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NGT ने की केंद्रीय पर्यावरण और वन मंत्रालय की कड़ी आलोचना - NHPC

APW ने सवंसिरी प्रोजेक्ट के लिए गठित कमेटी के खिलाफ SC में याचिका दायर की थी. जिसके बाद यह फैसला NGT को सौंप दिया गया था. इस मुद्दे पर आज सुनवाई की गई. जानें इस मुद्दे पर NGT का फैसला बताते हुए APW के अध्यक्ष ने ईटीवी भारत से बातचीत में क्या कुछ कहा....

APW की याचिका पर NGT में सुनवाई
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Published : Jul 25, 2019, 7:47 PM IST

नई दिल्लीः नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने सुवंसिरी प्रोजेक्ट को लेकर बनी कमेटी पर केंद्रीय पर्यावरण और वन मंत्रालय की कड़ी आलोचना की है. 2000 मेगा वॉट लोवर सुवंसिरी प्रोजेक्ट को लेकर असम पब्लिक वर्कस द्वारा दर्ज केस को सुप्रीम कोर्ट ने NGT (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) को सौंप दिया था. उसी सिलसिले में आज NGT में सुनवाई थी.

गौरतलब है कि, तीन सदस्यों की इस समिति के विरोध में असम पब्लिक वर्कस ने याचिका दायर की थी. जिसके बाद NGT ने यह निश्चित किया कि, कमेटी में दो या तीन और स्वतंत्र विशेषज्ञों को शामिल किया जा सकता है.

एनजीटी की सुनवाई को लेकर APW अध्यक्ष ने की ईटीवी भारत से बातचीत, देखें वीडियो....

इस संबंध में APW (असम पब्लिक वर्कस) के अध्यक्ष अभिजीत शर्मा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की है.

शर्मा ने कहा, NGT ने हमारे दावे का समर्थन किया है. माननीय कोर्ट ने सरकार से कमेटी में कुछ स्वतंत्र विशेषज्ञों को भी शामिल करने को कहा है.

NGT की बेंच ने मंत्रालय से नए सदस्यों को शामिल करने को लेकर जवाब मांगा है.

बता दें कि, NGT की इस बेंच में जस्टिस आदर्श कुमार गोयल, जस्टिस एसपी वांगड़ी, जस्टिस के रामजृष्णन और बेंच के खास सदस्य सदस्य डॉ नागिन नंदा शामिल हैं.

याचिकाकर्ता के वकील संजय उपाध्याय ने कहा, NGT ने हमारी बात सुनी और विशेषज्ञ समिति में 2-3 और स्वतंत्र सदस्यों को शामिल करने का फैसला लिया.

पढ़ेंः RTI फाइल करने वाले BJP नेता से जानिए सिसोदिया पर घोटाले के आरोपों की पूरी कहानी

गौरतलब है कि, केंद्रीय पर्यावरण ने 2000 मेगावाट की लोअर सुबनसिरी परियोजना के मुद्दों पर गौर करने के लिए एक खास कमेटी गठित की थी. लेकिन APW ने इस समिति का विरोध कर कोर्ट में याचिका दायर की है.

APW का आरोप है कि, समिति के सभी सदस्य NHPC (जल विद्युत निगम) का पक्षपात करते हैं.

आपको बता दें कि, NHPC ने असम अरुणाचल प्रदेश की सीमा के साथ 2000 मेगावाट की राष्ट्रीय जल विद्युत परियोजना की शुरुआत की थी. लेकिन पिछले कई सालों से APW, कृषक मुक्ति संग्राम समिति (KMSS), AASU सहित कई संगठनों ने इस बांध को लोगों और पर्यावरण के लिए जोखिम भरा बताकर इसका विरोध किया है.

नई दिल्लीः नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने सुवंसिरी प्रोजेक्ट को लेकर बनी कमेटी पर केंद्रीय पर्यावरण और वन मंत्रालय की कड़ी आलोचना की है. 2000 मेगा वॉट लोवर सुवंसिरी प्रोजेक्ट को लेकर असम पब्लिक वर्कस द्वारा दर्ज केस को सुप्रीम कोर्ट ने NGT (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) को सौंप दिया था. उसी सिलसिले में आज NGT में सुनवाई थी.

