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आईएसआईएस में शामिल डॉक्टर के खिलाफ एनआईए ने आरोपपत्र दाखिल किया

भारत में अवैध गितिविधियों को अंजाम देने के लिए कथित तौर पर इस्लामिक स्टेट आतंकवादी समूह में शामिल एक डॉक्टर के खिलाफ एनआईए ने आरोपपत्र दाखिल किया है. मामला श्रीनगर के जहांजैब सामी वानी और उसकी पत्नी बेग की, मार्च 2020 में दिल्ली के जामिया नगर से गिरफ्तारी से जुड़ा हुआ है.

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Published : Jan 12, 2021, 10:01 PM IST

नयी दिल्ली : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने मंगलवार को एक डॉक्टर के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया है. डॉक्टर अपनी विचारधारा का प्रसार करने और भारत में अवैध गतिविधियों को अंजाम देने के लिए कथित तौर पर इस्लामिक स्टेट आतंकवादी समूह में शामिल हो गया था. यह जानकारी एक अधिकारी ने दी.

बेंगलुरु के रहने वाले 28 वर्षीय अब्दुर रहमान के खिलाफ आरोपपत्र यहां एनआईए की विशेष अदालत में भारतीय दंड संहिता (भादंसं) और अवैध गतिविधियां (निवारण) अधिनियम (यूएपीए) के तहत दाखिल किया गया.

राष्ट्रीय जांच एजेंसी के एक प्रवक्ता ने कहा, 'सह आरोपी जहांजैब सामी वानी एवं अन्य के साथ मिलकर प्रतिबंधित संगठन आईएसआईएस/इस्लामिक स्टेट खोरासान प्रांत (आईएसकेपी) की विचारधारा का प्रसार करने तथा भारत में विध्वंसक एवं देश विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए रहमान को आरोपित किया गया है.'

इससे पहले दो सितंबर को श्रीनगर के वानी एवं हिना बशीर बेग, हैदराबाद के अब्दुल्ला बासित और पुणे के सादिया अनवर शेख तथा नबील सिद्दीक खत्री के खिलाफ भादंसं एवं यूएपीए की धाराओं के तहत आरोपपत्र दाखिल किया गया था.

अधिकारी ने बताया कि मामला वानी और उसकी पत्नी बेग की, मार्च 2020 में दिल्ली के जामिया नगर से गिरफ्तारी से जुड़ा हुआ है. सूचना मिली थी कि वे आईएसकेपी से जुड़े हुए हैं (जो आईएसआईएस का हिस्सा है) और देश में विध्वंसक तथा देश विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने की योजना बना रहे हैं.

पढ़ेंः पूर्वी लद्दाख दौरे पर जनरल रावत, सैनिकों का बढ़ाया हौसला

एनआईए ने जांच शुरू की और रहमान को अगस्त 2020 में बेंगलुरु से गिरफ्तार किया गया. रहमान बेंगलुरु मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस का छात्र था और उसी दौरान वह कट्टरपंथी बना. एनआईए के अधिकारी ने बताया कि वह 'अनवर अवलाकी' सहित कट्टरपंथी इस्लामिक उपदेशकों के ऑनलाइन व्याख्यान सुनता था.

नयी दिल्ली : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने मंगलवार को एक डॉक्टर के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया है. डॉक्टर अपनी विचारधारा का प्रसार करने और भारत में अवैध गतिविधियों को अंजाम देने के लिए कथित तौर पर इस्लामिक स्टेट आतंकवादी समूह में शामिल हो गया था. यह जानकारी एक अधिकारी ने दी.

बेंगलुरु के रहने वाले 28 वर्षीय अब्दुर रहमान के खिलाफ आरोपपत्र यहां एनआईए की विशेष अदालत में भारतीय दंड संहिता (भादंसं) और अवैध गतिविधियां (निवारण) अधिनियम (यूएपीए) के तहत दाखिल किया गया.

राष्ट्रीय जांच एजेंसी के एक प्रवक्ता ने कहा, 'सह आरोपी जहांजैब सामी वानी एवं अन्य के साथ मिलकर प्रतिबंधित संगठन आईएसआईएस/इस्लामिक स्टेट खोरासान प्रांत (आईएसकेपी) की विचारधारा का प्रसार करने तथा भारत में विध्वंसक एवं देश विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए रहमान को आरोपित किया गया है.'

इससे पहले दो सितंबर को श्रीनगर के वानी एवं हिना बशीर बेग, हैदराबाद के अब्दुल्ला बासित और पुणे के सादिया अनवर शेख तथा नबील सिद्दीक खत्री के खिलाफ भादंसं एवं यूएपीए की धाराओं के तहत आरोपपत्र दाखिल किया गया था.

अधिकारी ने बताया कि मामला वानी और उसकी पत्नी बेग की, मार्च 2020 में दिल्ली के जामिया नगर से गिरफ्तारी से जुड़ा हुआ है. सूचना मिली थी कि वे आईएसकेपी से जुड़े हुए हैं (जो आईएसआईएस का हिस्सा है) और देश में विध्वंसक तथा देश विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने की योजना बना रहे हैं.

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एनआईए ने जांच शुरू की और रहमान को अगस्त 2020 में बेंगलुरु से गिरफ्तार किया गया. रहमान बेंगलुरु मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस का छात्र था और उसी दौरान वह कट्टरपंथी बना. एनआईए के अधिकारी ने बताया कि वह 'अनवर अवलाकी' सहित कट्टरपंथी इस्लामिक उपदेशकों के ऑनलाइन व्याख्यान सुनता था.

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