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फोटो जर्नलिस्ट की नई पहल, ऑटो चलाकर कर रहा है ऑटो ड्राइवर को प्रेरित

कोरोना वायरस महामारी के बीच फोटो पत्रकार ने नई पहल की है. फोटो पत्रकार पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट (PPE) पहन कर ऑटोरिक्शा चला रहा है. यह सभी ऑटोरिक्शा ड्राइवर को प्रेरित कर रहा है. बता दें ये ऑटो में एक सुरक्षात्मक पारदर्शी प्लास्टिक स्क्रीन लगा रखा है.

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फोटो पत्रकार पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट (PPE) पहनकर ऑटो चला रहा है
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Published : Jun 3, 2020, 5:20 PM IST

चेन्नई: कोरोना महामारी दिनों-दिन बढ़ती जा रही है. जिसे देखते हुए एक फोटो पत्रकार पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट (PPE) पहनकर ऑटो चला रहा है. चेन्नई के वेलाचेरी के दिलीप कुमार ने 'PPE मॉडल' के रूप में यात्री और चालक की सीट के बीच कांच की शीट लगाई है.

दिलीप कुमार ने बताया कि उन्होंने सुरक्षित यात्रा की शुरूआत की है. वह एक फोटोग्राफर के रूप में 20 से अधिक वर्षों का अनुभव है और उन्होंने तमिल अखबारों और विदेशी पत्रिकाओं सहित विभिन्न मीडिया में काम किया है. बता दें दिलीप कुमार ने लघु फिल्मों और वृत्तचित्रों में काम किया है .

ढ़े:Live अपडेट : महाराष्ट्र के अलीबाग में समुद्र तट से टकराया चक्रवाती तूफान निसर्ग

यात्रा के दौरान दिलीप कुमार काे बहुत सी समस्याओं का सामना करना पड़ा. उनकी पीले रंग की सवारी तब शुरू हुई जब दिलीप कुमार (39) दक्षिणी पॉकेट वेलाचेरी से देश में ऑटोरिक्शा चालकों के जीवन का डॉक्यूमेंट्री बनाने का फैसला किया था.दिलीप कुमार ने एक ऑटोरिक्शा किराए पर लिया और सिटी में अपने डॉक्यूमेंट्री के लिए अपने वास्तविक जीवन के अनुभव लेने के लिए ड्राइविंग करने निकल गए.

पढ़े: मनरेगा में अव्वल: सबसे ज्यादा रोजगार और काम कराने वाला राज्य बना छत्तीसगढ़

दिलीप कुमार ने अपनी खोज को जारी रखा कर ऑटोरिक्शा से करियर बनाने का फैसला किया. दिलीप कुमार के अनुसार, इस मॉडल से उन्हें लंबे समय में फायदा होगा जब उन्हें लंबी दूरी के असाइनमेंट और शूट करना होगा.

चेन्नई: कोरोना महामारी दिनों-दिन बढ़ती जा रही है. जिसे देखते हुए एक फोटो पत्रकार पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट (PPE) पहनकर ऑटो चला रहा है. चेन्नई के वेलाचेरी के दिलीप कुमार ने 'PPE मॉडल' के रूप में यात्री और चालक की सीट के बीच कांच की शीट लगाई है.

दिलीप कुमार ने बताया कि उन्होंने सुरक्षित यात्रा की शुरूआत की है. वह एक फोटोग्राफर के रूप में 20 से अधिक वर्षों का अनुभव है और उन्होंने तमिल अखबारों और विदेशी पत्रिकाओं सहित विभिन्न मीडिया में काम किया है. बता दें दिलीप कुमार ने लघु फिल्मों और वृत्तचित्रों में काम किया है .

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यात्रा के दौरान दिलीप कुमार काे बहुत सी समस्याओं का सामना करना पड़ा. उनकी पीले रंग की सवारी तब शुरू हुई जब दिलीप कुमार (39) दक्षिणी पॉकेट वेलाचेरी से देश में ऑटोरिक्शा चालकों के जीवन का डॉक्यूमेंट्री बनाने का फैसला किया था.दिलीप कुमार ने एक ऑटोरिक्शा किराए पर लिया और सिटी में अपने डॉक्यूमेंट्री के लिए अपने वास्तविक जीवन के अनुभव लेने के लिए ड्राइविंग करने निकल गए.

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दिलीप कुमार ने अपनी खोज को जारी रखा कर ऑटोरिक्शा से करियर बनाने का फैसला किया. दिलीप कुमार के अनुसार, इस मॉडल से उन्हें लंबे समय में फायदा होगा जब उन्हें लंबी दूरी के असाइनमेंट और शूट करना होगा.

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