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डीआरडीओ ने रोका निर्भय मिसाइल का परिक्षण, आई तकनीकी खराबी

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Published : Oct 12, 2020, 8:05 PM IST

डीआरडीओ के परीक्षण के दौरान करीब 1000 किलोमीटर तक की मारक क्षमता वाली निर्भय सबसोनिक क्रूज मिसाइल में तकनीकी खराबी आ गई है, जिसके बाद परीक्षण को बीच में ही रोक दिया गया है.

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नई दिल्ली : ओडिशा के एक केंद्र में सोमवार को परीक्षण के दौरान करीब 1000 किलोमीटर तक की मारक क्षमता वाली निर्भय सबसोनिक क्रूज मिसाइल में तकनीकी गड़बड़ी पैदा हो गई, जिसके बाद रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) को इसे बीच में ही रोकना पड़ा.

डीआरडीओ ने ओडिशा के बालेश्वर के समेकित परीक्षण रेंज से पूर्वाह्न करीब साढ़े दस बजे इस मिसाइल को दागा था.

सूत्र ने कहा कुछ ही मिनट बाद मिसाइल में तकनीकी गड़बड़ी आ गई, जिसके बाद परीक्षण प्रक्रिया को बीच में रोक दिया गया. डीआरडीओ सभी ब्योरे का विश्लेषण कर रहा है.

डीआरडीओ अक्टूबर 2014 से ही निर्भय मिसाइल के कई सफल परीक्षण कर चुका है.

इस अत्याधुनिक मिसाइल को विविध मंचों पर तैनात किया जा सकता है और उसकी रफ्तार ध्वनि की गति (मैक 0.8). से कम है.

अधिकारियों ने बताया कि एडवांस्ड सिस्टम लेबोरेटरी द्वारा ठोस रॉकेट बूस्टर से संचालित इस मिसाइल की मारक क्षमता 1000 किलोमीटर है.

यह भी पढ़ें- एंटी-रेडिएशन मिसाइल 'रुद्रम' का सफल परीक्षण, रक्षा मंत्री ने दी बधाई

हाल के सप्ताहों में भारत ने सतह से सतह पर मार करने वाली सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस के नए संस्करण और विकिरण रोधी मिसाइल रूद्रम-1 समेत कई मिसाइलों का परीक्षण किया है.

उसने लेजर निर्देशित टैंक रोधी मिसाइल और परमाणु क्षमता वाली हाइपरसोनिक मिसाइल शौर्य का भी सफल परीक्षण किया है.

रूद्रम-1 के सफल परीक्षण को एक बड़ी उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि यह भारत द्वारा विकसित पहला विकिरण रोधी हथियार है.

इस मिसाइलों का परीक्षण पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ भारत के तीखे सीमा विवाद के बीच किया गया है.

नई दिल्ली : ओडिशा के एक केंद्र में सोमवार को परीक्षण के दौरान करीब 1000 किलोमीटर तक की मारक क्षमता वाली निर्भय सबसोनिक क्रूज मिसाइल में तकनीकी गड़बड़ी पैदा हो गई, जिसके बाद रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) को इसे बीच में ही रोकना पड़ा.

डीआरडीओ ने ओडिशा के बालेश्वर के समेकित परीक्षण रेंज से पूर्वाह्न करीब साढ़े दस बजे इस मिसाइल को दागा था.

सूत्र ने कहा कुछ ही मिनट बाद मिसाइल में तकनीकी गड़बड़ी आ गई, जिसके बाद परीक्षण प्रक्रिया को बीच में रोक दिया गया. डीआरडीओ सभी ब्योरे का विश्लेषण कर रहा है.

डीआरडीओ अक्टूबर 2014 से ही निर्भय मिसाइल के कई सफल परीक्षण कर चुका है.

इस अत्याधुनिक मिसाइल को विविध मंचों पर तैनात किया जा सकता है और उसकी रफ्तार ध्वनि की गति (मैक 0.8). से कम है.

अधिकारियों ने बताया कि एडवांस्ड सिस्टम लेबोरेटरी द्वारा ठोस रॉकेट बूस्टर से संचालित इस मिसाइल की मारक क्षमता 1000 किलोमीटर है.

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हाल के सप्ताहों में भारत ने सतह से सतह पर मार करने वाली सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस के नए संस्करण और विकिरण रोधी मिसाइल रूद्रम-1 समेत कई मिसाइलों का परीक्षण किया है.

उसने लेजर निर्देशित टैंक रोधी मिसाइल और परमाणु क्षमता वाली हाइपरसोनिक मिसाइल शौर्य का भी सफल परीक्षण किया है.

रूद्रम-1 के सफल परीक्षण को एक बड़ी उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि यह भारत द्वारा विकसित पहला विकिरण रोधी हथियार है.

इस मिसाइलों का परीक्षण पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ भारत के तीखे सीमा विवाद के बीच किया गया है.

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