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हथिनी की मौत के मामले में एनजीटी ने समिति गठित कर, एक महीने में मांगी रिपोर्ट - ngt sets up a committee

केरल की साइलेंट वैली के जंगल में एक गर्भवती हथिनी के साथ क्रूरता करने के मामले में एनजीटी ने समिति गठित कर रिपोर्ट मांगी है. साथ ही मुख्य वन अधिकारी की अध्यक्षता में एक समिति भी बनाई गई है जो ऐसी घटनाओं की रोक-थाम करेगी.

national green tribunal
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल
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Published : Jun 5, 2020, 10:21 PM IST

तिरुवनन्तपुरम : नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने गर्भवती हाथिनी की मौत के मामले में एक समिति गठित की और एक महीने में रिपोर्ट देने का आदेश दिया है.

दरअसल केरल की साइलेंट वैली में एक 15 वर्षीय हाथिनी ने भूख मिटाने के लिए अनानास खाने की कोशिश की. अनानास पटाखों से भरा था, जो मुंह लगाते ही फट गया. इससे हथिनी की मौत हो गई. इस मामले को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने संज्ञान लिया और सुनवाई के दौरान, न्यायमूर्ति रामकृष्णन की विशेष पीठ और विशेषज्ञ सदस्य साईबल दासगुप्ता ने वन्यजीवों की रक्षा करने के लिए आदेश जारी किए.

पढ़ें:- केरल में मानव क्रूरता का शिकार हुई गर्भवती जंगली हथिनी की मौत

बेंच ने केरल के मुख्य वन अधिकारी की अध्यक्षता में एक समिति भी बनाई है. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने इस समिति को भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए एक योजना बनाने का आदेश भी दिया है. साथ ही एक महीने में अपनी रिपोर्ट पेश करने का भी आदेश दिया है.

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने केरल वन विभाग को इस मामले में अब तक की गई जांच और गिरफ्तारी पर एक विस्तृत रिपोर्ट दर्ज करने का निर्देश दिया है. वहीं इस मामले में अगली सुनवाई 10 जुलाई को होगी.

तिरुवनन्तपुरम : नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने गर्भवती हाथिनी की मौत के मामले में एक समिति गठित की और एक महीने में रिपोर्ट देने का आदेश दिया है.

दरअसल केरल की साइलेंट वैली में एक 15 वर्षीय हाथिनी ने भूख मिटाने के लिए अनानास खाने की कोशिश की. अनानास पटाखों से भरा था, जो मुंह लगाते ही फट गया. इससे हथिनी की मौत हो गई. इस मामले को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने संज्ञान लिया और सुनवाई के दौरान, न्यायमूर्ति रामकृष्णन की विशेष पीठ और विशेषज्ञ सदस्य साईबल दासगुप्ता ने वन्यजीवों की रक्षा करने के लिए आदेश जारी किए.

पढ़ें:- केरल में मानव क्रूरता का शिकार हुई गर्भवती जंगली हथिनी की मौत

बेंच ने केरल के मुख्य वन अधिकारी की अध्यक्षता में एक समिति भी बनाई है. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने इस समिति को भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए एक योजना बनाने का आदेश भी दिया है. साथ ही एक महीने में अपनी रिपोर्ट पेश करने का भी आदेश दिया है.

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने केरल वन विभाग को इस मामले में अब तक की गई जांच और गिरफ्तारी पर एक विस्तृत रिपोर्ट दर्ज करने का निर्देश दिया है. वहीं इस मामले में अगली सुनवाई 10 जुलाई को होगी.

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