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धारा 144 का गलत इस्तेमाल कर रही सरकार : मोहम्मद शोएब - कानून के खिलाफ भड़की हिंसा

नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस और सरकार की कार्रवाई पर सवाल उठने लगे हैं. एक तरफ सरकार जहां कानून व्यवस्था के मुद्दे पर कड़ा रुख दिखा रही है वहीं दूसरी तरफ लोग संविधान प्रदत्त अधिकार छीने जाने का आरोप लगा रहे हैं. जानें पूरा मामला...

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मोहम्मद शोएब
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Published : Jan 21, 2020, 5:27 PM IST

Updated : Feb 17, 2020, 9:21 PM IST

नई दिल्ली : सीएए और एनआरसी के मुद्दे पर लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. गैर सरकारी संगठन 'रिहाई मंच' भी इसमें शामिल है. मंच के अध्यक्ष मोहम्मद शोएब ने सरकार पर धारा 144 का बार-बार गलत इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है.

शोएब ने खुद पर लगे सभी आरोपों को झूठा करार दिया और सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि संविधान में लोगों को दिए गए अधिकार छीने जा रहे हैं.

आपको बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ पिछले महीने उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हुए विरोध-प्रदर्शन के दौरान मोहम्मद शोएब को गिरफ्तार किया गया था.

ईटीवी भारत से खास बातचीत में शोएब ने कहा कि जिस दौरान लखनऊ में CAA के खिलाफ हिंसा भड़की, उस दौरान उन्हें पहले से ही लखनऊ पुलिस द्वारा घर में नजरबंद कर दिया गया था, फिर भी उनके ऊपर हिंसा भड़काने का आरोप लगा दिया गया है, जो कि बिल्कुल झूठा है.

यह पूछे जाने पर कि उत्तर प्रदेश में नागरिकता कानून के खिलाफ अधिकतर गैर-सरकारी संगठनों से जुड़े लोगों को ही क्यों गिरफ्तार किया गया है, शोएब ने कहा, 'हम विपक्ष के तौर पर सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ लगातार बोलते रहे हैं, जिसकी वजह से हमें निशाना बनाया जाता रहा है.'

ईटीवी भारत से बात करते रिहाई मंच के अध्यक्ष मोहम्मद शोएब.

सरकार पर हमला बोलते हुए मोहम्मद शोएब ने कहा, 'हाल के दिनों में सरकार धारा 144 का बार-बार गलत इस्तेमाल करने लगी है. हमें अधिकार है कि हम सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ बोलें और यह अधिकार हमें संविधान से मिला है. लेकिन मौजूदा सरकार जनता को इस अधिकार से वंचित करने के लिए धारा 144 का गलत इस्तेमाल कर रही है.'

यह भी पढ़े- नागरिकता संशोधन अधिनियम के समर्थन में उतरा जन सैलाब, हजारों की संख्या में शामिल हुए लोग

मोहम्मद शोएब ने कहा कि लखनऊ के ऐतिहासिक घंटा घर पर भी अब महिलाओं द्वारा नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन शुरू हो गया है और अब इन्हें उम्मीद है कि यह सरकार इस कानून को वापस ले लेगी.

शोएब ने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश में इस कानून के खिलाफ भड़की हिंसा एक सुनियोजित अभियान के तहत की गई थी, जिसमें पुलिस द्वारा एनकाउंटर के नाम पर प्रदेश में मुस्लिम और अन्य पिछड़े वर्ग के युवकों की हत्या की गई थी. हालांकि रिहाई मंच और अन्य गैर सरकारी संगठनों के प्रयास से इन मामलों की जांच अब राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग भी कर रहा है.

नई दिल्ली : सीएए और एनआरसी के मुद्दे पर लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. गैर सरकारी संगठन 'रिहाई मंच' भी इसमें शामिल है. मंच के अध्यक्ष मोहम्मद शोएब ने सरकार पर धारा 144 का बार-बार गलत इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है.

शोएब ने खुद पर लगे सभी आरोपों को झूठा करार दिया और सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि संविधान में लोगों को दिए गए अधिकार छीने जा रहे हैं.

आपको बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ पिछले महीने उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हुए विरोध-प्रदर्शन के दौरान मोहम्मद शोएब को गिरफ्तार किया गया था.

