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जम्मू-कश्मीर : एनएचआरसी ने मांगी मुठभेड़ में होने वालीं मौतों की जानकारी - custodial deaths

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख से हिरासत या मुठभेड़ में होने वाली किसी भी मौत के बारे में जानकारी मांगी है. जम्मू-कश्मीर को 24 घंटे और लद्दाख को 48 घंटे के भीतर मौतों की जानकारी देनी होगी. बढ़ें पूरी खबर...

National Human Rights Commission of India
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग
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Published : Jul 5, 2020, 11:03 PM IST

नई दिल्ली : राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख से हिरासत या मुठभेड़ में होने वाली किसी भी मौत के बारे में जानकारी मांगी है. जम्मू-कश्मीर को 24 घंटे और लद्दाख को 48 घंटे के भीतर ऐसी मौतों की जानकारी देनी होगी.

एनएचआरसी ने जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव और लद्दाख के आयुक्त सचिव को एक पत्र भेजा है.

एनएचआरसी के महासचिव जयदीप गोविंद ने दोनों केंद्रशासित प्रदेशों से अनुरोध किया है कि हिरासत या मुठभेड़ में हुई मौत मामलों में पोस्टमॉर्टम, वीडियोग्राफी और न्यायिक जांच रिपोर्ट आदि सहित सभी आवश्यक जानकारी भेजने के लिए आयोग द्वारा जारी सभी निर्देशों के अनुपालन के लिए उपयुक्त निर्देश लागू किया जाए.

ये भी पढ़ें- अमरनाथ यात्रा : बाबा के जयकारों के बीच श्रीनगर से छड़ी मुबारक रवाना

इससे पहले जम्मू-कश्मीर राज्य को एनएचआरसी के आदेश का वैधानिक दायित्व के तहत पालन नहीं करना पड़ता था. लेकिन 2019 में मानवाधिकार सुरक्षा कानून में संशोधन के बाद यह भी अन्य सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की तरह एनएचआरसी के अधिकार क्षेत्र में आ गया है.

मानवाधिकार सुरक्षा कानून में संशोधन के बाद अक्टूबर 2019 से एनएचआरसी के केंद्रीय निकाय का अधिकार क्षेत्र जम्मू-कश्मीर और लद्दाख तक बढ़ गया है.

नई दिल्ली : राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख से हिरासत या मुठभेड़ में होने वाली किसी भी मौत के बारे में जानकारी मांगी है. जम्मू-कश्मीर को 24 घंटे और लद्दाख को 48 घंटे के भीतर ऐसी मौतों की जानकारी देनी होगी.

एनएचआरसी ने जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव और लद्दाख के आयुक्त सचिव को एक पत्र भेजा है.

एनएचआरसी के महासचिव जयदीप गोविंद ने दोनों केंद्रशासित प्रदेशों से अनुरोध किया है कि हिरासत या मुठभेड़ में हुई मौत मामलों में पोस्टमॉर्टम, वीडियोग्राफी और न्यायिक जांच रिपोर्ट आदि सहित सभी आवश्यक जानकारी भेजने के लिए आयोग द्वारा जारी सभी निर्देशों के अनुपालन के लिए उपयुक्त निर्देश लागू किया जाए.

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इससे पहले जम्मू-कश्मीर राज्य को एनएचआरसी के आदेश का वैधानिक दायित्व के तहत पालन नहीं करना पड़ता था. लेकिन 2019 में मानवाधिकार सुरक्षा कानून में संशोधन के बाद यह भी अन्य सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की तरह एनएचआरसी के अधिकार क्षेत्र में आ गया है.

मानवाधिकार सुरक्षा कानून में संशोधन के बाद अक्टूबर 2019 से एनएचआरसी के केंद्रीय निकाय का अधिकार क्षेत्र जम्मू-कश्मीर और लद्दाख तक बढ़ गया है.

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