गौरतलब है कि, तीन सदस्यों की इस समिति के विरोध में असम पब्लिक वर्कस ने याचिका दायर की थी. जिसके बाद NGT ने यह निश्चित किया कि, कमेटी में दो या तीन और स्वतंत्र विशेषज्ञों को शामिल किया जा सकता है.

एनजीटी की सुनवाई को लेकर APW अध्यक्ष ने की ईटीवी भारत से बातचीत, देखें वीडियो....

इस संबंध में APW (असम पब्लिक वर्कस) के अध्यक्ष अभिजीत शर्मा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की है.

शर्मा ने कहा, NGT ने हमारे दावे का समर्थन किया है. माननीय कोर्ट ने सरकार से कमेटी में कुछ स्वतंत्र विशेषज्ञों को भी शामिल करने को कहा है.

NGT की बेंच ने मंत्रालय से नए सदस्यों को शामिल करने को लेकर जवाब मांगा है.

बता दें कि, NGT की इस बेंच में जस्टिस आदर्श कुमार गोयल, जस्टिस एसपी वांगड़ी, जस्टिस के रामजृष्णन और बेंच के खास सदस्य सदस्य डॉ नागिन नंदा शामिल हैं.

याचिकाकर्ता के वकील संजय उपाध्याय ने कहा, NGT ने हमारी बात सुनी और विशेषज्ञ समिति में 2-3 और स्वतंत्र सदस्यों को शामिल करने का फैसला लिया.

पढ़ेंः RTI फाइल करने वाले BJP नेता से जानिए सिसोदिया पर घोटाले के आरोपों की पूरी कहानी

गौरतलब है कि, केंद्रीय पर्यावरण ने 2000 मेगावाट की लोअर सुबनसिरी परियोजना के मुद्दों पर गौर करने के लिए एक खास कमेटी गठित की थी. लेकिन APW ने इस समिति का विरोध कर कोर्ट में याचिका दायर की है.

APW का आरोप है कि, समिति के सभी सदस्य NHPC (जल विद्युत निगम) का पक्षपात करते हैं.

आपको बता दें कि, NHPC ने असम अरुणाचल प्रदेश की सीमा के साथ 2000 मेगावाट की राष्ट्रीय जल विद्युत परियोजना की शुरुआत की थी. लेकिन पिछले कई सालों से APW, कृषक मुक्ति संग्राम समिति (KMSS), AASU सहित कई संगठनों ने इस बांध को लोगों और पर्यावरण के लिए जोखिम भरा बताकर इसका विरोध किया है.

Intro:New Delhi: The National Green Tribunal (NGT) on Thursday has criticed the Union Ministry of Environment and Forest over an expert committee to look into the 2000 MW Lower Subansiri Project along Assam Arunachal Pradesh border.


Body:Taking up a petition filled by Assam Public Works (APW) opposing a three member expert committee set up by the environment ministry, the NGT has opined that 2 or 3 more independent experts could be included in the committee.

Keeping its order reserved, NGT bench comprising Justice Adarsh Kumar Goel, Justice SP Wangdi, Justice K Ramajrishnan and expert member Dr Nagin Nanda has asked the ministry to come with reply over inclusion of new members.

"The NGT heard us and opined for inclusion of 2-3 more independent members in the expert committee," said advicate Sanjay Upadhay, counsel for the petitioner.


Conclusion:Talking to ETV Bharat, APW president Abhijeet Sharma said, "Our claim has been supported by the NGT. The hon'ble couet has also asked the government to include a few independent experts in the committee."

After the Union Environment Ministry formed an expert committee to look into the issues over 2000 MW Lower Subansiri Project, APW has filled petition in the court opposing the committee.

APW said that the members of the committee are partial to National Hydro Power Corporation (NHPC).

The NHPC had initiated the 2000 MW national hydro power project along Assam Arunachal Pradesh border but it's work has been halted for last several years after several organisations including APW, Krishak Mukti Sangram Samity (KMSS), AASU have opposed to the dam citing risk to the environment and people.

end.
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