क्षेत्र में परियोजना का खाका तैयार है, निवेशक के लिये पूरी योजना सामने है। इससे निवेश और रोजगार दोनों बढ़ेगें।


Conclusion:
Last Updated : Feb 28, 2020, 10:10 PM IST
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