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माता-पिता को ठेले पर बैठाकर वाराणसी से बिहार पहुंचा नौ साल का बच्चा

सोशल मीडिया पर इन दिनों एक वीडियो वायरल हो रहा है. इस वीडियो में एक बच्चा अपने माता-पिता को एक ठेले पर बैठाकर ले जा रहा है. ईटीवी भारत की टीम जब उस बच्चे की तलाश में उसके घर पहुंची तो उसने इस सफर की पूरी कहानी बयां की.

मोहम्मद तबारक
मोहम्मद तबारक
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Published : May 29, 2020, 12:10 AM IST

पटना : देशभर में जारी लॉकडाउन के कारण एक तरफ जहां मजदूर पैदल, साइकिल, मोटर साइकिल और अन्य वाहनों के माध्यम से अपने घरों की तरफ कूच करने को मजबूर हैं, तो वहीं दूसरी ओर इस सफर में कुछ ऐसे साहसी और इरादों के मजबूत बच्चे भी देखने को मिले हैं, जिनके कारनामों से लोग हैरान हैं.

हाल ही में बिहार के दरभंगा की ज्योती कुमारी ने अपने बीमार पिता को साइकिल पर बैठाकर दिल्ली से बिहार तक का सफर तय किया था. ज्योती की साइकिल की गूंज पूरी दुनिया में सुनाई दी और लोगों ने उसके हौंसले को सलाम किया.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

ऐसा ही एक और वीडियो फिर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इस वीडियो में नौ साल का एक मासूम बच्चा राष्ट्रीय राजमार्ग पर अपने माता-पिता को ठेले पर बैठा कर ले जा रहा है. इस बच्चे का नाम मोहम्मद तबारक है.

तबारक अपने माता-पिता को वाराणसी से अररिया 900 किलोमीटर की यात्रा कर के अपनी मंजिल पर पहुंचा है.

बच्चे की तलाश करते हुए, ईटीवी भारत की टीम जब उसके घर पहुंची, तो उसे देखने के लिए लोगों की भीड़ जमा थी और सब उसके हौंसले की दाद दे रहे थे.

बता दें कि तबारक के पिता वाराणसी में मार्बल की एक दुकान में ठेला चलाते हैं. ठेला चलाने के दौरान एक बार उनके पैर पर मार्बल गिर गिया, जिससे उनका एक पांव हमेशा के लिए बेकार हो गया.

तबारक जख्मी पिता को देखने के लिए अपने मां के साथ वाराणसी पहुंचा था, जहां वह लॉकडाउन के कारण फंस गया. समय गुजरने के साथ घर का राशन भी खत्म हो गया और उसके पिता के पास इतने पैसे भी नहीं थे कि लॉकडाउन के दौरान वाराणसी में रह सकें.

इस कारण तबारक के परिवार ने वापस घर लौटने का फैसला किया, लेकिन लॉकडाउन ने कारण उन्हें कोई सवारी नहीं मिली.

उसके बाद तबारक ने अपने माता-पिता को ठेले पर बैठाकर घर पहुंचने का फैसला किया. तबारक नौ दिन में 900 किलोमीटर की यात्रा कर अपने घर पहुंच गया.

तबारक ने अपने सफर की पूरी कहानी ईटीवी भारत को बताई. उसने कहा कि सफर के दौरान उसे कई परेशानियों का सामना करना पड़ा. हालांकि, इस दौरान कई लोगों ने उसकी मदद भी की.

पटना : देशभर में जारी लॉकडाउन के कारण एक तरफ जहां मजदूर पैदल, साइकिल, मोटर साइकिल और अन्य वाहनों के माध्यम से अपने घरों की तरफ कूच करने को मजबूर हैं, तो वहीं दूसरी ओर इस सफर में कुछ ऐसे साहसी और इरादों के मजबूत बच्चे भी देखने को मिले हैं, जिनके कारनामों से लोग हैरान हैं.

हाल ही में बिहार के दरभंगा की ज्योती कुमारी ने अपने बीमार पिता को साइकिल पर बैठाकर दिल्ली से बिहार तक का सफर तय किया था. ज्योती की साइकिल की गूंज पूरी दुनिया में सुनाई दी और लोगों ने उसके हौंसले को सलाम किया.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

ऐसा ही एक और वीडियो फिर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इस वीडियो में नौ साल का एक मासूम बच्चा राष्ट्रीय राजमार्ग पर अपने माता-पिता को ठेले पर बैठा कर ले जा रहा है. इस बच्चे का नाम मोहम्मद तबारक है.

तबारक अपने माता-पिता को वाराणसी से अररिया 900 किलोमीटर की यात्रा कर के अपनी मंजिल पर पहुंचा है.

बच्चे की तलाश करते हुए, ईटीवी भारत की टीम जब उसके घर पहुंची, तो उसे देखने के लिए लोगों की भीड़ जमा थी और सब उसके हौंसले की दाद दे रहे थे.

बता दें कि तबारक के पिता वाराणसी में मार्बल की एक दुकान में ठेला चलाते हैं. ठेला चलाने के दौरान एक बार उनके पैर पर मार्बल गिर गिया, जिससे उनका एक पांव हमेशा के लिए बेकार हो गया.

तबारक जख्मी पिता को देखने के लिए अपने मां के साथ वाराणसी पहुंचा था, जहां वह लॉकडाउन के कारण फंस गया. समय गुजरने के साथ घर का राशन भी खत्म हो गया और उसके पिता के पास इतने पैसे भी नहीं थे कि लॉकडाउन के दौरान वाराणसी में रह सकें.

इस कारण तबारक के परिवार ने वापस घर लौटने का फैसला किया, लेकिन लॉकडाउन ने कारण उन्हें कोई सवारी नहीं मिली.

उसके बाद तबारक ने अपने माता-पिता को ठेले पर बैठाकर घर पहुंचने का फैसला किया. तबारक नौ दिन में 900 किलोमीटर की यात्रा कर अपने घर पहुंच गया.

तबारक ने अपने सफर की पूरी कहानी ईटीवी भारत को बताई. उसने कहा कि सफर के दौरान उसे कई परेशानियों का सामना करना पड़ा. हालांकि, इस दौरान कई लोगों ने उसकी मदद भी की.

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