ईटीवी भारत से खास बातचीत में शोएब ने कहा कि जिस दौरान लखनऊ में CAA के खिलाफ हिंसा भड़की, उस दौरान उन्हें पहले से ही लखनऊ पुलिस द्वारा घर में नजरबंद कर दिया गया था, फिर भी उनके ऊपर हिंसा भड़काने का आरोप लगा दिया गया है, जो कि बिल्कुल झूठा है.

यह पूछे जाने पर कि उत्तर प्रदेश में नागरिकता कानून के खिलाफ अधिकतर गैर-सरकारी संगठनों से जुड़े लोगों को ही क्यों गिरफ्तार किया गया है, शोएब ने कहा, 'हम विपक्ष के तौर पर सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ लगातार बोलते रहे हैं, जिसकी वजह से हमें निशाना बनाया जाता रहा है.'

ईटीवी भारत से बात करते रिहाई मंच के अध्यक्ष मोहम्मद शोएब.

सरकार पर हमला बोलते हुए मोहम्मद शोएब ने कहा, 'हाल के दिनों में सरकार धारा 144 का बार-बार गलत इस्तेमाल करने लगी है. हमें अधिकार है कि हम सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ बोलें और यह अधिकार हमें संविधान से मिला है. लेकिन मौजूदा सरकार जनता को इस अधिकार से वंचित करने के लिए धारा 144 का गलत इस्तेमाल कर रही है.'

यह भी पढ़े- नागरिकता संशोधन अधिनियम के समर्थन में उतरा जन सैलाब, हजारों की संख्या में शामिल हुए लोग

मोहम्मद शोएब ने कहा कि लखनऊ के ऐतिहासिक घंटा घर पर भी अब महिलाओं द्वारा नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन शुरू हो गया है और अब इन्हें उम्मीद है कि यह सरकार इस कानून को वापस ले लेगी.

शोएब ने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश में इस कानून के खिलाफ भड़की हिंसा एक सुनियोजित अभियान के तहत की गई थी, जिसमें पुलिस द्वारा एनकाउंटर के नाम पर प्रदेश में मुस्लिम और अन्य पिछड़े वर्ग के युवकों की हत्या की गई थी. हालांकि रिहाई मंच और अन्य गैर सरकारी संगठनों के प्रयास से इन मामलों की जांच अब राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग भी कर रहा है.

Intro:नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ पिछले माह उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हुए विरोध-प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार हुए रिहाई मंच एनजीओ के अध्यक्ष मोहम्मद शोएब ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि जिस दौरान लखनऊ में इस कानून के खिलाफ हिंसा भड़की उस दौरान उन्हें पहले से ही लखनऊ पुलिस द्वारा घर में नजरबंद कर दिया गया था और उनके ऊपर हिंसा भड़काने का आरोप बिल्कुल झूठा है।


Body:रिहाई मंच के अध्यक्ष से जब यह पूछा गया कि उत्तर प्रदेश में नागरिकता कानून के खिलाफ अधिकतर गैर-सरकारी संगठनों केस से जुड़े लोगों को ही क्यों गिरफ्तार किया गया तो उन्होंने कहा कि हम लगातार विपक्ष के तौर पर सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ बोलते रहे हैं जिसकी वजह से हमें निशाना बनाया जाता है।

मोहम्मद शोएब ने कहा कि सरकार धारा 144 का बार-बार गलत इस्तेमाल करने लगी है। हमें अधिकार है कि हम सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ बोलें और यह अधिकार हमें संविधान से मिला है लेकिन मौजूदा सरकार इस अधिकार से वंचित करने के लिए सरकार धारा 144 का गलत इस्तेमाल कर रही है।


Conclusion:मोहम्मद शोएब ने कहा कि लखनऊ के ऐतिहासिक घंटा घर पर भी अब महिलाओं द्वारा नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन शुरू हो गया है और अब इन्हें उम्मीद है कि यह सरकार इस कानून को वापस लेगी।

रिहाई मंच के मुताबिक उत्तर प्रदेश में इस कानून के खिलाफ भड़की हिंसा एक सुनियोजित अभियान के तहत की गई थी जिसमें पुलिस द्वारा एनकाउंटर के नाम पर प्रदेश में मुस्लिम और अन्य पिछड़े वर्ग के युवकों की हत्या हुई। हालांकि रिहाई मंच और अन्य गैर सरकारी संगठनों के प्रयास से इन मामलों की जांच अब राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग भी कर रहा है।
Last Updated : Feb 17, 2020, 9:21 PM IST
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