नई दिल्ली :राज्यसभा में बुधवार को शपथ ग्रहण कार्यक्रम संपन्न हुआ. कांग्रेस से भाजपा में आए ज्योतिरादित्य सिंधिया समेत 61 नेताओं ने राज्यसभा सदस्यता की शपथ ली. शपथ लेने वालों में दिग्विजय सिंह, शिबू सोरेन, मल्लिकार्जुन खड़गे शामिल थे.
शपथ ग्रहण आमतौर पर या तो सत्र के दौरान होता है अथवा जब संसद सत्र नहीं होता है तब राज्यसभा के सभापति के चैम्बर में होता है. राज्यसभा के लिए हाल के चुनाव में 20 राज्यों से 61 सदस्य निर्वाचित हुए हैं.
राज्यसभा के अधिकारियों ने बताया कि प्रत्येक सदस्य को शपथ ग्रहण समारोह में अपने साथ केवल एक अतिथि को लाने की अनुमति होगी.
राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने इस बारे में निर्णय किया है और इसमें राज्यसभा और लोकसभा दोनों से जुड़ी विभाग संबंधी संसद की स्थाई समितियों की बैठक शुरू करने और इन बैठकों में नए सदस्यों के हिस्सा लेने की इच्छा व्यक्त करने को ध्यान में रखा है.
अधिकारियों ने बताया कि के केशव राव और तिरूचि शिवा जैसे राज्यसभा के कुछ नवनिर्वाचित एवं दोबारा चुने गए कुछ सदस्य संसदीय समितियों के अध्यक्ष हैं और बिना शपथ लिए संबंधित समितियों की बैठक नहीं बुला सकते.
नवनिर्वाचित सदस्य भी पद एवं गोपनीयता की शपथ लिए बिना समितियों की बैठकों में हिस्सा नहीं ले सकते.
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अधिकारियों ने बताया कि राज्यसभा के महासचिव ने सभी नवनिर्वाचित सदस्यों को 22 जुलाई को शपथग्रहण होने के बारे में लिखकर सूचित किया है. जो लोग इस दिन नहीं आ पाएंगे, उन्हें संसद के मानसून सत्र के दौरान शपथ दिलाई जाएगी.
अधिकारियों ने बताया कि नए सदस्यों के लिए शपथ ग्रहण की योजना पहले बनाई गई थी, लेकिन कुछ सदस्यों द्वारा दिल्ली यात्रा करने के संबंध में व्यक्त की गई चिंताओं को देखते हुए इसे टाल दिया गया था.