नई दिल्ली: निर्भया केस के चारों दोषियों से तिहाड़ जेल प्रशासन ने आखिरी इच्छा पूछी है. इसके लिए बकायदा जेल प्रशासन ने उन्हें नोटिस दिया है. बता दें कि जानकारी के अनुसार 16 दिसंबर 2012 को हुए निर्भया कांड के मामले में पटियाला हाउस अदालत चारों दोषियों के डेथ वारंट जारी कर चुकी है. अदालत के आदेश अनुसार उन्हें एक फरवरी की सुबह 6:00 बजे फांसी दी जाएगी.
दोषियों ने अभी नहीं दिया जवाब
इस फांसी से पहले तिहाड़ जेल प्रशासन की तरफ से चारों दोषियों को नोटिस देकर उनसे आखरी इच्छा पूछी गई है. अपनी आखिरी इच्छा में वह अपने किसी परिवार या करीबी से मुलाकात कर सकते हैं, अपनी कोई प्रॉपर्टी किसी के नाम ट्रांसफर कर सकते हैं, किसी प्रकार की किताब मांगना, धर्मगुरु से मिलना कर सकते हैं. फिलहाल उनकी तरफ से तिहाड़ प्रशासन को अभी कोई जवाब नहीं दिया गया है.
दो दोषी नहीं खा रहे ठीक से खाना
तिहाड़ जेल सूत्रों का कहना है कि जब से निर्भया के दोषियों का डेथ वारंट जारी हुआ है, जेल में मौजूद दो दोषियों ने ठीक से खाना नहीं खाया है. विनय ने डेथ वारंट जारी होने के बाद दो दिन तक खाना नहीं खाया. बुधवार को जब जेल प्रशासन की तरफ से उसे समझाया गया तो उसने थोड़ा खाना खाया. वहीं पवन भी पहले की तरह खाना नहीं खा रहा है. उसने भी खाना कम कर दिया है. तिहाड़ प्रशासन के अनुसार जेल में बंद मुकेश फांसी से बचने के लिए अपने सभी कानूनी अधिकार खत्म कर चुका है. उसकी याचिका राष्ट्रपति के पास से खारिज हो चुकी है. वहीं अभी अन्य तीन दोषियों के पास दया याचिका दायर करने का रास्ता खुला हुआ है. इनमें से दो और दोषी क्यूरेटिव पिटिशन भी दाखिल कर सकते हैं.
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24 घंटे की जा रही कैदियों की निगरानी
तिहाड़ सूत्रों का कहना है कि निर्भया कांड के इन चारों दोषियों कि 24 घंटे निगरानी की जा रही है. यहां पर लगातार सुरक्षाकर्मी तैनात रहते हैं जिन्हें प्रत्येक 2 घंटे में बदल दिया जाता है. ये चारों दोषी जेल नंबर 3 में अलग-अलग सेल में रखे गए हैं और प्रत्येक दोषी के सेल के बाहर दो गार्ड को हमेशा तैनात रखा जाता है. चारों की सुरक्षा में रोजाना पूरे दिन के मिलाकर लगभग 32 सिक्योरिटी गार्ड तैनात रहते हैं.
बढ़ सकती है फांसी की तारीख
हालांकि तिहाड़ जेल सूत्रों का कहना है कि अगर अन्य दोषियों में से किसी ने राष्ट्रपति के पास दया याचिका दायर की तो फांसी की तारीख एक बार फिर टल सकती है. दया याचिका खारिज होने के बाद एक बार फिर नया डेथ वारंट लेना पड़ेगा क्योंकि दया याचिका खारिज होने के बाद दोषी को फांसी के लिए 14 दिन का समय दिया जाता है.