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कुशीनगर मॉब लिंचिंग केस में यूपी पुलिस महानिदेशक को नोटिस

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Published : Sep 8, 2020, 9:55 PM IST

Updated : Sep 8, 2020, 10:10 PM IST

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने कुशीनगर में हुई मॉब लिंचिंग के मामले का संज्ञान लेते हुए उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक को 4 सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा है.

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग

नई दिल्ली : राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में एक हत्या के आरोपी व्यक्ति की भीड़ द्वारा बेरहमी से पिटाई और सार्वजनिक प्राधिकरण की लापरवाही के प्रति संज्ञान लिया है.

एनएचआरसी ने उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक को चार सप्ताह के भीतर मामले में विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा है, जिसमें हत्या के दोनों मामलों के संबंध में दर्ज मामलों की जांच की स्थिति भी शामिल हो.

एनएचआरसी ने उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव को भी रिपोर्ट के लिए नोटिस भेजा है. नोटिस में कहा गया है कि राज्य पीड़ित का निष्पक्ष ट्रायल कराने में विफल रहा है. इस रिपोर्ट में चीफ सेक्रेटरी को अधिकारियों के खिलाफ क्या कड़ी कार्रवाई की गई उसकी जानकारी भी देनी होगी.

पुलिस के मुताबिक, मृतक व्यक्ति गोरखपुर का रहने वाला था और गांव में सुधीर कुमार सिंह नाम के शिक्षक की तलाश में आया था. जैसे ही उसने सिंह को देखा, उसने अपने पिता की बंदूक निकाली और पुलिस के अनुसार, शिक्षक को मार डाला. शिक्षक को गोली मारने के बाद, शख्स ने भागने की कोशिश की लेकिन घर के बाहर भीड़ जमा होने पर वह छत पर चढ़ गया, बंदूक लहराई. हवा में गोलीबारी भी की.

पुलिस टीम ने छत पर उसका पीछा किया लेकिन वह आदमी बच गया और उसे भीड़ ने पकड़ लिया, जिसने उस पर हमला कर दिया. घटना से संबंधित वीडियो बाद में सामने आया जिसमें शख्स भीड़ के हाथों पड़ने से पहले पुलिस कस्टडी में दिखा.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, घटना होने पर कई पुलिसकर्मी मौके पर मौजूद थे. कुछ पुलिसकर्मियों को भीड़ को नियंत्रित करने की कोशिश करते देखा गया, लेकिन भीड़ का गुस्सा तबतक शांत नहीं हुआ जबतक की वह बेहोश नहीं हो गया. लापरवाही के लिए इलाके के थाना प्रभारी को निलंबित कर दिया गया है.

नई दिल्ली : राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में एक हत्या के आरोपी व्यक्ति की भीड़ द्वारा बेरहमी से पिटाई और सार्वजनिक प्राधिकरण की लापरवाही के प्रति संज्ञान लिया है.

एनएचआरसी ने उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक को चार सप्ताह के भीतर मामले में विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा है, जिसमें हत्या के दोनों मामलों के संबंध में दर्ज मामलों की जांच की स्थिति भी शामिल हो.

एनएचआरसी ने उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव को भी रिपोर्ट के लिए नोटिस भेजा है. नोटिस में कहा गया है कि राज्य पीड़ित का निष्पक्ष ट्रायल कराने में विफल रहा है. इस रिपोर्ट में चीफ सेक्रेटरी को अधिकारियों के खिलाफ क्या कड़ी कार्रवाई की गई उसकी जानकारी भी देनी होगी.

पुलिस के मुताबिक, मृतक व्यक्ति गोरखपुर का रहने वाला था और गांव में सुधीर कुमार सिंह नाम के शिक्षक की तलाश में आया था. जैसे ही उसने सिंह को देखा, उसने अपने पिता की बंदूक निकाली और पुलिस के अनुसार, शिक्षक को मार डाला. शिक्षक को गोली मारने के बाद, शख्स ने भागने की कोशिश की लेकिन घर के बाहर भीड़ जमा होने पर वह छत पर चढ़ गया, बंदूक लहराई. हवा में गोलीबारी भी की.

पुलिस टीम ने छत पर उसका पीछा किया लेकिन वह आदमी बच गया और उसे भीड़ ने पकड़ लिया, जिसने उस पर हमला कर दिया. घटना से संबंधित वीडियो बाद में सामने आया जिसमें शख्स भीड़ के हाथों पड़ने से पहले पुलिस कस्टडी में दिखा.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, घटना होने पर कई पुलिसकर्मी मौके पर मौजूद थे. कुछ पुलिसकर्मियों को भीड़ को नियंत्रित करने की कोशिश करते देखा गया, लेकिन भीड़ का गुस्सा तबतक शांत नहीं हुआ जबतक की वह बेहोश नहीं हो गया. लापरवाही के लिए इलाके के थाना प्रभारी को निलंबित कर दिया गया है.

Last Updated : Sep 8, 2020, 10:10 PM IST

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